एन्हांसमेंट की फुल एंड फाइनल स्कीम को दो माह आगे बढ़ाने की मांग, आश्वासन के बाद भी नहीं मिली राहत
फुल एंड फाइनल स्कीम 30 अप्रैल को समाप्त हो रही है। योजना के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में रहने वालों को एन्हांसमेंट से राहत देनी थी। हालांकि प्लाट मालिकों ने योजना में बड़ी खामी बताते हुए दावा किया कि इससे सभी को फायदा नहीं हुआ।
रोहतक, जेएनएन। एन्हांसमेंट को लेकर लागू की गई फुल एंड फाइनल स्कीम 30 अप्रैल को समाप्त हो रही है। योजना के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में रहने वालों को एन्हांसमेंट से राहत देने के लिए यह योजना लागू की गई। दावा किया गया था कि 60 से 80 फीसद तक प्लाट मालिकों को राहत मिलेगी। हालांकि प्लाट मालिकों ने योजना में बड़ी खामी बताते हुए दावा किया कि किन्हीं कारणों से जिन्होंने एडवांस में कहीं रकम जमा करा दी थी उसे एन्हांसमेंट की किश्त मान लिया गया। इस कारण ज्यादातर लोगों को योजना का लाभ नहीं मिला। इसलिए योजना को अभी डेढ़-दो माह और बढ़ाने की मांग के साथ ही री-कैलकुलेशन की मांग उठने लगी है।
सेक्टर-6 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रमेश खासा ने दावा किया है कि एचएसवीपी के अधिकारियों ने एक पत्र जारी किया था। जिसमें यही कहा गया था कि साफ्टवेयर की खामी को दूर किया जाएगा। जिनकी रकम एडवांस में किन्हीं दूसरे कार्यों के लिए जमा हो चुकी थी उसे एन्हांसमेंट की किश्त नहीं माना जाएगा। ऐसे प्लाट मालिकों को नियमानुसार एन्हांसमेंट में लाभ दिया जाएगा। एचएसवीपी के मुख्यालय ने यह पत्र जारी किया था। फिर भी संबंधित पत्र के हिसाब से कोई लाभ नहीं मिला। योजना के अमल में अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
कोविड का संक्रमण बढ़ा, योजना का लाभ मिले
सेक्टर-1 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व प्रधान कदम सिंह अहलावत ने बताया कोविड का संक्रमण बढ़ चुका है। लोगों के पास शिकायत करने का समय भी नहीं। क्योंकि तमाम परिवार कोविड की चपेट में आ गए हैं। इन्होंने बताया कि यही कारण है कि प्लाट मालिक अपनी शिकायतें अधिकारियों को नहीं बता सके हैं। यह भी बताया कि पूरे मामले में जिन्होंने एक या फिर इससे अधिक रकम एडवांस में जमा है उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाए। पूरे मामले में सरकार से मांग की है कि हर हाल में सरकार योजना की तारीख बढ़ाए। इसके साथ ही री-कैलकुलेशन हो। अब अफसर भी कोविड की बात कहकर सुनवाई नहीं कर रहे।