असफलताओं से घबराएं नहीं, सबक लेकर स्टार्टअप बढ़ाएं आगे
जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक सेंटर
जागरण संवाददाता, हिसार :
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक सेंटर में ऑनलाइन सहयोगात्मक टॉक सीरीज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के डीजीएम डा. सुमन कुमार ने बतौर मुख्यातिथि प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने स्टार्टअप्स का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे असफल होने पर घबराएं नहीं बल्कि उससे सबक लेकर आगे बढ़ें। असफलता ही सफलता की कुंजी होती है। स्टार्टअप्स एबिक सेंटर से जुड़कर अपनी हर तरह की व्यवसाय संबंधी समस्याओं का हल पा सकते हैं और असफलता का डर खत्म करके एक ऊंची मुकाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम में दूसरे वक्ता एमिटी इनोवेशन इनक्यूबेटर, गुड़गांव के उपाध्यक्ष विजय वीर सिंह कहा कि देशभर में इनक्यूबेशन सेंटर सक्रियता के साथ स्टार्टअप्स की मदद कर रहे हैं।
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इन एक्सपर्ट ने दी अपनी राय
एबिक के मेंटर गुरुचरण सिंह ने क्वालिटी ऑफ लाइफ के बारे में जानकारी देते हुए इसकी महत्ता से अवगत कराया। साथ ही इसमें सुधार के बारे में भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कमाल की जिदगी जीनी है तो उसके लिए आपके जीवन में कोई कारण होना चाहिए।
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- डा. वीके अरोड़ा ने अपनी इनक्यूबेशन सेंटर अन्वेषण फाउंडेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनका केंद्र महिलाओं को आगे आने के लिए जागरूक कर रहा है। साथ ही स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है। इनके सेंटर का उद्देश्य महिलाओं को नई तकनीकों से अवगत कराते हुए कैसे व्यवसाय करने और समाज में खुद की एक अलग पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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- एमिटी इनोवेशन इनक्यूबेटर, नोएडा से यामिनीभूषण पांडे ने भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जाने वाली आर्थिक, तकनीकी, लीगल इत्यादि सहायता के बारे में बताया।
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95 इंक्युबेटी एबिक से जुड़कर बढ़ा रहे हैं व्यवसाय
नोडल ऑफिसर डा. सीमा रानी ने बताया कि तीन प्रसिद्ध इनक्यूबेटर एबीआइसी, अन्वेषण फाउंडेशन और एमिटी इनोवेशन इनक्यूबेटर मिलकर संभावित और मौजूदा उद्यमियों और स्टार्ट-अप के बीच उद्यमशीलता के उत्साह को बढ़ा रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य प्रतिभागियों को इनक्यूबेशन के बारे में जागरूक करना था। उन्होंने बताया कि वक्त हमारे साथ 95 इनक्यूबेटी देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हुए हैं जोकि अपने कार्य क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।