कोर्ट की टिप्पणी- प्यार के चलते संबंध बनें तो दुष्कर्म नहीं, आरोपित को किया बरी
रोहतक में महिला ने पति के मामा के लड़के पर लगाया था बंधक बनाकर दुष्कर्म का आरोप। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने आरोपित को किया बरी
रोहतक, जेएनएन। सहमति से संबंध बनने और फिर रिश्ता खराब होने पर दुष्कर्म का केस दर्ज करवाने के मामले में कोर्ट कड़ा रुख अपनाए हुए है। कोर्ट इसे दुष्कर्म की श्रेणी में न मानकर आपसी मतभेद मानने लगी है। रोहतक में फिर एक और ऐसा केस सामने आया है। जहां कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित को बरी कर दिया। इससे पहले भी बीते तीन से चार ऐसे ही केस सामने आ चुके हैं जिसमें आरोपित को बरी कर दिया गया।
इस केस में कोर्ट ने कहा कि आरोपित पक्ष ने कोर्ट के सामने जो सबूत पेश किए हैं उससे नहीं लगता है कि महिला के साथ बंधक बनाकर दुष्कर्म हुआ है। प्यार के चलते महिला और युवक के बीच संबंध बने हैं। क्योंकि महिला भी खुद बयान दे रही है कि उसके साथ करीब दो साल से दुष्कर्म किया जा रहा है, लेकिन फिर भी उसने न अपने पति को बताया और न ही पुलिस में शिकायत दी।
जहां पर दोनों की सहमति से संबंध बने हों ऐसे में आरोपित को दोषी करार नहीं दिया जा सकता। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए फैसला सुनाया और दुष्कर्म के आरोपित को बरी कर दिया।
मामले के अनुसार, शहर की एक कालोनी की रहने वाली महिला ने जुलाई 2018 में महिला थाने में कसे दर्ज कराया था। शिकायत करते हुए बताया कि उसके पति के मामा के लड़के का उनके घर आना-जाना था। आरोपित उसके पति की गैरमौजूदगी में आता और उसके साथ दुष्कर्म करता।
आरोपित ने उसके वीडियो भी बना ली थी, जिसे वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल भी करता था। दबाव डालकर उसके पति को भी नींद की गोलियां दिलवा दी। आरोप था कि आरोपित ने उसे कई दिनों तक गोहाना में भी एक कमरे पर बंधक बनाकर रखा और उसके साथ वहां पर भी दुष्कर्म किया।
शिकायत के बाद महिला थाना पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। आरोपित पक्ष की तरफ से कोर्ट में महिला और उसके बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी कोर्ट में पेश की। जिसके बाद अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उसे बरी कर दिया है।