अब कॉलेजों में रेगुलर के साथ डिस्टेंस एजुकेशन कोर्स में भी ले सकेंगे दाखिला
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय का दूरस्थ शिक्षा विभाग अब उन कालेजों को स्टडी सेंटर के रूप में मान्यता देगा, जो विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
जेएनएन, हिसार : गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय का दूरस्थ शिक्षा विभाग अब उन कालेजों को स्टडी सेंटर के रूप में मान्यता देगा, जो विश्वविद्यालय से संबद्ध है। इसके लिए करीब 6 कालेजों ने विश्वविद्यालय में डिस्टेंस सेंटर के लिए अप्लाई भी कर दिया है। यूजीसी के निर्देशानुसार गाइडलाइंस भी विश्वविद्यालय द्वारा जारी कर दी गई है। किसी भी सेंटर को वही कोर्स चलाने की अनुमति दी जाएगी, जो कोर्स वहां पहले ही रेगुलर चल रहा है। सरकारी व सह-सरकारी कालेजों द्वारा डिस्टेंस सेंटर के लिए कोई फीस नहीं ली गई है। जबकि अन्य कालेजों को 40 हजार रुपये आवेदन फीस के रूप में विश्वविद्यालय में जमा करवाने होंगे।
पहले गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय कुछ निर्धारित मानकों के अनुसार स्टडी सेंटरों को मान्यता दे देता था। कोई भी स्टडी सेंटर या सोसायटी यह मान्यता लेकर विद्यार्थियों के दाखिले करता था। लेकिन डिस्टेंस विभागों में शिक्षा के लगातार गिरते स्तर के कारण 2016 में यूजीसी ने इस पर एतराज जताते हुए गुजवि के सभी 72 स्टडी सेंटरों की मान्यता को खारिज कर दिया था। जिसके बाद विद्यार्थियों को सीधे विश्वविद्यालय में ही दाखिला लेना होता था। इसके बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों को ही स्टडी सेंटर या सुर्पोट लर्निंग सेंटर बनाने के निर्देश दिए थे। विश्वविद्यालय में डिस्टेंस में पिछले वर्ष 4772 दाखिले हुए थे, जिनमें से 1514 दाखिले अकेले मॉस कम्यूनिकेशन में थे।
प्रत्येक कालेज को अधिकतम 120 सीट मिलेगी -
कालेज द्वारा आवेदन करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित कमेटी कालेजों में जाकर इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर कालेज का मूल्यांकन करेगी। इसके बाद कमेटी की सिफारिश के आधार पर ही विश्वविद्यालय के कुलपति कालेज को डिस्टेंस के लिए स्टडी सेंटर के रूप में अधिकृत करने का फैसला लेंगे। प्रत्येक कालेज को अधिकतम 120 सीटें ही मिल सकेंगी। विद्यार्थियों से मिलने वाली कुल फीस का 40 फीसद हिस्सा कालेज रखेंगे, जबकि 60 फीसद हिस्सा विश्वविद्यालय को जाएगा।
जीजेयू को मिली 5 साल की मान्यता
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक डा. एमसी गर्ग के अनुसार पूरे प्रदेश में केवल यही एक मात्र विश्वविद्यालय है, जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने डिस्टेंस के विभिन्न कोर्स चलाने के लिए एक साथ पांच साल की मान्यता दी है। सीडीएलयू को एक वर्ष की और एमडीयू को 2 वर्ष के लिए मान्यता दी गई है। गुजवि को लगातार तीन बार नेक से ए ग्रेड मिलने के कारण 5 साल की मान्यता मिली है। डा. गर्ग के अनुसार लैब से पीसीपी तक की जिम्मेदारी कालेजों की होगी -
कालेजों में डिस्टेंस में दाखिले के बाद उन्हें विश्वविद्यालय से स्टडी मैटिरियल प्रोवाइड करवाने की पूरी जिम्मेदारी सेंटर की होगी। यही नहीं, कालेजों को हेल्प डेस्क लगाना होगा ताकि विद्यार्थी दाखिले से संबधित पूछताछ, सलाह, काउंसि¨लग, गाइडेंस आदि आसानी से ले सके। इसके अलावा कालेज की लैब, लाइब्रेरी पीसीपी करवाने, असाइनमेंट के मूल्यांकन, उनके अवार्ड भेजने के अलावा कालेज के विभिन्न संसाधनों का प्रयोग भी डिस्टेंस के विद्यार्थी कर सकेंगे।
कुवि के डिस्टेंस सेंटर भी चल रहे -
पिछले वर्ष हिसार जिले के कालेजों को जीजेयू से संबद्ध किया गया था। जिसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने प्रदेशभर में अपने 12 सेंटर बनाए थे। इनमें से दो सेंटर हिसार के दयानंद कालेज और इंपीरियल कालेज को भी बनाया गया था। ऐसे में जीजेयू भी प्रदेश के अन्य हिस्सों के कालेजों में अपने स्टडी सेंटर खोल सकता है। डिस्टेंस एजुकेशन के लिए बहुत अधिक सेंटर खुल गए थे। कोई भी सेंटर चलाने वाला व्यक्ति डिस्टेंस स्टडी सेंटर की मान्यता ले लेता था। जिससे शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा था। अब यूजीसी के संज्ञान लेने और गाइडलाइन जारी करने के बाद कालेजों में सेंटर बनाने से न केवल विद्यार्थी वहां के संसाधनों का प्रयोग कर सकेगा, बल्कि अनुभवी स्टॉफ की मदद से उसे विभिन्न समस्याओं को भी सुलझाने में भी आसानी होगी। हमने भी डिस्टेंस सेंटर के लिए जीजेयू में अप्लाई किया हुआ है।
- डा. सत्य सुरेंद्र ¨सगला, प्राचार्य, इंपीरियल कालेज हिसार।