झज्जर में सरकारी स्कूलों में दाखिलों पर दिया जोर, ग्रामीण क्षेत्र में डोर-टू-डोर जाएंगे अध्यापक
हरियाणा में बीते शैक्षणिक सत्र के दौरान सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक कुल 25 लाख 8 हजार 737 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। जिनमें से झज्जर जिले के कुल 64 हजार 405 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया हुआ था।
झज्जर, जागरण संवाददाता। झज्जर शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके बाद अब स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए गुरुजी डोर-टू-डोर जाएंगे। इस दौरान विद्यार्थियों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। इसके लिए एसएमसी, समाज सेवी लोगों व बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक करके भी दाखिले को लेकर चर्चा की जाएगी। ना केवल दाखिला बढ़ाना बल्कि ड्राप आउट को रोकने के लिए भी अध्यापकों द्वारा प्रयास किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया 12 अप्रैल से शुरू हो चुकी है।
पढ़ाई जल्द शुरू हो
रिजल्ट घोषित होने के बाद विद्यार्थी दाखिले को लेकर उत्साहित थे। पास होने वाले बच्चे अगली कक्षाओं में दाखिला करवाने को लेकर खुशी हैं। कोरोना महामारी के बीच बीते पिछले शैक्षणिक सत्र के बाद अब नए शैक्षणिक सत्र में सभी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। अध्यापक हो, बच्चे हो या अभिभावक सभी यह ही चाहते हैं कि दाखिला जल्दी हो और पढ़ाई शुरू हो पाए। प्रदेश की बात करें तो बीते शैक्षणिक सत्र के दौरान सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक कुल 25 लाख 8 हजार 737 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। जिनमें से झज्जर जिले के कुल 64 हजार 405 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया हुआ था। जिले में सबसे अधिक ग्यारहवीं कक्षा में कुल 7418 विद्यार्थी व सबसे कम कक्षा दूसरी में कुल 4649 विद्यार्थी थे।
हिंदी माध्यम से पढ़ाई नहीं होगी
माडल संस्कृति स्कूलों में भी दाखिला प्रक्रिया चल रही है। जिले की बात करें तो 28 प्राइमरी व 7 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को माडल संस्कृति स्कूलों में तब्दील किया गया है। माडल संस्कृति स्कूलों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को 25 अप्रैल तक आवेदन करने होंगे। इसके बाद 26 अप्रैल को ड्रा निकाला जाएगा। वहीं प्रतीक्षा सूची का दाखिला 1 मई को होगा। अगर सीटें रिक्त बचती हैं तो बची हुई सीटों पर 2 मई को दूसरी सूची जारी की जाएगी। माडल संस्कृति स्कूलों में केवल अंग्रेजी माध्यम से ही पढ़ाई करवाई जाएगी, हिंदी माध्यम से पढ़ाई नहीं होगी।