दंगल गर्ल के पिता ने बयां किया दर्द, बोले- सरकार के रवैये से खिलाड़ी मायूस, कर जाएंगे पलायन Hisar news
दंगल गर्ल बबीता ने याचिका लगाई थी कि उनकी बहन से ज्यादा पदक उनके पास हैं। फिर भी उन्हें DSP पद क्यों नहीं दिया गया। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। पिता अब दोबारा याचिका लगाएंगे।
चरखी दादरी, जेएनएन। कभी इनामी राशि कम करने को लेकर तो कभी खिलाड़ी सम्मान समारोह रद होने के चलते इन दिनों हरियाणा के खिलाड़ी सरकार से नाराज चल रहे हैं। ओलंपिक और कॉमनवेल्थ जैसे खेालें में देश को सोना चांदी दिलाने वाले खिलाड़ी खेल नीति पर ही सवाल उठा रहे हैं। इन्हीं में से दंगल गर्ल बबीता का भी एक मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
अब द्रोणाचार्य अवार्डी व फौगाट बहनों के पिता महाबीर पहलवान भी बबीता के विवाद में कूद गए हैं। उन्होंने कहा कि बबीता फौगाट को उसकी योग्यता व सरकार की खेल नीति के अनुसार डीएसपी का पद मिलना चाहिए। बबीता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे ठुकरा दिया गया। अब दोबारा से सरकार की खेल नीति से संबंधित व अन्य दस्तावेजों के साथ याचिका दायर करेंगे। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है कि बबीता फौगाट को उसका हक मिलेगा।
बता दें कि दंगल गर्ल बबीता फौगाट ने अपनी बहन गीता फौगाट के समकक्ष डीएसपी रैंक की मांग हरियाणा सरकार से की थी। डीएसपी रैंक नहीं मिलने पर उन्होंने कोर्ट में यह दलील देते हुए याचिका लगाई थी कि उनकी बहन से भी ज्यादा पदक उनके पास हैं। फिर भी उन्हें डीएसपी पद क्यों नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद सुनवाई के दौरान हाल में ही कोर्ट ने दलील को तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया था। अब दंगल परिवार दोबारा से नए दस्तावेजों के आधार पर याचिका लगाने के मूड में है। वहीं अन्य विवादों को लेकर कई खिलाड़ी आए दिन ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वहीं हरियाणा सरकार का कहना है कि वो जो भी कर रहे हैं खेल नीति के तहत ही कर रहे हैं।
वहीं महाबीर फौगाट ने हरियाणा सरकार की खेल नीति पर भी कई सवाल उठाए। कहा कि हरियाणा सरकार की खेल नीति से खिलाडिय़ों को मायूस होना पड़ रहा है। अपना हक पाने के लिए खिलाडिय़ों को कोर्ट में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यहां तक कि सरकार द्वारा घोषित अवार्ड राशि में भी कटौती की जा रही है। अवार्ड राशि पाने के लिए खिलाडिय़ों को खेल विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
महावीर फौगाट ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि पहले दूसरे प्रदेशों के खिलाड़ी भी हरियाणा में आने के लिए आतुर होते थे, लेकिन इस समय खिलाडिय़ों के साथ जिस तरह का भेदभाव हो रहा है। इस कारण खिलाड़ी भी पलायन कर रहे हैं। आने वाले समय में खिलाडिय़ों का हब हरियाणा प्रदेश में खेलों में कोई युवा आगे नहीं आएगा।