दंगल गर्ल गीता-बबीता की छोटी बहन रितु ने कुश्ती छोड़ी, अब मार्शल आर्टस में दिखाएंगी दम
रितू ने 2016 में सिंगापुर में कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। नवंबर 2017 में रितू ने पौलेंड में आयोजित अंडर-23 विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक पदक जीता था
चरखी दादरी [सचिन गुप्ता] कुश्ती के मैट पर क्षेत्र व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाने वाली दंगल गर्ल गीता व बबीता फौगाट की छोटी बहन तथा अंतरराष्ट्रीय पहलवान रितू फौगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। रितू फौगाट ने अब मिक्सड मार्शल आर्टस में जाने का फैसला ले लिया है। रितू के पिता तथा द्रोणाचार्य अवार्डी पहलवान महाबीर फौगाट ने खुद इस बात की पुष्टि की है। महाबीर फौगाट ने बताया कि मिक्सड मार्शल आर्टस के लिए रितू ने फिलहाल सिंगापुर में एक एकेडमी को ज्वाइन किया है। वहीं पर रितू मार्शल आर्टस का प्रशिक्षण प्राप्त करेगी। आइए जानें क्यों लिया है फैसला और फैसले के क्या होंगे मायने।
ट्विटर पर दी जानकारी
24 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय पहलवान रितू फौगाट ने कुश्ती को छोड़ कर एमएमए में हाथ आजमाने की घोषणा खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर की है। रितू ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि अब समय एक नई यात्रा, एक नई चुनौती, एक नई शुरूआत का है, लेकिन लक्ष्य वहीं रहेगा। देश का प्रतिनिधित्व करना तथा देश के लिए चैंपियनशिप जीतना।
रितू के नाम है कई उपलब्धियां
अंतरराष्ट्रीय पहलवान रितू फौगाट के नाम कुश्ती में काफी उपलब्धियां है। रितू फौगाट ने 8 वर्ष की उम्र में ही अपने पिता, कोच और द्रोणाचार्य अवार्डी पहलवान महाबीर फौगाट से कुश्ती की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। उसी की बदौलत रितू ने वर्ष 2016 में सिंगापुर में कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा नवंबर 2017 में रितू ने पौलेंड में आयोजित अंडर-23 विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक पदक प्राप्त किया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रो-रेसलिंग लीग में दिसंबर 2016 में जयपुर निजा टीम ने रितू पर सबसे अधिक 36 लाख रुपये की बोली लगाई थी।
बेटी के फैसले से खुश हूं : महाबीर
द्रोणाचार्य अवार्डी तथा रितू के पिता महाबीर फौगाट ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि वे रितू के फैसले से काफी खुश है। उन्होंने बताया कि रितू काफी समय से एमएमए में जाने की बात कह रही थी। उन्होंने बताया कि एमएमए के लिए रितू सिंगापुर जा चुकी है। वहां पर वह एमएमए का प्रशिक्षण लेगी तथा दो-तीन महीने बाद भारत लौटेगी।
सोच समझकर लिया रितू ने फैसला : बबीता
रितू फौगाट की बड़ी बहन तथा अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फौगाट ने बताया कि रितू ने यह फैसला बहुत ही सोच समझकर तथा सभी से बातचीत करने के बाद लिया है। बबीता ने बताया कि रितू की मार्शल आर्टस में पहले से ही रूचि थी। अब उसे एमएमए में जाने का मौका मिला तो उसने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। बबीता ने बताया कि एमएमए में जितने भी विश्व चैंपियन बने हैं, वे सभी पहले फ्री स्टाइल रेसलर रह चुके है। रितू भी खुद फ्री स्टाइल रेसलर है, ऐसे में सभी को उम्मीद है कि वह भी एमएमए में विश्व चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय बनेंगी। बबीता ने कहा कि खेल चाहे कोई भी हो, वे हमेशा देश का नाम रोशन करते रहेंगे।