बेटा पैदा होने के 13 साल बाद जन्मी बेटी तो पूरे गांव को दी दावत, खुशी में झूमा परिवार
बेटियों के जन्मदिन पर कुआं पूजन तो आम परंपरा हो चुकी है। फतेहाबाद के एक परिवार ने बेटी के जन्म दिन को शादी समारोह जैसा बना दिया। लाखों रुपये खर्च किए गए हर ओर चर्चा है।
भिरडाना/फतेहाबाद, जेएनएन। बेटियां बेटों से कम नहीं होती। यह बात आजकल बहुत से लोगों के मुंह से सुनने को मिलती है। कुछ जगहों पर बेटी के जन्म पर बेटों की जन्म की तरह ही कुआं पूजन की रस्म भी निभाई जाती है। मगर एक घर ऐसा भी है जिसने बेटी के जन्म पर न केवल कुआं पूजन किया बल्कि खुश हो पूरे गांव को खाने की दावत दी है। फतेहाबाद के भिरडाना निवासी भजन लाल कंबोज की एक मुराद थी कि उसके घर में एक बेटी हो। बेटे के जन्म के तेरह साल बाद यह मुराद पूरी हुई तो पूरा परिवार खुशी से झूम गया।
बेटी का नाम रखा है गुरबाणी। सोमवार को परिवार ने असाधारण तरीके से बेटी का जन्म दिन मनाया। बेटियों के जन्मदिन पर कुआं पूजन तो आम परंपरा हो चुकी है। भजन लाल कंबोज के परिवार ने बेटी के जन्म दिन को शादी समारोह जैसा बना दिया। पूरे गांव के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। घर में डीजे यानि संगीत बजाया गया।
गुरबाणी की मां प्रकाश कौर ने बताया कि उनकी शादी करीब तेरह साल पहले हुई थी। उनके एक बेटा है, जो करीब 12 साल का हो चुका है। यह उनके अपने अनुभव की बात थी कि जिस घर में बेटी नहीं होती, वह घर खाली सा रहता है। बेटियों वाले घर में अलग ही शिष्टाचार और अनुशासन का माहौल होता है। इसलिए उन सभी की ख्वाहिश थी कि उनके आंगन में भी बेटी के कदम पड़े। अब यह पहल दूसरे लोगों के लिए मिसाल बन गई है तो वहीं उन लोगों के मुंह पर तमाचा भी है। जो बेटियों को बेटों से कम आंकते हैं।
यह है गांव में लिंगानुपात की स्थिति
भिरडाना में लिंगानुपात काफी संतोषजनक है। दो साल पहले तक लिंग अनुपात काफी खराब था। इसके बाद वर्ष 2018 में सुधार आया और लिंग अनुपात 2200 तक पहुंच गया। वर्ष 2019 में भी यह आंकड़ा 2000 के करीब रहा।