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2019 में हिसार सीट पर एक हलके में ही आगे रहे 2014 में भाजपा+हजकां से नहीं हारने वाले दुष्‍यंत

पूर्व सांसद ने जिस तीन विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी उनमें से वह नारनौंद में ही हासिल कर पाए है। भव्य ने उनके परिवार के पिछले चुनाव में जीते छह विधानसभा हलकों सहित हार सही।

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 05:13 PM (IST)
2019 में हिसार सीट पर एक हलके में ही आगे रहे 2014 में भाजपा+हजकां से नहीं हारने वाले दुष्‍यंत
2019 में हिसार सीट पर एक हलके में ही आगे रहे 2014 में भाजपा+हजकां से नहीं हारने वाले दुष्‍यंत

हिसार, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के नई समीकरणों ने सभी प्रत्याशियों की आंखे खोल दी है। पिछले चुनाव में पूर्व सांसद ने जिस तीन विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी उनमें से वह नारनौंद में ही हासिल कर पाए है। उनके उचाना कलां और उकलाना दोनों विधानसभा क्षेत्र हाथ से निकल गए। इसी प्रकार कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई के उनके परिवार के पिछले चुनाव में जीते सभी छह विधानसभा हलकों सहित सभी नौ में हार का सामना करना पड़ा।

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हिसार विधानसभा

हिसार शहर ने इस बार भाजपा का साथ दिया है। हमेशा भजनलाल परिवार के साथ खड़े रहने वाले इस शहर ने उनको पटखनी दी। 2014 के चुनाव में जिस शहर से कांग्रेस उम्मीदवार भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई को 43 हजार 214 वोटों की जीत दिलवाकर निकाला था। उसी शहर ने इस बार भव्य को 56 हजार 465 वोट से हराया है। विधानसभा में दुष्यंत चौटाला को पिछली बारी से भी कम वोट मिले हैं। चुनाव की रणनीति को शांत लोगों ने बिल्कुल बदल दिया है। लोगों ने बृजेंद्र को इस विधानसभा में 73 हजार 262 वोट दिए है जबकि भजन परिवार के पौते 16 हजार 797 वोट पर सिमट गए है। चुनाव के राउंड पर नजर डाले तो हर राउंड में भाजपा प्रत्याशी को करीब पांच हजार वोट की लीड मिली। बृजेंद्र को शुरुआती 10 राउंड में छह हजार से ज्यादा वोट मिले।

2014 में मिले वोट

हिसार:::

दुष्यंत- 24238

कुलदीप-67452

संपत- 5035

आदमपुर विधानसभा

यह विधानसभा भव्य बिश्नोई के परिवार का गढ़ है। इस गढ़ को भाजपा ने तोडऩे का काम किया है। पिछली बार भाजपा और हजकां के गठबंधन के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई को 16 हजार 193 वोटों की लीड मिली थी। लेकिन इस बार बिल्कुल उल्ट हुआ है। जितने से कुलदीप बिश्नोई जीते थे उससे ज्यादा वोट से आदमपुर की जनता ने उनके बेटे भव्य को हराया है। बृजेंद्र को यहां से 59 हजार 122 वोट मिले तो भव्य तो 35 हजार 895 वोट मिले है। इस विधानसभ क्षेत्र में दुष्यंत चौटाला को जितने वोट 2014 में मिले थे उससे थोड़े कम से वह हार गए है। आदमपुर के लोगों की तरफ से इस चुनाव में सबसे ज्यादा 77.75 फीसद वोट पोल किया था। यहां से इनेलो को बड़ा झटका लगा है। इनेलो प्रत्याशी को मात्र 967 वोट ही मिल पाए है।

2014 में मिले वोट

आदमपुर -

दुष्यंत- 43286

कुलदीप- 59479

संपत-9289

नलवा विधानसभा

इस विधानसभा में भी भजनलाल परिवार के अच्छे रिश्ते है। यहां से 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई को 5398 वोट की लीड मिली थी। उसके बाद बेशक उनके बड़े भाई चंद्रमोहन हार गए थे। नलवा विधानसभा में इस बार बड़ा परिवर्तन हुआ था। चुनाव के बीच में मौजूदा इनेलो से विधायक रणबीर गंगवा भाजपा में शामिल हो गए थे। उसका फायदा भी भाजपा को मिलता दिख रहा है। उनके जाने के बाद पार्टी का वोट फीसद भी बढ़ा है। नलवा विधानसभा का एक बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्र का भी आता है। इसमें सेक्टर 15, आजाद नगर, डिफेंस कॉलोनी, जवाहर नगर, पटेल नगर का बड़ा हिस्सा शामिल है, जहां से भाजपा को अच्छा वोट मिलने की उम्मीद है।

2014 में मिले वोट

नलवा:::

दुष्यंत- 44096

कुलदीप-49494

संपत- 11697

हांसी विधानसभा

कांग्रेस उम्मीदवार भव्य की मां रेणुका बिश्नोई हांसी से विधायक है। वह भी अपने बेटे को अपने हलके से जीत तो छोडि़एं पिछली बार जीतने वोट भी नहीं दिलवाई। भव्य को यहां से 13900 वोट मिले है। जबकि 2014 के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई को 6542 वोट की जीत मिली है। हांसी शहर के अलावा गांव का वोट बैंक भी ज्यादा है। इसमें दुष्यंत को भव्य से वोट ज्यादा है। इस विधानसभा में दुष्यंत को 50 हजार 784 वोट की हार मिली है जबकि पिछली बार वह इससे कम वोट ले पाए थे। विधानसभा के लोगों की माने तो विधायक के कम आने से वह नाराज भी थे। उसका खामियाजा भी भव्य को ज्यादा उठाना पड़ा है। दुष्यंत को भी उसका नुकसान हुआ है। साथ ही चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के दौरे ने भी काफी प्रभाव डाला

