Move to Jagran APP

'असर' रिपोर्ट में खुलासा: सरकारी स्‍कूल में दूसरी कि किताबें नहीं पढ़ पाते 5वीं कक्षा के बच्चे

असर यानी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में सरकारी स्कूल के शिक्षा स्तर को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट माध्यमिक और प्राइमरी स्कूलों के हालात को उजागर कर रही है

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 07:15 PM (IST)
'असर' रिपोर्ट में खुलासा: सरकारी स्‍कूल में दूसरी कि किताबें नहीं पढ़ पाते 5वीं कक्षा के बच्चे

हांसी/‍हिसार [मनप्रीत सिंह] अंग्रेजी आती नहीं, गुणा-भाग कर नहीं सकते, यानी इंग्लिश में कमजोर और गणित में डिब्बा गोल। ये सूरत-ए-हाल है हिसार मंडल के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों के सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों का। इसी हफ्ते संसद में पेश की गई 'असर' यानी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में हिसार मंडल के सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को लेकर भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सरकारी स्कूलों का आलम ये है कि तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के 39 फीसद बच्चे दूसरी कक्षा की किताबों को भी नहीं पढ़ पा रहे।

loksabha election banner

देश की प्राइमरी शिक्षा के सर्वेक्षण के लिए 'असर' द्वारा साल 2005 से लगातार वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की जाती है। यह रिपोर्ट देश के माध्यमिक और प्राइमरी स्कूलों के धरातल पर हालात को उजागर करती है। लाख कोशिशों के बावजूद शिक्षा का स्तर नहीं सुधर पा रहा है। बड़ी उपलब्धियों का दम भरने वाली सरकारें आजादी के 70 बरस बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने में फेल साबित हुई हैं।

हाल ही में जारी हुई असर रिपोर्ट में हिसार मंडल (जींद, फतेहबाद, हिसार, सिरसा) के स्कूलों के आकड़े भी शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि प्राइमरी स्कूलों के 39 फीसद बच्चे दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ सकते हैं व माध्यमिक स्कूलों ऐसे छात्रों की संख्या 17 फीसद है। रिपोर्ट आने के बाद सरकार व शिक्षा विभाग के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें आ गयी हैं व शिक्षा में सुधार के प्रयास तेज कर दिए हैं। लेकिन ये तो भविष्य के गर्भ में है कि सरकार के दावे कितने सफल हो पाते हैं।

 ये रही स्थिति                                   कक्षा 3 से 5          कक्षा 6 से 8

दूसरी कक्षा की किताबें पढऩे में फेल      39 फीसद            17 फीसद

गुणा-भाग व जमा-घटा करने में फेल      30 फीसद            35 फीसद

 सरकारी स्कूलों में बढ़ा रुझान

'असर' रिपोर्ट के अनुसार हिसार मंडल में 6-14 साल के 53.9 फीसद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं जो 2016 में 56 फीसद थे। आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकारी स्कूलों में 3 फीसद एनरोलमेंट बढ़ा है। लेकिन करीब 50 फीसद छात्रों का बड़ा हिस्सा अभी भी प्राइवेट स्कूलों में महंगी शिक्षा लेने को मजबूर है।

प्राइमरी में आंशिक सुधार, माध्यमिक में नुकसान

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि हिसार मंडल के पांच जिलों के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षा में तो आंशिक सुधार देखने को मिला है। 2016 में जहां 59 फीसद बच्चे दूसरी कक्षा की किताबें पढ़ पाए थे, वहीं अब यह आंकड़ा 61.1 फीसद पहुंच गया है। लेकिन माध्यमिक शिक्षा में इतना ही नुकसान देखने को मिला है। 2016 मे जहां 66 फीसद बच्चे गणित के सवालों में पास हुए थे वहीं वर्तमान रिपोर्ट में 65 ही गुणा भाग के सवालों को हल कर पाए।

सबसे बड़ी राहत सौ फीसद एनरोलमेंट की तरफ हिसार मंडल

'असर' रिपोर्ट के अनुसार हिसार मंडल में महज 0.3 फीसद बच्चे ही स्कूलों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, 2016 की रिपोर्ट में हिसार मंडल में 99 फीसद बच्चों का स्कूलों में दाखिला था और एक फीसद बच्चे स्कूलों में नहीं पहुंच रहे थे। रिपोर्ट बताती है कि हिसार मंडल के पांचों जिले बच्चों के सौ फीसद एनरोलमेंट की तरफ बढ़ रहे हैं। जबकि पूरे हरियाणा में 2.8 फीसद बच्चों का स्कूलों में दाखिला नहीं है।

जो रिपोर्ट आई है वे आंकड़े चौंकाने वाले है। नए सत्र से इस दिशा में सुधार के व्यापक प्रबंध किए जाएंगे।

सुभाष वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.