एयरपोर्ट पर इंजीनियर करवा रहे तारबंदी, जबकि बीएंडआर ने नियुक्त किए थे एसडीओ, दो जेई
बीएंडआर की पी-6 विंग को खत्म कर बनाई गई है नई शाखा। पर्यावरण विभाग की एनओसी न मिलने से वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी काम शुरू नहीं। एयरपोर्ट की 4200 एकड़ जमीन की तारबंदी करवा रहे
हिसार [चेतन सिंह] इंजीनियर अगर सिर्फ तारबंदी का काम देखे यह सुनने में अजीब लगता है मगर यह सच है। बीएंडआर ने एयरपोर्ट पर स्पेशल कार्यों के लिए तीन महीने पहले नई शाखा बनवाई थी। इस विंग का काम सिर्फ एयरपोर्ट के काम देखना है। इस विंग में एडीओ सहित तीन सदस्यों का स्टाफ है। अभी फिलहाल यह विंग एयरपोर्ट पर तारबंदी करवा रही है।
पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण एयरपोर्ट पर दूसरे फेस के काम अटके हुए हैं। इसके अलावा हैंगर के सामने एप्रैण का कार्य भी रुका हुआ है। बीएंडआर ने अपनी पी-6 विंग खत्म करके अक्टूबर में नई विंग बनाई थी। पी-6 विंग का काम मेनटेनेंस का था। यह विंग आदमपुर, बरवाला, उकलाना और हिसार में मेनटेनेंस में कार्य देखती थी। मगर अब इस विंग को खत्म कर नई विंग बना दी है।
4200 एकड़ जमीन की तारबंदी शुरू
पर्यावरण विभाग की एनओसी न मिलने के कारण कोई भी काम न होने कारण इंजीनियरों ने एयरपोर्ट की तारबंदी का काम शुरू कर दिया है। सिविल एविएशन डिपार्टमेंट को एयरपोर्ट की अब तक करीब 4200 एकड़ जमीन ट्रांसफर हो चुकी है। इसके अलावा करीब तीन हजार एकड़ जमीन के ट्रांसर्फर होने का प्रोसेस चल रहा है। ऐसे में बीएंडआर अभी 4200 एकड़ जमीन की तारबंदी करवा रहा है। इसके लिए सीमेंट के खंभे लगाए जा रहे हैं।
बीएंडआर की नई विंग में ये हैं अधिकारी
- एसडीओ- मांगे राम लांबा
- जेई- सतपाल
- जेई- सौरभ
दूसरे फेस के यह काम अटके
रनवे- अभी एयरपोर्ट पर 4000 मीटर का रनवे है। दूसरे फेज में इसे बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से करीब 9000 मीटर का बनाया जाना है। नौ माह पहले इसका टेंडर ओपन कर वर्क अलॉट हो चुका है। मगर काम आज तक शुरू नहीं हुआ।
एप्रेण- एयरपोर्ट पर तीन हैंगर बने हैं। इन हैंगरों के आगे फर्श बनाया जाना है। इसको एप्रैण कहते हैं। चार माह पहले इसके भी वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं मगर इन्वारमेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण इसका काम रुका हुआ है।
--इन्वायरमेंट क्लीयरेंस न होने कारण एयरपोर्ट पर काम अटके पड़े हैं। मेरी और दो जेई की नियुक्ति एयरपोर्ट पर स्पेशल कार्यों को लेकर हुई थी। मगर काम ठप पड़े हैं।
- मांगे राम लांबा, एसडीओ, बीएंडआर।