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मृत प्रेमिका को कार से उतारकर घसीटा, खुद ट्रेन से कटा

दिल दहला देने वाली घटना में प्रेमी ने कार से प्रेमिका का शव नीचे उतारा और उसे घसीटते हुए रेलवे लाइन पर ले जाने लगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 12:38 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 12:58 AM (IST)
मृत प्रेमिका को कार से उतारकर घसीटा, खुद ट्रेन से कटा

जागरण संवाददाता, हिसार । दिल दहला देने वाली घटना में प्रेमी ने कार से प्रेमिका का शव नीचे उतारा और उसे घसीटते हुए रेलवे लाइन पर ले जाने लगा। इस दौरान नियंत्रण बिगड़ने से वह रेल ट्रैक पर जा गिरा और वहां से गुजरी फाजिल्का-रेवाड़ी पैसेंजर के नीचे आकर कट गया। इसके चलते करीब आधा घंटे तक रेलगाड़ी रुकी रही।
युवक की पहचान आदमपुर ऑटो मार्केट वासी जसविंदर (23) के रूप में हुई है जबकि युवती आदमपुर की ही 11वीं कक्षा की छात्रा मुकेश है। मौके से मिले चार पन्नों के सुसाइड नोट में युवती के मौसेरे भाई पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
हिसार से आ रही फाजिल्का-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन जाखोद-आदमपुर के बीच पहुंची तो पटरियों के साथ-साथ तेज रफ्तार कार भी दौडऩे लगी। कार चालक ने गति को बढ़ाया और ट्रेन से आगे निकल गया। इसके बाद उसने कार को रोका और उसमें से खून से लथपथ युवती का शव उतारा और उसे कपड़े से घसीटते हुए रेलवे लाइन पर ले जाने लगा। तभी वह लड़खड़ा गया और ट्रेन की चपेट में आ गया। इस दर्दनाक हादसे में जसविंदर की गर्दन और दोनों हाथ धड़ से अलग हो गए।

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संगीत अध्यापक था जसविंदर

जसविंदर के पिता रामकुमार ने पुलिस को बताया कि जसविंदर उसका छोटा बेटा था। वह फतेहाबाद के गांव ढांड के राजकीय विद्यालय में अनुबंध पर संगीत अध्यापक लगा हुआ था। बृहस्पतिवार दोपहर वह गांव सदलपुर में शादी में जाने की कहकर निकला था। वह घर से बड़े बेटे राकेश की कार भी ले गया था। वहीं मुकेश आदमपुर के गर्ल्स स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ती थी, वह दोपहर को कोचिंग सेंटर जाने की बात कहकर घर से निकली थी।

यह सामान किया जब्त

रेलवे पुलिस ने मौके से कार सहित युवक का मोबाइल, सुसाइड नोट, ग्रीटिंग कार्ड, बैग, जूते, शराब की बोतल और छात्रा का स्कूल बैग जब्त कर लिया है। इनकी जांच जारी है। पुलिस सुसाइड नोट में लिखे आरोपियों की पड़ताल में जुट गई है।
पुलिस रुपये लेकर उसे छोड़ ना दे, आप सजा दिलाना पापा

सुसाइड नोट में जसविंदर ने दोनों की मौत के लिए युवती मुकेश के मौसेरे भाई वीरेंदर को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप है कि वीरेंद्र उनके प्रेम प्रसंग के बारे में जानता था और मुकेश के साथ छेड़छाड़ करता था। उन्हें ब्लैकमेल कर रुपये भी ऐंठता था। इससे वे तनावग्रस्त हो गए कि जिंदगी समाप्त करने की ठान ली।

यह लिखा है सुसाइड नोट

माय डियर फादर एंड दिलबाग अंकल जी। मैं जसविंदर और मुकेश आज ये दुनिया छोड़कर चले गए। हम दोनों जानते हैं कि ये बहुत गलत किया है। हमारी मजबूरी थी। हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। परंतु हमारी जिंदगी में वीरेंद्र आ गया, जोकि मुकेश की मौसी का लड़का है। शायद तोशाम साइड रहता है। वो मुझे और मुकेश को ब्लैकमेल करने लग गया था कि मैं ये सब दुनिया वालों को बताऊंगा। वरना तुम दोनों मेरे कहे अनुसार चलो। वो मुझसे रुपये मांगता था और मुकेश के साथ छेड़छाड़ करता था। दिवाली पर मुकेश और मुकेश की फैमिली तोशाम में जागरण में गए थे। तब भी वीरेंद्र ने मुकेश को जबरदस्ती अपने पास बुलाया और रात को छेड़छाड़ की। इन सब बातों के बारे में मुकेश की मम्मी को पता है।

विश्वकर्मा डे से अगले दिन ये वापस तोशाम से आए थे। तब मुकेश की मम्मी ने मुकेश को बहुत डांटा था। जबकि मेरी मुकेश की कोई गलती नहीं थी। जब 23 से 28 मार्च तक भी मुकेश अपनी मौसी के घर गई। तब भी वीरेंद्र ने उसके साथ छेड़छाड़ की। इन सबसे मैं और मुकेश बिल्कुल परेशान हो गए थे। हम दोनों को अपनी जिंदगी समाप्त करनी पड़ गई। हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं जी सकते थे। हम दोनों ने मंदिर में शादी कर ली थी और 10 अक्टूबर 2017 को कोर्ट मैरिज करने वाले थे। इससे पहले ही सबकुछ खत्म हो गया। दुनिया चाहे कुछ भी कहे परंतु हमारी मौत का जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ वीरेंद्र है। पुलिस वाले उससे रुपये लेकर छोड़ ना दे, इसलिए तुम हरसंभव कोशिश करके उसे सजा जरूर दिलवाना, ताकि हमारी आत्मा को शांति मिली। हम दोनों जिंदगी में कुछ करना चाहते थे। पूरी जिंदगी एक साथ रहना चाहते थे परंतु समय को कुछ और ही मंजूर था। सॉरी एंड सॉरी दुनिया वालों और हम दोनों के फैमिली मैंबर्स।

हम दोनों जीना चाहते थे लेकिन वीरेंद्र की ब्लैकमेलिंग के कारण हम दोनों को सुसाइड करना पड़ गया। भगवान हमारे परिवार वालों को सुरक्षित रखना और वीरेंद्र को सजा देना। मुकेश-जसविंद्र। मुकेश मेरी थी, मेरी है और मेरी रहेगी। आई लाइक मुकेश। मेरी जान है। दूसरी चाबी घर वालों से मंगवा लेना। घर पर है, दूसरी चाबी। जसविंद्र पुत्र रामकुमार ऑटो मार्केट, ज्योति स्कूल ऑटो मार्केट। सॉरी भइया, मुझे ये सब करना पड़ा।


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