नेशनल अवार्डी, इंटरनेशनल पैरा एथलिट और एवरेस्ट विजेता हस्तियों ने कही ऐसी बात सुन जोश से भरी छात्राएं
विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियंा हासिल करने वाली 29 बेटियो व महिलाओं को सम्मानित किया।
जेएनएन, हिसार : उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि शिक्षा और आर्थिक आजादी के बल पर ही बेटिया जीवन के आसमान में सफल उड़ान भर सकेंगी। बेटिया अपनी शक्तियों पर विश्वास करके माता-पिता का भरोसा कायम रखें और जीवन में मिलने वाले मौकों का लाभ उठाएं तो उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
उपायुक्त ने यह बात आज गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित बेटियों का संसार-उपलब्धिया बेशुमार नामक सम्मान समारोह में उपस्थित महिलाओं व कॉलेज की छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियंा हासिल करने वाली 29 बेटियो व महिलाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर फिल्म कलाकार बलजिंद्र कौर, इंटरनेशनल पैरा एथलिट एकता भ्याण व एवरेस्ट विजेता शिवागी पाठक ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए विपरीत परिस्थितियों में किए गए संघर्ष की कहानिया सुनाई और छात्राओं को जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्त्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एकता भ्याण व शिवागी पाठक के संबंध में की गई प्रशसा के वीडियो भी दिखाए गए।
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने सम्मानित होने वाली सभी बेटियों व महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि आपको सम्मानित करके हम खुद को गौरवावित महसूस कर रहे हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं और विपरीत परिस्थितियों का बहाना बनाने का कोई फायदा नहीं क्योंकि जमाने में किसी के पास आपके बहाने सुनने का समय और रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को यह धारणा तोड़नी होगी कि वे फला काम नहीं कर सकती हैं। छोटे कद की शिकायत करने वाले सचिन तेंदुलकर व आमिर खान से, गरीबी का बहाना करने वाले पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम, और खराब आवाज का बहाना बनाने वाले लोग अमिताभ बच्चन से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्हें ऑल इंडिया रेडियो द्वारा आवाज खराब होने की बात कहकर नौकरी पर रखने से मना कर दिया गया था लेकिन आज वे 40 साल से बॉलीवुड के सबसे चमकते सितारों में से एक हैं।
उन्होंने कहा कि पहले बारहवीं के बाद केवल इंजीनियरिंग, मेडिकल या बीए करने के विकल्प होते थे लेकिन आज युवाओं के सामने बेशुमार अवसर हैं। उन्होंने सिविल सर्विसिज, मिलिट्री सेक्टर, मेडिकल सेक्टर, इंजीनियरिंग सेक्टर, बिजनेस सेक्टर, कानून, कंसल्टेंट्स, सामाजिक विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार के विकल्पों की भी विस्तार से जानकारी दी।
सीटीएम शालिनी चेतन ने कार्यक्त्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 11 जुलाई को शुरू किए गए इस विशेष अभियान के माध्यम से बेटियों की उन समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया जो उनके मार्ग की बाधाएं बनती थीं। इस समारोह के माध्यम से हम उन अभिभावकों का आभार जताना चाहते हैं जिन्होंने अपनी बेटियों में भरोसा जताया और उन्हें आगे बढ़ने के मौके दिए। उन्होंने बेटियों से आह्वान किया कि वे जीवन में बाधाएं बनने वालों का भी शुक्त्रिया करें जिनके कारण उनके इरादे मजबूत हुए और जीवन में सफलता पाने की उनकी इच्छाशक्ति बढ़ी।
समारोह में हिसार में ही नियुक्त सहायक रोजगार अधिकारी व इंटरनेशनल पैरा एथलिट एकता भ्याण ने बेटियों से पूछा कि क्या चीज है जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने से रोक रही है। इन सब बाधाओं को अनदेखा करके आगे बढ़ने की कोशिश करो, क्योंकि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति के चलते कोई भी चीज आपको रोक नहीं सकती है। उन्होंने अपने जीवन की कहानी सुनाते हुए कहा कि मैं डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन एक सड़क दुर्घटना से मेरे जीवन में अंधकार छा गया। समाज की बेरुखी के बावजूद मेरे माता-पिता ने मेरा साथ दिया और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा प्राप्त करके मैंने जीवन की तमाम चुनौतियों को हराया।
बॉलीवुड, पंजाबी, हरियाणवी और तमिल फिल्मों में अभिनय करने वाली कलाकार बलजिंद्र कौर ने कहा कि मैं पंजाब में पैदा हुई और हिसार में शादी हुई। मेरे पिता ने कभी बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं किया और मुझे पढ़ाई के दौरान हॉस्टल में रहने के लिए भेजा। इससे मुझमें आत्मविश्वास आया जिस कारण मैं विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लायक हुई। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की तारीफ करते हुए इसके लिए सरकार को बधाई दी।
एवरेस्ट विजेता शिवागी पाठक ने भी अपने अनुभव साझे करते हुए कहा कि एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान शारीरिक दिक्कतों और वापस लौटने के दबाव के बावजूद मैं अपने माता-पिता और देशवासियों की उम्मीदों को पूरा करने के जज्बे के कारण एवरेस्ट को फतह कर पाई। उन्होंने कहा कि बेटी के रूप में एवरेस्ट की चोटी पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लिखा झडा और भारत का तिरंगा फहराकर मुझे जो गर्व का अनुभव हुआ उसे मैं शब्दों में बया नहीं कर सकती।
महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्त्रम अधिकारी डॉ. पूनम रमन ने कार्यक्त्रम के लिए सहयोग करने वालों का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन अर्चना सुहासिनी व यश ने किया। एकोस्टिक बैंड के सदस्यों ने आधुनिक वाद्य यंत्रों के साथ प्रेरणादायक गीत सुनाकर उपस्थितजन को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुलिस विभाग की सुनीता शर्मा ने बेटियों को हरियाणा पुलिस द्वारा लॉन्च किए गए दुर्गा शक्ति एप के बारे में जानकारी देते हुए उनके मोबाइल में यह ऐप इंस्टॉल करवाया। उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय महिलाएं इस एप के माध्यम से सहायता माग सकती हैं और इस एप के माध्यम से महिला की लोकेशन भी अपने आप पुलिस तक पहुंच जाती है।
इस अवसर पर सीटीएम शालिनी चेतल, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्त्रम अधिकारी डॉ. पूनम रमन, सिविल सर्जन डॉ. दयानंद, जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. साहिब गोदारा, डीईओ बलजीत सिंह व डीआईपीआरओ पारू लता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व कॉलेजों की छात्राएं भी मौजूद थीं।