शोकेस में सजी मिठाई पर रेट के साथ लिखा होगा कब बनी और कब तक खा सकते हैं?
मिठाई कारोबारियों को नए निर्देश जारी किए है। एक जून से मिठाई विक्रेताओं की दुकानों पर सजी मिठाइयों पर रेट के साथ-साथ मेनुफेक्चरिंग और बेस्ट बिफोर डेट भी लिखी होगी।
सिरसा [आनंद भार्गव] पैकेड खाद्य पदार्थों की तरह अब शो केस में सजी मिठाइयों की ट्रे पर भी मेनुफेक्चरिंग और बेस्ट बिफोर लिखना होगा। यानि मिठाई कब बनाई गई है और इसे कब तक खा सकते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिठाई कारोबारियों को नए निर्देश जारी किए है। एक जून से मिठाई विक्रेताओं की दुकानों पर सजी मिठाइयों पर रेट के साथ-साथ मेनुफेक्चरिंग और बेस्ट बिफोर डेट भी लिखी होगी।
अक्सर हम पैकेड मिठाई खरीदते हैं उन पर तो बेस्ट बिफोर डेट लिखी होती है परंतु काउंटर में सजी मिठाइयों पर मिठाइयों के निर्माण या खराब होने की कोई जानकारी नहीं लिखी होती। मिठाई के डिब्बे पर कारोबारी 24 घंटे में प्रयोग करें या फ्रिज में रखे का निर्देश लिखकर अपनी जिम्मेवारी से बचते नजर आते है। परंतु अब ऐसा नही होगा। एफएसएसएआइ से आई नई गाइडलाइन को लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी मिठाई कारोबारियों की काउंसिलिंग करेंगे। हलवाई एसोसिएशन से संपर्क कर इन आदेशों को लागू करवाया जाएगा।
दुकानदार शो केस में रखी स्वीट ट्रे में मिठाई का रेट डिस्प्ले करते हैं। लेकिन मिठाई बनने की तारीख और उसे कब तक उपयोग में लाया जा सकता है इस बारे में नहीं लिखते। अब नई व्यवस्था के तहत दुकानदारों को शो केस में रखी मिठाई की ट्रे पर उसकी कीमत के साथ ही उसके बनाने और उपयोग करने की तारीख भी लिखनी होगी।
सिरसा में है 500 दुकानें
सिरसा जिला में मिठाई की छोटी बड़ी करीब 500 दुकानें है। शहरी क्षेत्र के अलावा अब गांवों व कस्बों में भी मिठाई की दुकानें है। जहां मिठाई बनाई जाती है और बेची जाती है। मिठाई को बनाने की प्रक्रिया व उसमें डाली गई सामग्री पर भी निर्भर करता है कि मिठाई कब तक प्रयोग की जा सकती है। छैने की मिठाई जहां जल्द खराब हो जाती है वहीं तल कर बनाई गई मिठाइयां लंबे समय तक प्रयोग की जा सकती है।
-----एफएसएसएआइ द्वारा नई गाइड लाइन जारी की गई है। जिसमें मिठाई विक्रेताओं को शो केस में ट्रे में लगाई मिठाइयों की मेन्युफेक्चरिंग व बेस्ट बिफोर डेट की जानकारी देनी होगी। एक जून से ये आदेश देशभर में प्रभावी होंगे। आदेशों के बारे में मिठाई विक्रेताओं को जानकारी दी जाएगी।
- महावीर सिंह, डेजिग्नेटिड ऑफिसर, फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट।