फतेहाबाद के भूथनकलां के ग्रामीणों का निर्णय, 1 फरवरी से खोले जाएंगे स्कूल, लगेगी कक्षाएं
फतेहाबाद के भूथनकलां गांव के ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि 1 फरवरी से सभी स्कूल खोले जाएंगे। ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों से अपील है कि बच्चों को सुचारू रूप से पढ़ाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाए।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद के कई गांवों में स्कूल बंद का विरोध किया जा रहा है। गांव ढाणी गोपाल के बाद अब भूथनकलां के ग्रामीणों ने शनिवार को ग्राम सभा का आयोजन मुख्य चौक में किया। सभा का मुख्य उद्देश्य स्कूल खोलने का था। ग्राम सभा की इस बैठक की अध्यक्षता मईपत ताखर ने की। ग्राम सभा की बैठक में गांव के गणमान्य व्यक्तियों, बुद्धिजीवियों, महिलाओं और नौजवानों ने स्कूल खोलने विषय की चर्चा में भाग लिया। विस्तृत चर्चा और विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि गांव का राजकीय स्कूल 1 फरवरी से पूरी तरह से खुलेगा। स्कूल में पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाएंगे।
इसलिए ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों से अपील है कि बच्चों को सुचारू रूप से पढ़ाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाए। सभी ग्रामीणों ने स्कूल प्रांगण में पहुंचकर यह प्रस्ताव स्कूल प्रिंसिपल को सौंपा और उनसे अपील की कि 1 फरवरी से स्कूल खोलने संबंधित ग्राम सभा के इस प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों और सरकार तक पहुंचा दें। इस मीटिंग में शिक्षा समिति और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सभी सदस्यों के साथ-साथ दलीप सिंह फौजी, रामकुमार चबरवाल, ओमप्रकाश मैनेजर, भूप ढाका, राजवीर लोटासरा, मदनलाल धायल, विकास, जयबीर पटीर, माई राम, रामस्वरूप, इंदर ताखर, दानाराम शर्मा, ओम प्रकाश फगेडिय़ा आदि मौजूद रहे।
ग्रामीणों का कहना, स्कूल क्यों बंद है
ग्राम सभा की इस बैठक में बोलते हुए मास्टर राजेंद्र सिंह ने बताया कि पूरे देश में अन्य सभी तरह की गतिविधियां और कार्यक्रम चल रहे हैं तो स्कूल ही क्यों बंद किए हुए है। उन्होंने कहा कि अब अब परीक्षा में बहुत थोड़ा समय रह गया है और इस तरह से स्कूल बंद रखने के पीछे कोई बड़ी साजिश लग रही है। अब ग्रामीणों ने मिलकर निर्णय लिया है कि स्कूल खोलने की इस मुहिम को जोर-शोर से आगे बढ़ाना होगा और संघर्ष करना होगा।
1 फरवरी को सभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हम तैयार
शिक्षा समिति के प्रधान कृष्ण ज्याणी ने कहा कि 1 फरवरी को सभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हम सभी तैयार हैं और इस बारे में सभी अभिभावकों की पूरी सहमति है। इस अवसर पर पहुंची महिलाओं मोहिनी देवी और बरजी देवी ने बताया कि वे अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं और पढ़ लिखकर उनके उज्ज्वल भविष्य के बारे में सपने देखती हैं, लेकिन अगर इस तरह से स्कूल बंद रहे तो एक पूरी की पूरी पीढ़ी अनपढ़ रह जाएगी। यह न केवल हमारे परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए बहुत घातक सिद्ध होगा।