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ट्रेडमार्ट कंपनी के आठवीं पास डायरेक्टर आनंदपाल ने साथियों संग मिलकर किया 50 करोड़ से ज्यादा का गोलमाल

राजेश स्वामी, हिसार : ट्रेडमार्ट कंपनी के डायरेक्टर आनंदपाल ने पुलिस पूछताछ में बताया ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 08:50 AM (IST)
ट्रेडमार्ट कंपनी के आठवीं पास डायरेक्टर आनंदपाल ने साथियों संग मिलकर किया 50 करोड़ से ज्यादा का गोलमाल
ट्रेडमार्ट कंपनी के आठवीं पास डायरेक्टर आनंदपाल ने साथियों संग मिलकर किया 50 करोड़ से ज्यादा का गोलमाल

राजेश स्वामी, हिसार :

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ट्रेडमार्ट कंपनी के डायरेक्टर आनंदपाल ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वह आठवीं पास है और तीन साल पहले तक नरवाना के एक पेट्रोल पंप पर का¨रदे के तौर पर काम करता था। बेटे को जॉब मिली तो उसने पंप की नौकरी छोड़ दी थी। पुलिस की मानें तो ट्रेडमार्ट कंपनी के गोलमाल का आंकड़ा 50 करोड़ रुपये से पार का है। पुलिस के अनुसार आनंद पाल आठवीं पास है और करीब 15 साल पहले झज्जर के गांव भरानी से नरवाना में परिवार समेत आकर रहने लगा था।

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26 जून से 5 सितंबर के बीच किया हेरफेर

- जानकारी के अनुसार नरवाना के हरिनगर के आनंदपाल, उसके बेटे के दोस्त रोहताश चौहान, आनंदपाल के बेटे के एक दोस्त के पिता शमेशर ¨सह, फतेहाबाद के बनगांव के नवीन कुमार और दो अन्य ने इस साल 5 जून को फतेहाबाद के एक होटल में मी¨टग की थी। उन्होंने मी¨टग में गहन मंत्रणा कर फ्यूचर मेकर कंपनी की तर्ज पर हिसार में कंपनी खोलने का फैसला किया था। वहां हुई वार्ता के बाद आनंदपाल और शमशेर ¨सह ने सीए के माध्यम से 26 जून को ट्रेडमार्ट कंपनी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था।

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जुड़ने वाले लोगों को भ्रमित कर लगाते रहे चूना - जानकारी के अनुसार कंपनी से लोग जुड़ने लगे। कंपनी ने पंजाब के एक इंजीनियर से कंपनी से संबंधित एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया। कंपनी से जुड़ने वाले लोगों को कोड नंबर दिया गया। उससे मेंबर ¨लक थे। मेंबर रुपये जमा कराते तो बाकायदा उनके पास वेल्कम का मैसेज भेजा जाता था। इससे मेंबर को अहसास होता कि उसकी रकम कंपनी में जमा हो गई है। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और कंपनी में लेन-देन का आंकड़ा थोड़े समय में 50 करोड़ पार हो गया। मेंबर ऑनलाइन चेक करते तो चेन सिस्टम में उनके आगे काफी मेंबर बने दिखा दिए जाते। यह खेल हर मेंबर के साथ होता था। मेंबर चेन सिस्टम में काफी नये मेंबर जुड़ने का पता चलने पर खुश हो जाते। जबकि कंपनी की तरफ से काफी मेंबर जुड़ने का झूठा मैसेज डाला जाता था। कंपनी के सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते में 2.25 करोड़ रुपये जमा हैं। इस खाते में 5 करोड़ रुपये तक जमा हुए थे। इसके अलावा पंजाब के बठिंडा के एक बैंक के खाते में कंपनी के महज 75 हजार रुपये जमा हैं। पुलिस ने दोनों खाते सीज करा दिए हैं।

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यह लोकलुभावनी स्कीम बताते थे कंपनी मेंबर को लालच देती थी। मेंबर को बताया जाता था कि 10 हजार रुपये जमा कराने वाले मेंबर को 24 हफ्ते तक हर हफ्ते 1500 रुपये दिए जाएंगे। इसी तर्ज पर 32,500 रुपये जमा कराने वाले को हर हफ्ते 6000 रुपये, 1 लाख रुपये जमा कराने वाले मेंबर को हर हफ्ते 19,500 रुपये और 3.25 लाख रुपये जमा कराने वाले मेंबर को 24 हफ्ते तक हर हफ्ते 60 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा अलग टारगेट पूरा करने वाले मेंबर को बरेजा गाड़ी और बुलेट मोटरसाइकिल देने का लालच दिया जाता था।

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एसआइटी कर रही है मामले की जांच सिविल लाइन पुलिस ने इस संबंध में 8 सितंबर को केस दर्ज किया था। पुलिस प्रबंधन ने जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था। उसमें डीएसपी अमरजीत ¨सह, सिविल लाइन प्रभारी नरेंद्र पाल, सेक्टर 9-11 चौकी इंचार्ज राजेश कुमार, ईएचसी भगवान दास और राजकुमार को शामिल किया गया है। एसआइटी एक आरोपित को पहले गिरफ्तार कर चुकी है।


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