झज्जर में भीमेश्वरी देवी मंदिर के तालाब में पैर फिसलने से गिरी पांच वर्षीय मासूम, हुई मौत, CCTV में रिकार्ड हुई तस्वीर
झज्जर में भीमेश्वरी देवी मंदिर के तालाब में गिरने से पांच वर्षीय मासूम की मौत हो गई। घटना की कारणों का खुलासा सीसीटीवी में रिकार्ड हुई तस्वीरों से हो पाया। कैमरे में दिखा कि मासूम मिट्टी छंटाई रस्म के दौरान फिसल गई और वह तालाब में डूब गई।
बेरी (झज्जर), संवाद सूत्र। झज्जर के बेरी में मां भीमेश्वरी देवी मंदिर के तालाब में दूसरे नवरात्र के दिन करीब पांच वर्षीय बच्ची की डूबने से मौत हो गई है। बच्ची अपनी नानी राखी के साथ मंदिर में दर्शन के लिए आई थी। पहले तो काफी समय तक बच्ची का कुछ अता पता नहीं चल पाया। भीड़ होने की वजह से नानी व अन्य लोग इधर-उधर ढूंढ़ते रहे। करीब सवा 3 बजे के बाद बच्ची के डूबने की बात सामने आई।
जिसकी पहचान शिवांगी (5) पुत्री राम सिंह के रूप में हुई है। जो कि मूल रूप से गांव पिलवा, जिला अलवर राजस्थान की रहने वाली है। शिवांगी पिछले तीन साल से अपने नाना के घर गांव धौड़ में रह रही थी। मंगलवार को शिवांगी अपनी नानी राखी के साथ मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए आई थी। बताया जा रहा है कि दर्शन करने के बाद शिवांगी तालाब के पास चली गई। इस दौरान तालाब के वह किनारे खड़ी हुई थी। अचानक से उसका पैर फिसल गया और वह तालाब के अंदर जा गिरी।
सीसीटीवी से लगा डूबने का पता
जानकारी के मुताबिक दर्शनों के बाद जब वे नानी के साथ मंदिर परिसर में तालाब की मिट्टी छंटाई की रस्म निभा रहे थे तो श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते शिवांगी दिखाई नहीं दी। इसके बाद जब शिवांगी की खोज की तो वह काफी देर तक नहीं मिली। बाद में मेला परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद ली गई। जिसमें पता चला कि शिवांगी का पांव मिट्टी छंटाई रस्म के दौरान फिसल गया था और वह तालाब में डूब गई। इधर, जैसे ही जानकारी पुलिस को मिली। मौके पर टीम ने श्रद्धालुओं के साथ मिलकर किसी तरह से शिवांगी को तालाब से बाहर निकलवाया। हालांकि, तब तक शिवांगी की मौत हो चुकी थी। उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवा दिया।
भीड़ की वजह से नहीं दिया किसी ने ध्यान
दरअसल, जिस क्षेत्र में यह घटना हुई है, वहां पर बहुत से बच्चे ऐसे भी रहते हैं जो कि प्रसाद सहित अन्य सामग्री दिन भर एकत्रित करते हैं। इसी समय में ही वे वहां तालाब में श्रद्धा के साथ डाले जाने वाले सिक्कों को भी निकालने का काम करते हैं। ऐसी स्थिति में संबंधित तालाब क्षेत्र में भीड़ ज्यादा होने की वजह से भी किसी का घटना पर ध्यान नहीं गया। करीब सवा 3 बजे के बाद यह बात सामने आईं। जिसके बाद वहां कुछ समय के लिए भगदड़ का माहौल भी बना। हालांकि, तब तक देवी मां को भीतर वाले मंदिर में ले जाया जा चुका था।
झज्जर के अधिकारी के अनुसार
तालाब के आसपास एक जाली लगाई जा रही है। ताकि दोबारा से ऐसी घटना ना सामने आए। यह कार्य रात को ही पूरा हो जाएगा।
---रविंद्र मलिक, एसडीएम, बेरी।