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ई-रिक्शा चालक की हत्या कर 2 साल से फरार था आरोपित, यूपी से हिसार में रिश्तेदार से मिलने आया और पकड़ा गया

हिसार में ई-रिक्शा चालक की हत्या करने के मामले की गुत्थी सुलझ गयी है दो साल से फरार 10 हजार रुपए का इनामी वांछित आरोपित गिरफ्तार कर लिया गया है। शराब पीने के दौरान हत्या कर दी गई थी।

By Subhash ChanderEdited By: Manoj KumarPublished: Wed, 30 Nov 2022 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 07:52 AM (IST)
ई-रिक्शा चालक की हत्या कर 2 साल से फरार था आरोपित, यूपी से हिसार में रिश्तेदार से मिलने आया और पकड़ा गया
ई-रिक्शा चालक हत्या मामले की गुत्थी सुलझी, दो साल से फरार 10 हजार रुपए का इनामी वांछित आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, हिसार: दो साल पहले बगला रोड टी प्वाइंट पर की गई ई रिक्शा चालक की हत्या के मामले में फरार चल रहे 10 हजार रुपये के इनामी वांछित आरोपित उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के नगला वदिक गांव के रहने वाले गिरिराज को स्पेशल स्टाफ पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित पर सदर थाना धारा 302/34 के तहत नौ नवंबर 2020 को केस दर्ज किया गया था।

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पुलिस उप अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि नौ नवंबर 2020 को थाना में सूचना प्राप्त हुई कि बगला रोड पर सड़क किनारे एक ई रिक्शा पलटी हुई है और ई-रिक्शा में एक युवक की लाश पड़ी है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची। घटना स्थल पर मृतक की पहचान उतर प्रदेश के हाथरस के चित्रपुर निवासी और हाल हिसार में ढाणी श्याम लाल में रह रहे राजेश के रूप में हुई। घटना स्थल पर पुलिस टीम को कई गणमान्य व्यक्ति और मृतक राजेश का भाई दिनेश मिला।

दिनेश ने पुलिस को शिकायत दी कि वे चारों भाई करीब नौ वर्षों से ढाणी श्यामलाल में अलग-अलग किराए के कमरे लेकर अपने बच्चों सहित रहते है। उसका भाई राजेश किराए की ई-रिक्शा चलाता था। आठ नवंबर 2020 की सुबह राजेश ने बताया था कि वह दो भैंस व्यापारियों को लेकर न्योली जा रहा है। उसका भाई पिछले पांच दिनों से उन्हीं व्यापारियों के साथ 600 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी लेकर हिसार के आसपास के गांवों में जाता था और रोजाना शाम को लौटकर अपने घर आ जाता था। लेकिन आठ जनवरी को उसका भाई काम से लौटकर घर नहीं आया, उस शाम उसकी भाभी ने उसे बताया कि उसका भाई काम से लौटकर नही आया है। इसके बाद उन तीनो भाईयो ने रात को आसपड़ाेस में राजेश की तलाश शुरू की, लेकिन राजेश का कहीं पता नही लगा और उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था। नौ नवंबर 2020 की सुबह वह अपने भाई राजेश की तलाश के लिए गांव न्योली की तरफ जा रहा था तो उसने रास्ते में बगला रोड पर सड़क के साईड में कई व्यक्ति एकत्रित हुए देखे तो उसने नजदीक जाकर देखा तो उसके भाई राजेश की ई- रिक्शा गड्डो में पलटी हुई थी और उसमें उसके भाई राजेश का शव पड़़ा था। राजेश के सिर में गंभीर चोटों के निशान थे। आरोपित को अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया गया है।

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पुलिस उप अधीक्षक अशोक ने बताया कि राजेश की हत्या का शक भैंस व्यापारियों पर जताया गया था। लेकिन पुलिस जांच में सामने आया कि राजेश की हत्या गिरिराज ने की थी। आरोपित गिरिराज उत्तर प्रदेश से 2016 से मजदूरी करने के लिए हिसार आता जाता रहता था। 2020 में वह फिर से हिसार आया और सब्जी मंडी में मजदूरी करने लगा। सब्जी मंडी में आरोपित की मुलाकात मृतक राजेश से हुई और वह कई बार राजेश के साथ सब्जी देने के लिए गया था। राजेश ने इसी दौरान आरोपित की मुलाकात एक ओर व्यक्ति रिंकू से भी करवाई थी। ये तीनों इकट्ठे शराब पीते थे। राजेश के पास उतर प्रदेश के भैंस खरीदने वाले व्यापारी आते थे। राजेश उन व्यापारियों को अपनी ई-रिक्शा में बैठाकर आसपास के गांव में भैंस दिखाने के लिए लेकर जाता था। चार नवंबर 2020 को उतर प्रदेश के भैंस खरीदने वाले व्यापारी राजेश उर्फ राजू के पास आए हुए थे। राजेश उर्फ राजू लगातार दो दिन भैंस खरीदने वाले व्यापारियों को अपनी ई-रिक्शा में लेकर पीरांवाली, ढंढूर, बगला, न्योली आदि जगह लेकर गया था और इस दौरान आरोपित गिरिराज भी राजेश उर्फ राजू के साथ था। शाम को वापिस आते समय आरोपित व राजेश ने शराब पी थी। आठ नवंबर 2020 को राजेश और गिरिराज ई-रिक्शा में बैठकर न्योली कलां, ढंढूर व बगला गए थे। वापसी के समय दोनों ने शराब पी और शराब के नशे में राजेश उर्फ राजू गिरिराज को गालियां देने लगा। जिस पर गिरिराज ने राजेश को जमीन पर पटक दिया और पास में पड़ी ईंट उठाकर राजेश उर्फ राजू के मुंह व सिर पर चोटे मारे। चोटे लगने के कारण राजेश उर्फ राजू की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपित गिरिराज ने राजेश उर्फ राजू की ई-रिक्शा को बगला रोड पर सड़क के किनारे गड्डो में धकेल दिया और राजेश उर्फ राजू की लाश को उठाकर ई-रिक्शा में डाल दिया। राजेश उर्फ राजू को जान से मारने के बाद वह मौके से भाग गया था। हत्या की वारदात के बाद आरोपित हिमाचल में अलग अलग जगहों पर, जयपुर, बुलंदशहर और गुजरात में भी छिपता रहा और वहां मजदूरी करता रहा। आरोपित ने मोबाइल नंबर भी रिंकू के नाम पर ले रखा था। जिसे इसने वारदात के बाद कही फेंक दिया। आरोपित हिसार अपने किसी परिचित से मिलने आया था। जहां स्पेशल स्टाफ की पुलिस टीम जिसमें उप निरीक्षक सुरेंद्र, ईएसआई भूप सिंह, ईएसआई राजकुमार, सिपाही प्रदीप और सिपाही अनिल कुमार ने लाहोरिया चौक से गिरफ्तार किया। पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि पुलिस रिकार्ड के मुताबिक आरोपित पर पहले भी आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है। आरोपित गिरिराज पर लूट के मामले में थाना कासगंज में धारा 394 के तहत केस दर्ज है। इसके साथ ही आरोपित को अदालत द्वारा आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने पर पाबंद भी किया गया था। इन मामलों में आरोपित जमानत पर रिहा है।


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