मनुष्यों जैसा खान-पान, पालतू जानवरों में ला रहा डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां
अब सामने आ रहा है कि मनुष्यों की तरह पालतू पशुओं में लगातार लाइफ स्टाइल डिजीज बढ़ रही हैं।यह बदलाव पालतू पशुओं में मनुष्यों जैसा खाना और न टहलने की वजह से अधिक हो रहा है।
वैभव शर्मा, हिसार। बदलती जीवन शैली के कारण मनुष्यों में होने वाली डायबिटीज, हार्ट फेल, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारियां पालतू जानवरों को भी अपनी गिरफ्त में लेने लगी हैं। हैरानी की बात तो यह है कि घर पर यह पेट्स सामान्य दिखेंगे, मगर भीतर ही भीतर वे बड़ी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। हाल ही में गुरुग्राम के एक डॉग में बोन कैंसर का पता चला है। यह चौंकाने वाली बात गुरुग्राम के सीजीएस अस्पताल में डॉ. सलीशा कोरिआ ने अपने शोध के आधार पर बताई है।
डॉ. सलीशा ने पालतू पशुओं पर अपने शोध के बारे में बताया कि अल्ट्रासाउंड ने जानवरों में बीमारियों का पता लगाने का काम आसान कर दिया है। हम समझते थे कि जानवरों में कभी बड़ी बीमारियां नहीं होती, मगर अब सामने आ रहा है कि मनुष्यों की तरह पालतू पशुओं में लगातार लाइफ स्टाइल डिजीज बढ़ रही हैं।
मनुष्यों जैसा खाना और न टहलने की वजह
यह बदलाव पालतू पशुओं में मनुष्यों जैसा खाना और न टहलने की वजह से अधिक हो रहा है। वेटरनरी सर्जन डॉ. सलीशा बताती हैं कि अक्सर बुजुर्ग होने पर ही डॉग में बीमारियां आती थीं, मगर हमारे सामने गुरुग्राम व दिल्ली में एक व डेढ़ साल के पेट्स में बोन कैंसर के मामले सामने आए हैं। सिर्फ कैंसर नहीं, बल्कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज व रक्तचाप बढ़ने के मामले भी इनमें शामिल हैं।
लुवास के वैज्ञानिकों के समक्ष हमने इस बदलाव को पेश किया है, ताकि देशभर के वेटरनरी सर्जन इस विषय पर काम कर सकें। इसके अलावा इन- (एक ही परिवार के डॉग की आपस में ब्र्रींडग कराना) भी पेट्स में बीमारियों की एक बड़ी वजह है। काला मोतिर्यांबद, मोतिर्यांबद, आंखों की समस्या आदि के लिए तो एडवांस उपचार आ गया है, लेकिन कैंसर में अभी बहुत काम करना बाकी है। अभी हम कैंसर का उपचार कीमोथैरेपी या दवाओं के माध्यम से कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ती है तो सर्जरी से उस अंग को अलग भी कर देते हैं।
डायबिटीज और कैंसर के लक्षण को ऐसे पहचान
- डायबिटीज होने पर पेट्स बहुत पानी पीएंगे, हर समय भूख लगेगी, शरीर सूख जाएगा, अधिक टॉयलेट जाएंगे। ऐसे लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत चिकित्सक के पास लेकर जाएं।
- बोन कैंसर के मामले में अक्सर बिना चोट लगे ही हड्डियों पर सूजन जैसा दिखता है।
18 वर्ष जीने वाले पेट्स की उम्र घटकर हुई नौ वर्ष
वेटरनरी सर्जन डॉ. समर महेंद्र बताते हैं कि जीवन शैली में परिवर्तन से ही मनुष्यों की तर्ज पर पशुओं की उम्र भी घटती जा रही है। पहले एक डॉग 18 वर्ष तक जीवन जी लेता था, मगर अब नौ से 10 वर्ष तक ही जिंदगी जी पा रहा है।