देश में हर तीन मिनट में दो मरीज टीबी के कारण होते हैं मौत का शिकार : अनिल गोयत
संवाद सहयोगी हांसी टीबी की रोकथाम के लिए सीएमओ डा. संजय दहिया व एसएमओ डा. कामिद मों
संवाद सहयोगी, हांसी : टीबी की रोकथाम के लिए सीएमओ डा. संजय दहिया व एसएमओ डा. कामिद मोंगा के निर्देश पर निकटवर्ती गांव भाटोल जाटान में एमपीएसडब्ल्यू अनिल गोयत ने घर-घर जाकर लोगों को टीबी की रोकथाम, कारण, लक्षण व उपचार की पूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर उनके साथ हेल्थ इंस्पेक्टर सज्जन सिंह, सुषमा गोयत एएनएम, रीना मोर एएनएम, आशा रेणु, सरोज, सन्तरा, मनीषा आदि उपस्थित थे। अनिल गोयत ने बताया कि टीबी का पूरा नाम है ट्यूबरकुल बेसिलाइ। यह एक छूत का रोग है और इसे प्रारंभिक अवस्था में ही न रोका गया तो जानलेवा साबित होता है। यह व्यक्ति को धीरे-धीरे मारता है। टीबी रोग को अन्य कई नाम से जाना जाता है, जैसे तपेदिक, क्षय रोग तथा यक्ष्मा। देश में हर तीन मिनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ देते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है। हेल्थ इंस्पेक्टर सज्जन सिंह ने बताया कि टीबी रोग एक बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी का रोग गाय में भी पाया जाता है। दूध में इसके जीवाणु निकलते हैं और बिना उबाले दूध को पीने वाले व्यक्ति रोगग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीबी रोग के कई कारण हैं, जैसे गरीबी के कारण अपर्याप्त व पौष्टिकता से कम भोजन, कम जगह में बहुत लोगों का रहना, स्वच्छता का अभाव तथा गाय का कच्चा दूध पीना आदि हैं, जिस व्यक्ति को टीबी है उसके संपर्क में रहने से, उसकी वस्तुओं का सेवन करने, प्रयोग करने से। उन्होंने कहा कि टीबी के मरीज द्वारा यहां-वहां थूक देने से इसके विषाणु उड़कर स्वस्थ व्यक्ति पर आक्रमण कर देते हैं। मदिरापान तथा धूम्रपान भी इस रोग का कारण हो सकता है।