2014 में मिले वोट

हांसी::

दुष्यंत- 45876

कुलदीप-55441

संपत- 12093

बवानी खेड़ा विधानसभा

भिवानी जिले के विधानसभा बवानी खेड़ा में कुलदीप को आगे माना गया था। भाजपा ने इस बार उस पर ध्यान दिया और वहां गेम को पलटा। जेजेपी प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला को भी उसका सीधा नुकसान हुआ। 2014 में दुष्यंत ने जीता वोट लिया था उससे आधे वोट ही उनके आ पाए। इसी प्रकार कुलदीप बिश्नोई के बेटे की हार उनको मिले वोट से ज्यादा हुई है। भाजपा ने बवानी खेड़ा हलके में दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए बुलाया था। मुख्यमंत्री ने स्वयं यहां पर रैली की थी। हांसी के टच होने और मोदी लहर ने काम किया और यहां से वोट मिले। भाजपा के विधायक होने के कारण भी बृजेंद्र को यहां से फायदा मिला है।

2014 में मिले वोट

बवानीखेड़ा::

दुष्यंत- 50762

कुलदीप-57304

संपत- 15602

नारनौंद विधानसभा

यह विधानसभा जेजेपी प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला का गढ़ माना जाता है। पिछली बार इस विधानसभा क्षेत्र से दुष्यंत 42 हजार 384 वोट लेकर निकले थे। इस विधानसभा में इनेलो के भी अच्छे वोट है। मगर इस बार दुष्यंत लोगों पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सके। इसका बड़ा कारण भाजपा का विधायक होना भी है। प्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अपनी टीम को लगाया और बृजेंद्र को यहां से बखूबी वोट दिलवाए। इस सीट पर दुष्यंत जहां ज्यादा वोट की लीड मान रहे थे वहां सिर्फ वह 3030 पर अटक गए। इनेलो प्रत्याशी सुरेश कौथ का गांव होने बावजूद वह भी ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए है। जबकि भव्य 33 हजार 683 वोट से हारे हैं।

2014 में मिले वोट

नारनौंद:::

दुष्यंत- 81687

कुलदीप- 39303

संपत- 13351

उचाना कलां

भाजपा और जेजेपी के गढ़ उचाना पर सभी की नजरें थी। डूमरखां गांव से संबंध रखने वाले बृजेंद्र के लिए इस हलके को जीतना काफी अहम था। इसका कारण उनका मां प्रेम लता का वहां से विधायक होना और उनके पिता बीरेंद्र सिंह की राजनीति का प्रभाव भी था। बृजेंद्र उसमें कामयाब भी हुए और यहां से दुष्यंत से 9177 वोट से जीते। दुष्यंत को जहां इस हलके ने पिछली बार सबसे ज्यादा 50 हजार 982 वोट से जीतवाकर भेजा था लेकिन इस बार बृजेंद्र के सामने होने के कारण लीड नहीं दे पाए। वहीं भव्य लोगों पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सके और 45 हजार 918 वोट से हार गए।

2014 में मिले वोट

उचाना

दुष्यंत - 87243

कुलदीप- 36254

संपत- 13070

उकलाना विधानसभा

एससी वोट बैंक के इस विधानसभा में जेजेपी के ही विधायक अनूप धानक है। पिछली बार इनेलो से होने के कारण दुष्यंत को 73 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन इस बार उनको इसके आधे से थोड़े ज्यादा वोट मिल पाए है। बृजेंद्र ने इस विधानसभा में अपनी अलग पकड़ बनाते हुए 60077 वोट हासिल किए है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी 37 हजार 225 वोट से हार गया है। यहां पर अनूप धानक अपने नेता को लीड नहीं दिलवा पाए है। पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद वह यहां से अपनी लीड को नहीं बना पाए। दुष्यंत को पिछली बार की तरह लोगों का प्यार मिलने की इस हलके से उम्मीद थी।

2014 में मिले वोट

उकलाना::

दुष्यंत- 73563

कुलदीप- 40916

संपत-13002

बरवाला विधानसभा

यह हलका भाजपा के जिला अध्यक्ष का हलका है। इसमें भाजपा ने काम किया और शहर को अपनी तरफ करते हुए बृजेंद्र को 71 हजार 836 वोट मिले है। यहां पर 10 मई को हुई भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली का भी असर दिखा। लोगों ने उस रैली के बाद लगता है भाजपा उम्मीदवार को जमकर वोट दिए। हालात यह बने कि कुलदीप बिश्नोई यहां से पिछली बार 13 हजार वोट से जीते थे। लेकिन इस बार उनका बेटा 53 हजार 246 वोटों से हार गया। बृजेंद्र ने धुआंधाार बैङ्क्षटग करते हुए 47 हजार 977 वोट की लीड हासिल की है।

2014 में मिले वोट

बरवाला:::

दुष्यंत- 43462

कुलदीप-56576

संपत-9352

भाजपा-हजकां का गठबंधन भी दुष्यंत को नहीं हरा पाया था

2014 में भाजपा व हजकां का गठबंधन था। कुलदीप बिश्नोई खुद हिसार से दोनों पार्टियों के संयुक्त प्रत्याशी थे। बवानीखेड़ा, नलवा, आदमपुर, हिसार, बरवाला, हांसी में कुलदीप को दुष्यंत से अधिक वोट मिले थे। मगर उचाना, नारनौंद और उकलाना हलके में भारी मतों से कुलदीप से आगे निकल गए थे। 9 में से 6 हलके जितने के बावजूद कुलदीप दुष्यंत से हार गए थे। वहीं नारनौंद, उकलाना और उचाना हलकों ने दुष्यंत को लोकसभा पहुंचाया।

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