Move to Jagran APP

Lockdown effect : खाने- खिलाने के पड़े लाले, जिंदा दफना दिए 30 हजार मुर्गे Hisar News

भिवानी के ढिगावा में मुर्गी फार्म संचालक ने 30000 मुर्गियों को जिंदा दफना दिया। लॉकडाउन से कोई खरीदार नहीं बचा तो संचालकों के पास फीड नहीं पहुंच रहा है। पहले दाम भी न के बराबर थे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 04:34 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 04:34 PM (IST)
Lockdown effect : खाने- खिलाने के पड़े लाले, जिंदा दफना दिए 30 हजार मुर्गे Hisar News

हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते लागू किए लॉकडाउन के कारण हरियाणा के भिवानी में एक अलग तरह का मामला सामने आया है। वायरस के कारण पहले चिकन यानि मुर्गे के मीट के दाम गिरे तो फिर 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद व्‍यापार पूरी तरह से बंद हो गया। ऐसे में अब मुर्गी फार्म संचालकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं और वे खुद को फार्म में पल रहे मुर्गों को दाना खिलाने के लिए सक्षम नहीं बता रहे हैं। आलम ये है कि भिवानी के ढिगावा में मुर्गी फार्म संचालक ने 30000 मुर्गियों को जिंदा दफना दिया। मुर्गी फार्म ने बताया कि इससे उन्‍हें लाखाें रुपये का नुकसान हुआ है।

loksabha election banner

व्‍यापार ठप होने के कारण मुर्गियों को डालने के लिए फीड नहीं मिल रहा है। मुर्गियां 25 से 30 दिन की हो चुकी थी जिनका वजन 1000 से 1500 ग्राम हो गया था। कोई खरीदार नहीं था तो इनकी सप्‍लाई भी अब कहीं नहीं हो सकती थी। क्‍योंकि होटल समेत सब कुछ बंद है। ऐसे में ऐसा करना पड़ा है। इस मंजर को जिसने भी देखा वो चर्चा करने में जुटा है।

बता दें कि चिकन खाने से कोरोना फैल सकता है, इस तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर खूब चलीं। अफवाहों का असर ये हुआ कि लोगों ने चिकन खाना बंद कर दिया। जिसके कारण चिकन के भाव लगातार गिरते गए। फार्म संचालक इस  हालत को लेकर बेहद चिंतित थे। इसके बाद 25 मार्च को पीएम मोदी ने देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। ऐसे में मुर्गे फार्मों में ही कैद होकर रह गए।

फार्म संचालकों ने कहा अगर मुर्गों को नहीं दफनाते तो ये भूख से ही मर जाते। इसके कारण दुर्गंध भी फैलती और इसके कारण बीमारी भी फैलने का भय बना रहता। इसलिए मुर्गों को जमीन में दफनाने का फैसला लिया गया है। दरअसल ये मामला केवल अब भिवानी तक सिमित नहीं है, बल्कि देशभर में अब यही स्थिति बनती जा रही है।

वहीं मुर्गों के दाम गिरने से मछली और बकरे के मांस की डिमांड बढ़ गई थी। अंडों के दाम भी गिरने लगे थे। लॉकडाउन के बाद कहीं भी अब मांस की बिक्री नहीं हो रही है। ऐसे में मांस से जुड़ा कारोबार करने वाले लाेग बुरी तरह से प्रभावित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.