Move to Jagran APP

पिता द्वारा दुष्‍कर्म के बाद बच्‍ची की मौत मामले में डॉक्‍टरों ने की बड़ी लापरवाही, जांच होगी प्रभावित

रोहतक में एक युवती ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उनकी नौ साल की बेटी के साथ दुष्‍कर्म किया और फिर जहर दे दिया जिससे बच्‍ची की मौत हो गई। मगर पीजीआई के डॉक्‍टरों ने MLR ही नहीं बनाई

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 05:16 PM (IST)
पिता द्वारा दुष्‍कर्म के बाद बच्‍ची की मौत मामले में डॉक्‍टरों ने की बड़ी लापरवाही, जांच होगी प्रभावित

रोहतक [पुनीत शर्मा] पिता द्वारा दुष्‍कर्म करने और नौ वर्षीय बच्ची की मौत मामले में सिविल अस्पताल के चिकित्सकों और पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्ची के उपचार के लिए चिकित्सकों की टीम तो मौके पर पहुंच गई, लेकिन एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) नहीं बनाई गई। जबकि मृतका की मां ने अपने पति पर ही दुष्कर्म करने और जहर खिलाकर मारने का आरोप लगाया था।

loksabha election banner

दरअसल शहर की एक कालोनी निवासी नौ वर्षीय बच्ची को उसके परिजनों ने मंगलवार शाम करीब चार बजे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय इमरजेंसी में डा. विजय डोगरा की ड्यूटी थी। डा. डोगरा ने डा. नताशा व सिविल सर्जन, एसएमओ समेत अन्य उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए उपचार शुरू कर दिया। करीब एक घंटे बाद (पांच बजे) बच्ची की मौत हो गई थी। कानूनी जानकारों के मुताबिक किसी भी आपराधिक मामले में पीडि़त की एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) बनाया जाना आवश्यक है, ताकि प्राथमिक स्‍तर पर चोट या अन्‍य जख्‍मों की पुष्टि हो सके। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

पोस्टमार्टम के बाद भी प्राथमिक जांच में दुष्कर्म को लेकर भी संशय की स्थिति

उधर, बुधवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के साथ दुष्कर्म को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने उस स्थान का भी मौका मुआयना किया जहां पर बच्ची के साथ दुष्कर्म की बात कही जा रही है। ऐसे में बच्ची के ब्लड सैंपल और विसरा को लैब में जांच के लिए भेजा गया है। उधर, सूत्रों के अनुसार पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया है, लेकिन अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही। डीएसपी हेड क्वार्टर गोरखपाल राणा के अनुसार मामले को लेकर कई जानकारी मिली है, लेकिन अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। आरोपित को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा।

---पीडि़ता की हालत बहुत गंभीर थी, जिस कारण उसके उपचार को प्राथमिकता दी गई थी। मौके पर महिला चिकित्सक को भी बुला लिया गया था। ऐसे में पीडि़ता की एमएलआर नहीं बनाई जा सकी।

- डा. विजय डोगरा, पीजीआई

--पीडि़त को भर्ती किए जाने के दौरान उसकी हालत गंभीर थी। इसलिए पीडि़ता के उपचार को प्राथमिकता दी गई थी। तीन चिकित्सकों के साथ मैं खुद और एसएमओ भी मौके पर थे। जब उसकी मौत हो गई थी तो पोस्टमार्टम के कारण उसकी एमएलआर नहीं बनाई गई थी।

- डा. अनिल बिरला, सिविल सर्जन, पीजीआई

---चिकित्सकों ने प्राथमिकता के आधार पर पीडि़ता का उपचार किया था। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका। एमएलआर नहीं बनाई गई, क्योंकि पोस्टमार्टम होना था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही आरोपों की पुष्टि होगी।

- गोरखपाल, डीएसपी सिटी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.