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80 फीसद किडनी फेल, एक्सीडेंट के बाद 10 दिन की प्रैक्टिस, फिर भी डिस्कस थ्रो में सोना जीत लाई कुसुम

कुसुम ने अपने खेलों की शुरुआत 2016 में पंचकूला में आयोजित नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप से की, जहां भाला फेंक में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 11:18 AM (IST)
80 फीसद किडनी फेल, एक्सीडेंट के बाद 10 दिन की प्रैक्टिस, फिर भी  डिस्कस थ्रो में सोना जीत लाई कुसुम
80 फीसद किडनी फेल, एक्सीडेंट के बाद 10 दिन की प्रैक्टिस, फिर भी डिस्कस थ्रो में सोना जीत लाई कुसुम

जेएनएन, हिसार :

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खेलों में हार-जीत तो लगी ही रहती है, लेकिन जब जीत विषम परिस्थितियों में हासिल की हो तो उसके मायने ही बदल जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी है जिले के गांव नाड़ा निवासी कुसुम पांचाल की। बचपन से ही अपंगता का शिकार, जवानी में 80 फीसद तक किडनी फेल और हाल ही में रोड एक्सीडेंट जैसी विषम परिस्थितियों को हौसले से हराते हुए कुसुम ने गत दिवस पंचकूला में संपन्न हुई 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डिस्कस थ्रो के मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि हिम्मत के आगे सब कुछ संभव है। विजेता कुसुम का गांव पहुंचने पर फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। कुसुम का हाल ही में रोड एक्सीडेंट हुआ था और मात्र दस दिनों की प्रैक्टिस में ही स्वर्ण पदक जीतना खुद कुसुम के लिए आश्चर्यजनक है। गांव नाड़ा निवासी संजय पांचाल की धर्मपत्नी कुसुम पांचाल बचपन से ही चल नहीं पाती थीं। कुसुम की मां उसे स्कूल छोड़ आती थीं। कुसुम को बचपन से ही पढ़ने का शौक रहा और इसी शौक व मेहनत की बदौलत उन्होंने डबल एमए, बीएड, एमफिल और पीएचडी (लाइब्रेरी साइंस) कर अपनी अपंगता को शिकस्त दी। 2016 में पैरा एथलेटिक्स में जीता था कांस्य

कुसुम ने अपने खेलों की शुरुआत 2016 में पंचकूला में आयोजित नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप से की, जहां भाला फेंक में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। लेकिन कुसुम की मुसीबतों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। इस चैंपियनशिप के बाद कुसुम की किडनी 80 फीसद तक फेल हो गई। दो ऑपरेशन होने के बाद वो दोबारा बेड पर आ गईं। लेकिन पति संजय पांचाल का साथ मिला तो फिर खेलों की तरफ आगे बढ़ीं और 17वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोला फेंक और डिस्कस थ्रो में दो गोल्ड मेडल हासिल किए। एक्सीडेंट के बाद की प्रैक्टिस

फरवरी 2018 में कुसुम का एक बार फिर रोड एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद उन्हें फिर से बेड पर ही रहना पड़ा। लेकिन कुसुम ने हार नहीं मानी और नेशनल पैरा एथलेटिक्स में डिस्कस थ्रो में एक बार फिर गोल्ड मेडल पर कब्जा करते हुए साबित कर दिखाया कि हालात चाहे जैसे हों, हौसले के आगे सारी परेशानियां घुटने टेक देती हैं। गांव में पहुंचने पर उनके स्वागत समारोह में गांव के सरपंच धूप ¨सह, पूर्व सरपंच चंद्रभान, जिला पार्षद राजेश नाड़ा, हरदीप, प्रवीन नाड़ा, कबड्डी खिलाड़ी सुमन, रीतू, मेनका, सोनिया, खुशबू सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।


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