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स्‍याहड़वा के कुएं में दबे किसान जयपाल का भी मिला शव, NDRF व सेना को 80 घंटे बाद मिली कामयाबी

कुएं में दबे किसान जयपाल का भी शव मिल चुका है। करीब 80 घंटे की मशक्‍कत के बाद कामयाबी मिली है। हालांकि एनडीआरएफ और सेना की अटूट मेहनत के बाद भी जयपाल की सांसे नहीं बच सकी लेकिन उनके शव को निकालना भी बेहद जरूरी था।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 03:14 PM (IST)
स्‍याहड़वा के कुएं में दबे किसान जयपाल का भी मिला शव, NDRF व सेना को 80 घंटे बाद मिली कामयाबी
आपरेशन 12 घंटों का था, मगर रेतीली मिट्टी और मौसम खराब रहने के कारण हालात बदले और 80 घंटे लगे

जागरण संवाददाता, हिसार। स्याहड़वा गांव में कुएं में दबे खेत मालिक जयपाल का भी शव मिल चुका है। करीब 80 घंटे बाद जयपाल को बाहर निकाला जा सका है। एनडीआरएफ व सेना और प्रशासन ने शव निकालने के लिए दिन रात एक कर दिया था। जयपाल के जिंदा बचने की उम्‍मीद कम ही बची थी। क्‍योंकि वक्‍त ज्‍यादा बीत गया था। दूसरे मजदूर जगदीश का शव मिलते ही एनडीआरएफ और सेना की टीम के अलावा प्रशासनिक अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई थी। मगर बार बार मिट्टी गिरने के कारण जयपाल का शव बाहर नहीं निकाला जा सका था। बीच में खराब हो रहे मौसम के चलते भी खोदाई को रोकना पड़ा था। कुएं की जगह के आसपास करीब 100 फीट चौड़ी जगह पर खोदाई करने का काम हुआ है।

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बार बार मिट्टी के दरकने के चलते प्रशासनिक और आला अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद एनडीआरएफ और सेना की टीम ने रणनीति में बदलाव कर अगली योजना बनाई थी। उसी योजना अनुसार काम शुरू किया गया और एनडीआरएफ और सेना की टीम के जवानों ने हौसला नहीं हारा।

जवानों का कहना था कि यह आपरेशन 12 घंटों का था। मगर रेतीली मिट्टी वाले के कारण हालात बदल गए, बार-बार मिट्टी ढह रही थी। 2 दिन से मौसम भी खराब रहा। बारिश होने के बाद मौसम में बदलाव होने से ठंड कोई तो राहत मिली। इस वजह से अंतिम पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी लक्ष्य नहीं पा सके‌। जवानों को पक्का विश्वास था कि मंगलवार शाम या रात तक वह जयपाल को निकालेंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। 12 घंटे के आपरेशन में नजदीक पहुंचे मगर मिट्टी गिरने से फिर वे उसी स्थिति में पहुंच गए। दोबारा से उसी स्थिति से शुरुआत की गई, जहां से पहले शुरुआत की थी। बुधवार रात तक कुएं से खोदाई का काम कर जयपाल को बाहर निकालने की उम्मीद थी, मगर शव पहले ही निकाल लिया गया। रविवार सुबह सात बजे यह घटना घटी थी।

55 फीट की गहराई पर दिखाई दिया था जयपाल

कुएं की खोदाई के दौरान 55 फीट की गहराई पर एनडीआरएफ और सेना की टीम को जयपाल दिखाई दिया था। उस दौरान उस पर काफी ईंटें और पत्थर पड़े हुए थे। उनको हटाकर जयपाल ने को निकालने की काफी कोशिश की गई‌। मगर इस बीच दीवार के गिरने का अंदेशा हुआ । ऐसे में खोदाई का कार्य रोक दिया गया। वरना इस में जवानों को भी जोखिम था।

डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की राशि दिए जाने के निर्देश दिए

हिसार । हिसार के गांव स्याहड़वा में खेतों में बने कुएं में मिट्टी दरकने से दबे किसान जयपाल के शव को भी आज सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाल लिया गया। इससे पूर्व सोमवार अलसुबह जगदीश के शव को निकाला गया था।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहन शोक व्यक्त करते हुए हरियाणा विधान सभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने प्रशासनिक अधिकारियों को दोनों मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के तहत 5-5 लाख रुपये की राशि जल्द से जल्द दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखदायी है, जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी।

डिप्टी स्पीकर ने कहा कि इस घटना में विषम परिस्थितियों के बावजूद सेना व एनडीआरएफ के जवान, प्रशासनिक अधिकारियों तथा गांवों के लोगों ने दिन-रात एक करके व अपनी जान को जोखिम में डालकर अभियान चलाया। इस अवसर पर बचाव अभियान में लगे हिसार के एसडीएम अश्वीर नैन ने बताया कि आज दोपहर किसान जयपाल के शव को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


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