खुले दरबार में ग्रामीण बोले, गांव में नहीं आती बिजली, डीसी ने दिया ये जवाब
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने मंगलवार को गांव बहबलपुर में खुला दरबार लगाकर ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उनके समक्ष 110 शिकायतें रखी गईं
जेएनएन, हिसार : उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने मंगलवार को गांव बहबलपुर में खुला दरबार लगाकर ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उनके समक्ष 110
शिकायतें रखी गईं जिनमें से अधिकतर का मौके पर ही समाधान करते हुए उन्होंने शेष शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-
निर्देश दिए। खुले दरबार में अधिकतर शिकायतें बिजली व पीने के पानी से संबंधित आईं।
खुले दरबार में बहबलपुर गांव के कई लोगों ने शिकायत रखी कि उनके घरों में पिछले कई दिनों से पीने का पानी नहीं आ रहा है। यदि थोड़ा-बहुत आता भी है तो वह गंदा आता है। इस पर उपायुक्त ने जन
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व गांव में तैनात विभागीय कर्मचारियों से जवाब तलब किया। उपायुक्त ने जेई से पूछा कि पीने के पानी के संबंध में लोगों को अपनी शिकायत खुले दरबार में रखने की नौबत ही क्यों आई। कर्मचारी खुद क्यों नहीं चैक करते कि गांव में जहां पानी नहीं पहुंच रहा वहां पानी पहुंचाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। इनके अलावा आसपास की ढाणियों के लोगों ने भी उनके घरों तक पीने का पानी पहुंचाने की गुहार लगाई। उपायुक्त ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों को उचित मात्रा में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता
सुनिश्चित की जाए। बिजली चोरी पकड़वाएं
गांव धिकताना के ग्रामीणों ने शिकायत रखी कि उनके गांव को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है। उपायुक्त के पूछने पर विद्युत निगम के एक्सईएन विजेंद्र
लांबा ने बताया कि गांव धिकताना में 38 प्रतिशत लाइन लोस है। उपायुक्त ने धिकताना के ग्रामीणों को समझाया कि वे गांव में बिजली चोरी करने वालों
को पकड़वाएं और लाइन लोस कम करवाएं तथा सभी परिवार बिजली बिल भरें, तभी गांव में पूरी बिजली की सप्लाई होगी। एक्सईएन ने बताया कि
बहबलपुर व बाडोपट्टी गांव भी धिकताना वाले फीडर से जुड़े हैं और ये दोनों गांव बिजली बिल भरने व कम लाइन लोस के मामले में भी अच्छी स्थिति
में हैं लेकिन धिकताना के कारण इन्हें भी कम बिजली मिल पाती है। इस पर उपायुक्त ने कहा कि जो गांव बिजली चोरी करते हैं और बिल नहीं भरते
उन्हें अलग फीडर पर करें ताकि उनके कारण अन्य गांवों का नुकसान न हो।
गांव के कई लोगों ने उपायुक्त के समक्ष मकान पक्के करवाने का अनुरोध
किया। इस पर उपायुक्त ने जानकारी दी कि कच्चे घर वाले बीपीएल परिवार अपने मकान पक्के करवाने के लिए अपने बीडीपीओ को आवेदन दें ताकि
उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा सके। उन्होंने कहा कि गांव में कच्चे मकानों वाले परिवारों को
प्रधानमंत्री आवास योजना व प्रियदर्शिनी आवास योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के परिवारों के लिए
पक्के मकान बनवाने के लिए भी बैंक ऋण की सुविधा उपलब्ध है। हर माह एक गांव में राशन कार्ड बनाने को लगेगा कैंप
उपायुक्त ने नए राशन कार्ड बनवाने तथा राशन कार्ड में नए नाम जुड़वाने का अनुरोध करने वाले ग्रामीणों को अपने आवेदन खाद्यापूर्ति विभाग तक पहुंचाने को कहा ताकि उन्हें राशन कार्ड से संबंधित सेवा उपलब्ध हो सके। उपायुक्त ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा हर माह कि
सी एक गांव में जिला स्तरीय खुला दरबार लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं व शिकायतें सुनी जाती हैं ताकि उनके घर-द्वार पर ही उनका समाधान हो सके
। खुले दरबार में ये रखीं समस्याएं
- मनरेगा में काम दिलवाने
- घरों के उपर से गुजरती बिजली की तारों को हटवाने
- गंदे पानी की निकासी करवाने
- सड़कें व गलियां बनवाने
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100-100 वर्गगज के प्लाटों पर बसी बस्ती में सुविधाएं मुहैया करवाने
- खेतों की नाली को बहाल करवाने
- ढाणियों में बिजली व पानी की आपूर्ति मुहैया करवाने
- विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन बनवाने
- गांव में बस के ठहराव की समस्या
- स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति न मिलने
- बैंकों, पुलिस विभाग व लड़ाई-झगड़े से संबंधित समस्या
ये अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त
अमरजीत ¨सह मान, एसडीएम परमजीत ¨सह, डीआरओ राजेंद्र ¨सह, डीडीपीओ अर्श्वीर ¨सह, सीएमओ डॉ. दयानदं, डीएसपी जितेंद्र ¨सह, जनसंपर्क
विभाग के उपनिदेशक डॉ. साहिब राम गोदारा, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. दलबीर ¨सह सैनी, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस ¨सधु, डीईओ बलजीत ¨सह, डीटीसी सतबीर सिवाच, एक्सईएन विजेंद्र लांबा, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पूनम
रमन, डीआईपीआरओ पारू लता, बीडीपीओ संजय टांक, सरपंच केला देवी, सरपंच प्रतिनिधि भजनलाल, डीपीएम ¨पकी यादव व बीईओ ज्ञान ¨सह
सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।