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हिसार में 400 गज जमीन का मामला, बिजली निगम की कर्मचारियों ने गीतिका जाखड़ के स्वजनों की गिरफ्तारी की मांग उठाई

बिजली निगम के अनुसार सन 1952 से राजगढ़ रोड पर 8.31 एकड़ जमीन बिजली निगम के नाम है। मामले में कर्मचारी यूनियन से दलबीर श्योराण ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार चाहरदीवारी के निर्माण के समय पहले वीडियो बनाने लगा और माता-पिता काम को रोकने के लिए विरोध करने लगे।

By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalPublished: Tue, 04 Oct 2022 09:28 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 09:28 PM (IST)
हिसार में 400 गज जमीन का मामला, बिजली निगम की कर्मचारियों ने गीतिका जाखड़ के स्वजनों की गिरफ्तारी की मांग उठाई
कर्मचारी यूनियन का आरोप, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, शरारती तत्वों ने किया हुआ कब्जा। फाइल फोटो

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के लाजपत नगर के साथ लगती 400 गज जमीन पर बिजली निगम द्वारा चाहरदिवारी का नव निर्माण करते समय नायब तहसीलदार और उनके परिजनों द्वारा बिजली निगम कर्मियों के बीच हुए झगड़े के मामले में सर्कल की कर्मचारी यूनियन ने मंगलवार को काफी देर तक रोष प्रदर्शन किया कर्मचारी यूनियन ने मांग की है कि नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ और उनके पिता की जल्द गिरफ्तारी की जाए। कर्मचारी यूनियन से दलबीर श्योराण ने कहा कि पुलिस को शिकायत दिए हुए काफी समय बीत चुका है। मगर अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है और ना ही नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी की है।

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कर्मचारी यूनियन ने लगाया आरोप

कर्मचारी यूनियन से दलबीर श्योराण ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार चाहरदीवारी के निर्माण के समय पहले वीडियो बनाने लगा और उनके माता-पिता काम को रोकने के लिए विरोध करने लगे। जब बिजली निगम कर्मियों ने उनको रोकने की कोशिश की तो नायब तहसीलदार ने महिला कर्मी के साथ मारपीट की। इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही और इसमें प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

वही नायब तहसीलदार के परिजन भी प्रशासन से मिल चुके हैं और उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पुलिस को शिकायत दी हुई है नायब तहसीलदार के परिजनों ने भी बिजली निगम कर्मियों के खिलाफ शिकायत दी हुई है।

पैमाइश कराने पर चलेगा पता

नायब तहसीलदार बलराम के पिता सतबीर फोगाट के अनुसार यह जमीन उसके व उसकी पत्नी उषा के नाम है और इसकी बकायदा रजिस्ट्री है। पहले सन् 1965 में यह जमीन प्यारेलाल के नाम थी। जो लोग पाकिस्तान से यहां आए थे, उनके नाम यह जमीन थी। साल 2007 में यह जमीन उन्होंने ली थी। 2 सितंबर को उन्होंने डीसी व एडीसी को पैमाइश कराने के लिए शिकायत दी थी।

7 सितंबर को पैमाइश कराई थी और बिजली निगम ने सहमति भी जताई थी। इसके बाद उन्होंने जमीन पर पौधे लगाकर खंभे लगाकर तारें खिंचवाई थी। बिजली निगम ने कोई नोटिस नहीं दिया। सीधा शुक्रवार सुबह बिजली निगम के करीब 400 कर्मी आए और खंभों को उखाड़ फेंका। उसकी पत्नी के साथ मारपीट की और फोन छीन लिया। हमें कोई आपत्ति नहीं है। पैमाइश करवा लो। उसमें पता चल जाएगा कि जमीन किसकी है।

सन 1952 से 8.31 एकड़ जमीन बिजली निगम के नाम

बिजली निगम के अनुसार सन 1952 से राजगढ़ रोड पर 8.31 एकड़ जमीन बिजली निगम के नाम है। इस जमीन के चारों तरफ की चाहरदीवारी काफी जर्जर हो चुकी थी। इस वजह से चाहरदीवारी का नवनिर्माण के लिए करीब 16 लाख रुपये का वर्क आर्डर हुआ था। लाजपत नगर के साथ लगती जमीन की चाहरदीवारी भी नई बनानी थी। इसलिए जर्जर दीवार को कुछ दिन पहले तोड़ दिया था।

मगर चार दिन पहले ही नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने 400 गज जमीन पर खंभों लगाकर तारें खिंचवा दी। उन्होंने शुक्रवार उन खंभों को हटवाया तो बलराम व उसके माता-पिता सहित अन्य लोग विरोध जताने के लिए पहुंचे। जब बिजली निगम के कर्मियों ने उनको हटवाने की कोशिश की तो नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ महिला कर्मियों के साथ मारपीट करने लगा। तीन साल पहले पैमाइश करवाई थी।


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