प्रतिदिन 20 करोड़ से अधिक का कपड़ा कारोबार 75 फीसद ठप
पवन सिरोवा हिसार कोविड-19 के चलते हिसार का कपड़ा उद्योग 75 फीसद ठप हो गया है। प्रतिदि
पवन सिरोवा हिसार : कोविड-19 के चलते हिसार का कपड़ा उद्योग 75 फीसद ठप हो गया है। प्रतिदिन 20 करोड़ से ज्यादा का हिसार से कपड़ा कारोबार होता है जो कपड़ा मिलों से कपड़ा नहीं आने से प्रभावित हो गया है। हिसार में देश के उन शहरों से कपड़ा आता था, जहां कोरोना के सबसे अधिक मरीज मिले। यानि कोरोना जहां फैला, वह शहर कपड़ा कारोबार के मुख्य केंद्र हैं। जिसमें मुंबई, राजस्थान का भीलवाड़ा सहित सूरत जैसे शहरों से हिसार में कपड़ा आता है यहां कोरोना के कहर से कपड़ा कारोबार लगभग ठप है। इसके कारण हिसार में कपड़ा नहीं पहुंच पा रहा है। हिसार में कपड़े के पुराने स्टॉक से ही व्यापारी कारोबार कर रहे हैं। कपड़ा नहीं आने के कारण राजस्थान, पंजाब से लोग भी यहां नहीं आ पा रहे हैं। वहां पर हिसार की मार्केट से कपड़ा जाता था।
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हिसार में करीब 1500 कपड़े की दुकानें, 25 फीसद हो रहा कारोबार
हिसार में होलसेल से लेकर रेडिमेट कपड़े की करीब 1500 दुकानें हैं। जिनमें से कपड़े की होलसेल की करीब 200 दुकानें हैं। कपड़ा व्यापारियों की द होलसेल क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान रमेश रॉयल के अनुसार उनकी एसोसिएशन से 150 कपड़ा व्यापारी जुड़े हुए है। वर्तमान में उनका करीब 25 फीसद ही कारोबार बचा हुआ है, जबकि 75 फीसद ठप है। व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कपड़े की मिलें बंद होने के कारण कपड़ा आने में भी दिक्कत आ रही है। हिसार की बात करते तो कारोबार करोड़ों में है। अनुमान मानें तो पूरे हिसार में प्रतिदिन 20 करोड़ का कारोबार होगा।
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जहां कोरोना बरपा रहा कहर, वहीं कपड़े की मिल
राजगुरु मार्केट के पूर्व प्रधान और कपड़ा व्यापारी राजेश जैन ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर मुंबई और राजस्थान के भीलवाड़ा में हुआ। इन्हीं क्षेत्रों में कपड़े की मिलें हैं। हिसार में आने वाला कपड़ा मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, भीलवाड़ा, चेन्नई के ईरोड से आता है। कपड़े के बड़े एजेंट दिल्ली और जयपुर से हैं। जिनके माध्यम से हिसार में बड़े स्तर पर कपड़ा माल आता था। लॉकडाउन के पहले से कपड़े के ऑर्डर हैं जो अटके हुए हैं। थोड़ा बहुत कपड़ा पंजाब के अमृतसर से आता रहा है इसलिए कपड़े का कई दुकानों पर माल अवश्य पहुंचा है।
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कपड़े का 90 फीसद कारोबार लोन पर निर्भर
अभी तक कपड़ा कारोबार बंद होने से व्यापारी आर्थिक नुकसान तो झेल ही रहा है। साथ ही बैंकों के लोन की किश्तों पर लगने वाले ब्याज ने उसे बड़ी परेशानी में ला दिया है। प्रधान रमेश रॉयल ने कहा कि मार्केट का करीब 90 फीसद कपड़ा व्यापारियों ने कपड़े के कारोबार में बैंकों से लोन लिया हुआ है। बैंक किश्त के साथ ब्याज मांग रहा है। कारोबार हुआ नहीं, बिजली व पानी बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, दुकान किराया आदी का भुगतान करने के अलावा बैंक लोन का ब्याज भरना व्यापारी ने लिए बड़े नुकसान है। कपड़ा व्यापारी रमेश रॉयल, राजेश जैन विनय जैन ने सरकार से ब्याज में व्यापारियों को राहत देने की मांग की है।
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बाजार पूरा खुलेगा तो भीड़ कम होगी और व्यापारी को राहत मिलेगी
भाजपा जिला उपाध्यक्ष और कपड़ा व्यापारी बाबूलाल ने कहा कि बाजार में लेफ्ट-राइट जैसे प्लान बनाने के बजाय उसे पूरा खोला जाना चाहिए। व्यापारियों से बातचीत कर सुरक्षा की प्लानिग होनी चाहिए। ताकि व्यापारी और प्रशासन मिलकर सुरक्षा के प्रबंध कर सके और व्यापारियों का कारोबार भी प्रभावित न हो। मौजूदा समय में हमारा कारोबार 75 फीसद ठप है।