दो किलोमीटर के फासले पर आगरा के चालक-परिचालक के बहादुरगढ़ रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हालत में मिले शव
आगरा के रहने वाले दो युवकों की बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक पर सोमवार को संदिग्ध हालातों में मौत हो गई है। इनमें एक ट्रक चालक था और दूसरा इसी ट्रक का परिचालक। दोनों की मौत तीन घंटे के अंतर पर हुई। घटना स्थल का फासला भी दो किलोमीटर का है।
By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले ट्राला चालक व परिचालक की रेलवे ट्रैक पर सोमवार को संदिग्ध मौत हो गई। दोनों की मौत तीन घंटे के अंतर पर हुई। घटनास्थल का फासला भी दो किलोमीटर का है। रात तक इस मामले में छानबीन चलती रही। पुलिस का कहना है कि दोनों की मौत रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से हुई है। मगर यह बात अभी पूरी तरह गले नहीं उतर रही। मृतक चालक की पहचान सतीश (32) और परिचालक की पहचान लक्की कुशवाह उर्फ फंटूश (30) के रूप में हुई है। दोनों आगरा के हाथरस रोड पर रामबाग कालोनी के रहने वाले थे। वे आगरा की आरसी सिंघल ट्रांसपोर्ट कंपनी के मातहत काम करते थे। शनिवार को ट्राले में सरिया लेकर बहादुरगढ़ के लिए चले थे। रविवार की रात को आठ बजे निर्धारित जगह पर पहुंच भी गए थे। सोमवार सुबह भी वे गाड़ी के पास थे। मगर उसके बाद चाय पीकर आने की बात कहकर निकले और फिर दोनों की मौत सूचना आई।
पुलिस बता रही है हादसा, मगर खड़े हैं कई सवाल :
राजकीय रेलवे पुलिस की ओर से तो दोनों की मौत को एक हादसा बताया जा रहा है, मगर इसमें कई अनसुलझे सवाल हैं। पहला तो ये कि आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र के पास गाड़ी को छोड़कर वहां से काफी दूर रेलवे ट्रैक पर दोनों के पैदल जाने की कोई वजह नहीं थी। दूसरा सुबह नौ बजे चालक सतीश की रेलवे ट्रैक पर मौत हो गई थी। उसके शव को जब सिविल अस्पताल के पाेस्टमार्टम हाउस में रखा जा रहा था, तब परिचालक लक्की वहीं पर था। मगर वहां से वह गायब हो गया। इसके बाद 12 बजे पुलिस को उसकी भी रेलवे ट्रैक पर मौत होने की सूचना मिली। सतीश की मौत छोटूराम नगर फाटक के पास हुई थी, जबकि लक्की की मौत वहां से दो किलोमीटर दूर हुई। लक्की की मौत समझ से परे है। हालांकि दोपहर तक पुलिस को दोनों के नाम व पते की पूरी जानकारी नहीं थी। उनके पास से बरामद नंबर के आधार पर संपर्क किया। तब शाम को आगरा से कोई स्वजन नहीं बल्कि दोनों का एक पड़ाेसी यहां पहुंचा। उसी ने दोनों की पहचान की। उन्होंने बताया कि सतीश के तीन बच्चे हैं। दो लड़की और एक लड़का। वह शुरू से ही इस कंपनी से जुड़ा था। परिचालक लक्की अविवाहित था और बूढ़े माता-पिता का इकलौता सहारा था। वहीं ट्रांसपोर्ट कंपनी से आए कर्मचारियों ने बताया कि किन हालातों में दोनों ट्रेन की चपेट में आए, यह समझ में नहीं आया। इधर, घटना के जांच अधिकारी मुख्य सिपाही रवि कुमार ने बताया कि दोनों मामलों में पता किया है, उनकी मौत रेलवे ट्रैक पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आने से हुई। मंगलवार को पाेस्टमार्टम होगा।
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