फ्यूचर मेकर कंपनी के बैंक खातों में जमा करोड़ों रुपये जब्त करेगा ED
प्रवर्तन निदेशालय कंपनी के हिसार स्थित इंडसएंड बैंक के खाते में जमा करीब 15 करोड़ से अधिक धनराशि को जब्त करने जा रहा है। इसके लिए सेंट्रल जीएसटी और संबंधित बैंक को पत्र भी लिखा है
हिसार [वैभव शर्मा] मल्टी लेवल मार्केङ्क्षटग के फार्मूले से लोगों को करोड़पति बनाने का सपना दिखाने वाली फ्यूचर मेकर कंपनी अब पूरी तरीके से पुलिस के शिकंजे में है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी अहम भूमिका निभाता नजर आ रहा है। अब प्रवर्तन निदेशालय कंपनी के हिसार स्थित इंडसएंड बैंक के खाते में जमा करीब 15 करोड़ से अधिक धनराशि को जब्त करने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सेंट्रल जीएसटी और संबंधित बैंक को भी पत्र लिखा है। इसमें सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों से स्वीकृति मांगी है कि वह उन्हें धनराशि जब्त करने की स्वीकृति दें। क्योंकि सेंट्रल जीएसटी के तत्कालीन अधिकारियों ने ही इस खाते को सीज किया था।
सेंट्रल जीएसटी ने किए थे खाते अटैच, ईडी को भी लिखा था
जिस समय फ्यूचर मेकर कंपनी लोगों के साथ बड़े स्तर पर फ्रॉड कर रही थी, ठीक उसी समय हिसार के सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों को भी इस बात की भनक लग गई थी। उस समय सेंट्रल जीएसटी में तैनात तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर व वर्तमान में डिप्टी कमिश्नर सेंट्रल जीएसटी रोहतक दिनेश बिश्नोई जिस दिन इस फर्म पर कार्रवाई करने वाले थे, ठीक उसी दिन तेलंगाना पुलिस ने रेड कर दी थी। ऐसे में सेंट्रल जीएसटी के अधिकरियों की टीम के हाथ तो कुछ नहीं आया, मगर उन्होंने एतिहातन तौर पर कंपनी के बैंक अकाउंट अटैच कर दिए और प्रवर्तन निदेशालय को इस बाबत पत्र लिखकर भी सूचित कर दिया कि यह मामला मनी लॉङ्क्षड्रग से जुड़ा प्रतीत होता है। संभवत: तभी से ईडी इस मामले पर काम कर रही थी।
एचडीएफसी बैंक खाते में जमा हैं 250 करोड़ रुपये
अभी ईडी इंडसएंड बैंक के खाते में जमा धनराशि को जब्त कर रही है। सूत्र बताते हैं कि आगे चलकर कंपनी के एचडीएफसी बैंक के खाते की धनराशि भी जब्त की जा सकती है। इस खाते में करीब 250 करोड़ रुपये जमा हैं।
ये है फ्यूचर मेकर कंपनी से जुड़ा प्रकरण
पिछले वर्ष हिसार में फ्यूचर मेकर कंपनी कपड़े व अन्य वस्तुओं को साथ लेकर मल्टी लेवल मार्केङ्क्षटग के फार्मूले से व्यापार करने आई थी। इसमें देश के कई हिस्सों से लोगों ने लाखों-करोड़ों रुपये निवेश किया। इसके बाद तेलंगाना में कंपनी की शिकायत के बाद तेलंगाना पुलिस ने कंपनी के संचालकों को गिरफ्तार किया। कंपनी और उसके संचालकों की संपत्ति अटैच कर ली गई है। इस मामले में एसआइटी का गठन हुआ था। इस मामले की जांच अभी भी जारी है।
--प्रवर्तन निदेशालय का पत्र मिला है, इसके तहत जो भी विभागीय कार्यवाही होगी, उसे अमल में लाया जा रहा है।
दिनेश बिश्नाई, डिप्टी कमिश्नर, सेंट्रल जीएसटी, रोहतक।