बहादुरगढ़ के छारा हत्याकांड में पुलिस की बताई कहानी में आ रहा फर्क, अब नए एंगल पर शुरू हुई जांच
मटरू पहलवान की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने जो कहानी बताई थी उसमें अब फर्क आ रहा है। एक दिन पहले हुए हंगामे के बाद पुलिस अब एक तरह से बैकफुट पर आ गई है और नए एंगल पर जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : छारा गांव में बिजेंद्र उर्फ मटरू पहलवान की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने जो कहानी बताई थी, उसमें अब फर्क आ रहा है। एक दिन पहले हुए हंगामे के बाद पुलिस अब एक तरह से बैकफुट पर आ गई है और नए एंगल पर जांच शुरू कर दी है। इसी क्रम में गिरफ्तार किए गए आरोपित हिमांशु का पांच और दिन का रिमांड लिया गया है। पहले वह दो दिन के रिमांड पर रह चुका है। अब खुद ही पुलिस भी कहीं न कहीं यह मान रही है कि उसने जो खुलासा किया था, केवल वहीं तक कहानी सीमित नही है, लेकिन इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पकड़े गए आरोपित ने जो इकबालिया बयान दिया था, उसी के मुताबिक उसने खुलासा किया। आरोपित ने पूछताछ के दौरान पुलिस को गुमराह किया। अब स्वजनों और ग्रामीणों ने जो सवाल उठाए हैं, उसके आधार पर जांच चल रही है।
दरअसल, पुलिस ने तो रविवार 10 अक्टूबर को छारा गांव के ही हिमांशु को देशी पिस्तौल और एक कारतूस के साथ गिरफ्तार करके यह खुलासा कर दिया था कि बिजेंद्र उर्फ मटरू पहलवान की हत्या हिमांशु और उसके दो साथियों अजय व अंकुर ने ही की है। ये दोनों भी गांव के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने जो कहानी बताई थी, उसके मुताबिक तीनाें ने उस रात नशा कर रखा था। बाद में और नशा करने के लिए उन्होंने मटरू पहलवान से पैसे मांगे। पैसे न देने पर उसे गोली मार दी थी। वारदात में ये तीन ही युवक शामिल होने और इसके अलावा और कोई वजह सामने न आने का पुलिस ने दावा किया था। मगर अब खुद पुलिस के कदम भी ठिठके हुए हैं।
पुलिस की कहानी गले न उतरी तो ग्रामीणों ने लगाया था जाम :
छारा हत्याकांड में पुलिस की बताई कहानी जब मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों के गले नहीं उतरी तो उन्होंने मंगलवार को गांव से गुजर रहे नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि जिन तीन युवकों को ही पुलिस हत्यारोपित बता रही है और नशे के लिए पैसा न देने को वजह बता रही है वह पूरी तरह सही नही है। ये तीन तो इसमें शामिल होंगे, मगर इनके अलावा दो और युवक इनके साथ थे। इसके अलावा इस हत्याकांड की साजिश किसी ने रची थी। नशे के लिए पैसे न देने का मामला वजह नहीं हो सकता। इसके बाद पुलिस ने भी नए एंगल पर जांच शुरू कर दी है। इसमें कुछ और लोगों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस ने कोशिश तेज कर दी है।
एएसपी बोले, आरोपित ने किया गुमराह :
जांच टीम का नेतृत्व कर रहे बादली के एएसपी अमित यशवर्धन का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और चंद घंटों में आरोपित काे काबू किया। जब उससे पूछताछ हुई, तब तक पुलिस को उसका रिमांड नहीं मिला था। ऐसे में उसने जो कहानी बताई, पुलिस ने उसके मुताबिक ही इस मामले में जानकारी को सार्वजनिक किया। बाद में उसके रिमांड के दौरान कुछ और बातें सामने आई। आरोपित ने खुद के बचाव के लिए पुलिस को गुमराह किया। उसने अपने बयान को भी बदला। जहां तक मामले की सच्चाई का सवाल है तो पुलिस की अभी तक की जांच शुरुआती स्तर पर ही है। जो दो आरोपित फरार चल रहे हैं, उनसे भी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ होनी है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक पुलिस या अन्य के लिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं होता। इस मामले में पुलिस पूरी गंभीरता से जुटी हुई है। गांव के लोगों ने जो जानकारी दी है, उस पर छानबीन चल रही है। इसमें जो भी दोषी हैं, वे नहीं बचेंगे।
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