Crop Insurance Policy: फतेहाबाद में किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पर 58 फीसद किसानों ने ही किया रजिस्ट्रेशन
उपायुक्त महावीर कौशिक ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत जिला फतेहाबाद में 58 प्रतिशत क्षेत्र का पंजीकरण किया गया है। क्रोप मैपिंग का कार्य 100 प्रतिशत क्षेत्र पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। जिला फतेहाबाद में 12600 हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की कास्त की गई है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : मेरी फसल मेरा ब्योरा की समीक्षा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से हरियाणा राज्य के सभी जिला उपायुक्तों के साथ एक बैठक की। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप सिंह भी मौजूद रहे। एसीएस सुमिता मिश्रा ने गिरदावरी का डाटा 10 सितंबर, 2021 तक अपलोड करने बारे निर्देश दिए गये ताकि कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के डाटा का मिलान करके जो क्षेत्र बेमेल पाया जाता है उसका सत्यापन किया जा सके।
वीसी में उपायुक्त महावीर कौशिक ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत जिला फतेहाबाद में 58 प्रतिशत क्षेत्र का पंजीकरण किया गया है। क्रोप मैपिंग का कार्य 100 प्रतिशत क्षेत्र पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। जिला फतेहाबाद में 12600 हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की कास्त की गई है। इस वर्ष भी सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम लागू की हुई है जिसमें कस्टम हायरिंग सेंटर पर फसल अवशेष प्रबंधन में काम आने वाले कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान व व्यक्तिगत किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
63 गांवों को रेड जोन में किया शामिल
धान पराली में होने वाली आगजनी की घटनाओं को रोकने बारे विस्तृत योजना तैयार की गई है। जिला फतेहाबाद के 63 गांव रेड जोन में व 66 गांव यैलो जोन में आते है। इन गांवों में प्राथमिकता के आधार पर कृषि यंत्र अनुदान पर दिए जायेंगे। जिला के प्रत्येक गांव में कृषि, राजस्व व पंचायत विभाग से एक कर्मचारी नियुक्त किया जायेगा ताकि आगजनी की घटनाओं की जानकारी मिलने उपरान्त तुरंत कार्यवाही की जा सके। आगजनी की घटना की जानकारी देने के लिए एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है जिसका नंबर 01667-231122 है। कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर आगजनी की घटना की जानकारी दे सकता है। इसी प्रकार खंड स्तर पर भी एक निगरानी टीम का गठन किया जायेगा ताकि खंड में फसल अवशेष प्रबन्धन बारे होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर निगरानी रखी जा सके।
पंचायती भूमि का मांगा ब्योरा
जिला विकास एवं पंचायत विभाग को जिले के प्रत्येक गांव में उपलब्ध पंचायती भूमि बारे जानकारी उपलब्ध करवाने हेतु निर्देश दिए, ताकि इस जमीन पर धान पराली की गांठों का भंडारण किया जा सके। इसके अलावा उपायुक्त ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग को जिला में स्थित सभी गौशालाओं द्वारा पराली की मांग उपलब्ध करवाने बारे निर्देश दिए। वीडियो कान्फ्रेंस में जिला राजस्व अधिकारी प्रमोद चहल, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. काशी राम, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. राजेश सिहाग, एसडीओ भीम सिंह, तकनीकी सहायक राकेश कूंट, संदीप बिदलान आदि मौजूद रहे।