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दुष्यंत चौटाला ने अनिल विज पर दर्ज मानहानि का केस लिया वापस, गठबंधन में भी होती रही सुनवाई

दुष्यंत ने हिसार में जेएमआईसी अंतरप्रीत की अदालत में विज के खिलाफ चल रहे मानहानि के केस को वापस ले लिया है। दुुष्यंत और विज का कोर्ट से बाहर समझौता होने पर उन्होंने अदालत में विज के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस लेने की अर्जी दी है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jun 2022 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jun 2022 09:45 AM (IST)
दुष्यंत चौटाला ने अनिल विज पर दर्ज मानहानि का केस लिया वापस, गठबंधन में भी होती रही सुनवाई
2018 में अनिल विज के खिलाफ दुष्यंत ने हिसार अदालत में मानहानि का केस किया था दायर

जागरण संवाददाता, हिसार: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रही कानूनी जंग आखिरकार चार साल बाद खत्म हो गई। दुष्यंत ने हिसार में जेएमआईसी अंतरप्रीत की अदालत में विज के खिलाफ चल रहे मानहानि के केस को वापस ले लिया है। मामले में जानकारी देते हुए चौटाला के अधिवक्ता पीके संधीर ने बताया कि इस मामले में दुुष्यंत और विज का कोर्ट से बाहर समझौता होने पर उन्होंने अदालत में विज के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस लेने की अर्जी दी है।

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उल्लेखनीय है कि दुष्यंत चौटाला ने सात मई 2018 को अनिल विज के खिलाफ हिसार की अदालत में मानहानि का केस दायर किया था। इस पर दुष्यंत चौटाला ने अनिल विज को मानहानि का नोटिस भिजवाया था। इसकी समय सीमा पूरी होने के बाद कोर्ट में आईपीसी की धारा 499 व 500 के तहत इस्तगासा दायर किया गया था। इन धाराओं में अपराध सिद्ध होने पर दो साल जेल की सजा व जुर्माने का प्राविधान है। उस समय दुष्यंत हिसार से इनेलो के लोकसभा सांसद और विज स्वास्थ्य मंत्री थे।

यहां से शुरू हुई थी कानूनी जंग

वर्तमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 18 मार्च 2018 को प्रैस कांफ्रेस करते हुए अनिल विज के स्वास्थ्य विभाग पर आरटीआई रिपोर्ट के आधार पर करोड़ों रुपये के दवा घोटाले और उपकरण खरीद का आरोप लगाया था। उस दौरान दुष्यंत ने इस मामले में जांच की मांग की थी। लेकिन इसके बाद अनिल विज ने एक बयान मीडिया को दिया था। दुष्यंत ने इस मामले में जांच की मांग की थी। लेकिन अनिल विज ने तीन अप्रैल 2018 को दुष्यंत चौटाला के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि दुष्यंत जिस क्षेत्र से संबंधित है, वहां नशा बहुत अधिक है। इसलिए उन्हें लगता है कि दुष्यंत ने नशा करना शुरु कर दिया है, इसलिए दुष्यंत को नशा मुक्ति केंद्र में भेज देना चाहिए।

इस टिप्पणी के विरोध में दुष्यंत ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। इसमें दुष्यंत और उसके साथ पांच लोगों के बयान भी हुए थे। कोरोना के कारण करीब दो साल तक इस मामले में सुनवाई नहीं हुई। इस बीच दुष्यंत उप मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन इसके बाद अनिल विज और दुष्यंत ने आपस में बातचीत कर मामला ही खत्म कर दिया। जिसके बाद अब दुष्यंत चौटाला की तरफ से मानहानि के केस को वापिस ले लिया गया है। जिस समय यह विवाद हुआ उस समय दुष्यंत हिसार से लोक सभा सांसद थे।

नशेड़ी कहने पर छिड़ गया था राजनीतिक घमासान

तत्कालीन सांसद दुष्यंत ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें नशेड़ी बताते हुए किसी नशामुक्ति केंद्र से इलाज कराने की नसीहत दी है। इसके बाद राजनीतिक घमासान छिड़ गया था।


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