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एनजीटी की आड़ में सेक्टरों में 22.60 करोड़ के विकास कार्य पर लगा ब्रेक, जनता परेशान

सेक्टरों के अधिकांश विकास कार्यों की डेडलाइन 6 दिसंबर 2019 है डेडलाइन तक नहीं होता है काम तो जुर्माने का है प्रावधान।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 01:47 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 01:47 PM (IST)
एनजीटी की आड़ में सेक्टरों में 22.60 करोड़ के विकास कार्य पर लगा ब्रेक, जनता परेशान

जेएनएन, हिसार : शहर में बढ़ते प्रदूषण की आड़ में सेक्टरों में चल रहे 22.60 करोड़ के कई विकास कार्य पर ब्रेक लग गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए निगम इंजीनियरों ने सड़क निर्माण कार्य रुकवा दिया है, सेक्टर के कई विकास कार्य पूरा होने में अभी लंबा समय लगेगा। ठेकेदार तय समय पर अपना कार्य नहीं कर पा रहे हैं। उधर मौजूदा समय में बढ़ती ठंड के कारण भी सेक्टरों की सड़क पर मास्टिक लेयर बिछाने का कार्य नहीं हो पाएगा। ऐसे में ठेकेदारों की धीमी कार्य गति के कारण सेक्टर की सभी सड़कें दुरुस्त होने में सेक्टरवासियों का इंतजार अगली साल यानि वर्ष 2020 तक बढ़ गया है।

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सेक्टरों में ये होने है विकास कार्य

शहर के सभी सेक्टरों में सड़क की विशेष रिपेयर और पार्क रिपेयर के कार्य के 22 करोड़ 60 लाख 95 हजार रुपये के टेंडर किए हुए है। नगर निगम के नियमानुसार विकास कार्य निर्धारित डेडलाइन तक काम पूरा न करने पर जुर्माने का प्रावधान है। कई ठेकेदारों का काम धीमी गति से चल रहा है। ठेकेदारों के कार्य की समीक्षा में कई नप सकते हैं। हालांकि विभाग के अधिकारी विकास काम में देरी के पीछे दो मुख्य कारण बता रहे हैं, जिसमें पहला एनजीटी की ओर से मिले दिशा निर्देश और दूसरा ठेकेदार को खानक से निर्माण सामग्री नहीं मिलना है। ये दोनों कारण कार्य की गति धीमी होने का कारण बताया जा रहा है। जबकि एनजीटी ने तो कुछ समय पहले ही प्रदूषण को देकर दिशा निर्देश दिए थे। ऐसे में अब ठेकेदारों को राहत मिलती है या कार्य में देरी पर जुर्माना लगता है, यह भी बड़ा सवाल बन गया है।

शहर में विकास की रफ्तार धीमी, नवंबर माह तक ये रही स्थिति

सेक्टर,                   टेंडर की राशि,          टेंडर की शुरुआत व डेडलाइन,        कार्य की स्टेट््स रिपोर्ट

- सेक्टर 14 पार्ट-1     292.26 लाख,        7 जून 2019 से 6 दिसंबर 2019        40 फीसद

- मेलाग्राउंड सेक्टर,    55 लाख               7 जून 2019 से 6 दिसंबर 2019        75 फीसद

- अर्बन एस्टेट टू,    274.69 लाख,            7 जून 2019 से 6 दिसंबर 2019        70 फीसद

- सेक्टर 13पी,        304 लाख,                7 जून 2019 से 6 दिसंबर 2019        75 फीसद

- सेक्टर 16-17पी-2,    500 लाख,            7 जून 2019 से 6 दिसंबर 2019        85 फीसद

- सेक्टर पीएलए,     200 लाख,                 20 जून 2019 से 19 दिसंबर 2019    85 फीसद

- सेक्टर 15-ए,         300 लाख,               26 जुलाई 2019 से 25 जनवरी 2020     60 फीसद

- सेक्टर 9-11,         208 लाख,               4 जुलाई 2019 से 3 जनवरी 2020,     75 फीसद

- सेक्टर 16-17पी-1,     127 लाख,           4 जुलाई 2019 से 3 जनवरी 2020    90 फीसद

अफसरों की हो जवाबदेही: राकेश आर्य

अर्बन एस्टेट टू के महासचिव राकेश आर्य ने कहा कि काम में देरी का मुख्य कारण निगम अफसरों का सुस्त रवैया भी रहा है। उनके सेक्टर में कई बार उन्हें कह चुके हैं, काम धीमी गति से चल रहा है। अभी करवाते हैं, यही आश्वासन देते रहे। अभी भी कई काम अटके हुए हंै। तय समय में होते नजर नहीं आ रहे हैं। इस मामले में अफसरों की भी जवाबदेही होनी चाहिए।

एक्सपर्ट व्यू : सड़कों में मास्टिक लेयर का सर्दी में नहीं हो सकता है काम

एचएसवीपी के रिटायर्ड एक्सईएन विनोद कुमार अरोड़ा ने बताया कि पहले तो 15 दिसंबर के बाद 15 फरवरी तक मस्टिक लेयर बिछाने का काम नहीं होता था, लेकिन यदि रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे आता था तो मौजूदा स्थिति को देखते हुए काम बंद करते थे। अब ठंड बढऩे लगी है। ऐसे में आगामी समय में सड़क का काम नहीं हो पाएगा। रही बात ठेकेदार को डेडलाइन पर काम पूरा न होने के कारण जुर्माने की तो वह सभी विभागों को अलग-अलग है। टेंडर की शर्तों में जो जुर्माना लिखा है, वही मान्य होगा।

बढ़ते प्रदूषण के कारण एनजीटी के दिशा निर्देश पर कुछ विकास कार्य रुकवाए थे। इसके अलावा खानक में भी ठेकेदारों को निर्माण सामग्री लेने में दिक्कत आ रही थी। उसके कारण भी काम पूरा होने में कुछ देरी हो रही है।

- रामजीलाल, एसई, नगर निगम हिसार।


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