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खुद पर बोझ कहने पर भी नहीं टूटी एकता, टोक्यो पैरा ओलंपिक का पाया टिकट

कमर के नीचे का हिस्‍सा काम नहीं करने के बावजूद हिसार की एकता भ्याण ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में क्वालीफाई कर लिया है। एकता भ्याण हिसार में बतौर सहायक रोजगार अधिकारी पद पर कार्यरत हैं

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 01:55 PM (IST)
खुद पर बोझ कहने पर भी नहीं टूटी एकता, टोक्यो पैरा ओलंपिक का पाया टिकट

हिसार, जेएनएन। जिंदगी की तमाम कठिनाइयों को हराकर जीत के जुनून व कड़ी मेहनत के बल पर कमर के नीचे का हिस्‍सा काम नहीं करने के बावजूद हिसार की एकता भ्याण ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में क्वालीफाई कर लिया है। यही कारण है कि हादसे के बाद जिस एकता को लोग खुद पर बोझ कहते थे उसी ने लोगों का नजरिया बदल कर रख दिया। एकता का चयन 2020 में जापान, टोक्यो में आयोजित होने वाले पैरा ओलंपिक में क्लब थ्रो खेल में हुआ है, जिसमें वे देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।

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उनका चयन नंवबर में दुबई में आयोजित हुई वर्ल्‍ड क्लब थ्रो चैंपियनशिप में बेस्ट परफोर्मेंस के आधार पर हुआ है। दुबई में आयोजित इस प्रतियोगिता में हिसार की एकता भ्याण ने बेहतर खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर ओलंपिक की टिकट हासिल की है। इससे पूर्व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एकता की काबलियत को सराहा और मन की बात में एकता का जिक्र किया था।

रीढ़ में चोट के कारण हुआ पैरालाइज

एकता भ्याण हिसार में बतौर सहायक रोजगार अधिकारी के पद पर कार्यरत है। करीब डेढ़ दशक पहले एक सड़क दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण एकता के शरीर का कमर के नीचे का हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया था। तभी से वह व्हीलचेयर के माध्यम से चल पाती है। मगर एकता भ्याण ने हार नहीं मानी।

कड़ी मेहनत से विपरीत परिस्थितियों को भी हराया

दुर्घटना के कई साल बाद एकता की मुलाकात अर्जुन अवार्डी खिलाड़ी अमित सरोहा से हुई। इस मुलाकात के बाद एकता की जिंदगी मानो बदल गई। उसने खेल को चुना और कड़ी मेहनत शुरू की। यहीं से उसके जीवन में नया मोड़ आया। कड़ी मेहनत कर विपरीत परिस्थितियों को हराते हुए खेल में जीत हासिल करना शुरू किया। साल 2016 में एकता ने राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स खेल में स्वर्ण पदक जीता। साल 2018 में एकता भ्याण को दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2018 का सम्मान मिला। इसके बाद कई पदक जीते और ओलंपिक में जाने का लक्ष्य बनाया। उनका लक्ष्य दुबई में आयोजित चैंपियनशिप में पूरा हुआ। फिलहाल एकता का जीवन संघर्ष की मिसाल बन गया है जो दूसरों को प्रेरणा दे रहा है।


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