कोरोना योद्धा डॉ. पुनिया को फिर सौंपा कोविड-19 चार्ज, रसूखदार से विवाद पर छीनी थी जिम्मेदारी
हिसार में डॉ. रमेश पुनिया द्वारा एक रसूखदार नेता को क्वारंटाइन करने पर उनसे कोविड-19 चार्ज छीन लिया था। फिर प्रदेशभर में सियासी बवाल हुआ। अब फिर से उन्हें जिम्मेदारी दी गई है
हिसार, जेएनएन। हिसार के लिए बड़ी खबर है। रसूखदार नेता से भिड़ने के बाद कोरोना योद्धा डा. रमेश पुनिया से छीना गया कोविड-19 से जुड़ा कार्यभार उन्हें वापस लौटा दिया गया है। इसे लेकर सिविल अस्पताल सीएमओ ने एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्हें फिर से कार्यभार सौंपने की जानकारी दी गई है।
ऐसे में अब डॉ. पुनिया फिर से कोविड-19 से जुड़े कार्यों को करने में जुटेंगे। हालांकि इस मामले में एसपी सहित विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। अर्बन एस्टेट निवासी गुरुग्राम से लौटे युवक की दो कोरेाना रिपोर्ट, उनके वीआई सूट में ठहरने और बिना रिपोर्ट आए आइसोलेशन से छुट्टी देने पर जांच की मांग कर अर्बन एस्टेट पुलिस को शिकायत दी है। बुधवार शाम को उन्होंने इस संबंध में अपने बयान दर्ज करवाए।
पुलिस को दिए बयान में डा. रमेश पुनिया ने बताया कि सिविल अस्पताल से 9 मई को एक डा. का फोन आया कि अर्बन एस्टेट में गुरुग्राम से लौटे युवक की प्राइवेट मैट्रोपोलिस लैब की रिपोर्ट पॉजिटिव है, जिसके बाद अर्बन एस्टेट जाकर पूछताछ की तो युवक ने अपनी नेगेटिव रिपोर्ट दिखाई। युवक से पता लगा कि वह पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में गांव चिड़ी, रोहतक निवासी उसके दोस्त के साथ बिना रिकॉर्ड दर्ज करवाए रुके थे। कोरोना संदिग्ध होने के कारण टीम की सहायता से अर्बन एस्टेट निवासी युवक को एंबुलेंस से आइसोलेशन में दाखिल करवाया। वहां उसकी थ्रोट स्वैब की रिपोर्ट आए बिना ही डिस्चार्ज कर दिया गया।
इससे पहले किसी भी संदिग्ध को रिपोर्ट आए बिना डिस्चार्ज नहीं किया गया। इस युवक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई थी। जबकि उसने अपने मोबाइल में नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखाई। रिपोर्ट के साथ छेडख़ानी कर जनता में भय पैदा करने और महामारी के चलते अफवाह फैलाने के चलते कारवाई करने की मांग है।
बता दें कि गुरुग्राम से हिसार का एक युवक अर्बन एस्टेट में लौटा था। उनके द्वारा गुरुग्राम में करवाए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट में नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही बातें अंकित थी। इसके बाद उनकी हिसार सिविल अस्पताल में जांच करवाई गई। जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद युवक ने घर जाने की बात कही तो डॉ. पुनिया ने उन्हें क्वारंटाइन होने काे लेकर कहा। इस पर अस्पताल में क्वारंटाइन होने से युवक ने मना कर दिया। इसके बाद युवक अपने घर लौट गया। डॉ. रमेश पुनिया ने उनके घर के बाद 14 दिनों तक घर रहने को लेकर पोस्टर चिपकाने की बात कही तो युवक और डॉक्टर में तकरार हो गई। ऐसा आरोप लगाते हुए डॉ. पुनिया ने कहा कि युवक ने खुद को जजपा नेता बताते हुए देख लेने की बात कही और पोस्टर चिपकाने के बाद अगले ही दिन मुझसे कोविड-19 से जुड़ा कार्यभार छीन लिया गया।
इसके बाद इस मामले में सियासी बवाल हुआ और मामला अनिल विज तक पहुंच गया। साथ कई पार्टियों ने नेताओं ने इसे निंदनीय बताया। कुलदीप बिश्नोई, सैलजा, दीपेंद्र हुड्डा, संपत सिंह और कई प्रतिनिधियों ने मामले की जांच की मांग की। डॉक्टर पुनिया ने इस मसले को लेकर अपनी फेसबुक पर दो बार पोस्ट की। एक तब जब उनसे कार्यभार छीना गया और एक तब जब सीएमओ ने उन्हें लेकर कहा कि डॉ. पुनिया ने कुछ भी करने के लिए मुझसे राय नहीं ली। इनकी दोनों ही पोस्ट और उनकी वीडियो प्रदेशभर में खूब वायरल हुई। लोगाें की तीखी प्रतिक्रिया को मिलता देख उन्हें फिर से कार्यभार सौंपा गया है। डॉ. पुनिया व उनकी टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारी नूर मोहम्मद, आशीष व अन्य लोग बीते 70 दिनों से हिसार जिले में कोविड-19 से जुड़ी गतिविधि देख रहे थे। जितने भी पॉजिटिव मिले उनकी मॉनिटरिंग, सैंपलिंग और क्वारंटाइन करने की प्रक्रिया वही देखते रहे हैं।
जांच की जा रही है - गंगाराम पूनिया
अर्बन एस्टेट निवासी युवक की कोरोना की दो रिपोर्ट और अन्य पहुलओं पर जांच की जा रही है, इस मामले के बारे में उपायुक्त से पत्र मिला था, जिसके बाद जांच शुरु कर दी गई थी। जांच से जुड़े तथ्य जुटाए जा रहे हैं। जांच जल्द पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- गंगाराम पूनिया, एसपी, हिसार।