कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट के मामले में कोर्ट ने जांच अधिकारी को केस से हटाने और एसएचओ को दिए जांच के आदेश
राजस्थान की चुरू स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के पूर्व संचालक जोगेंद्र दलाल पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति घोटाले समेत कई अन्य मामले दर्ज है। उन पर आरोप है कि इस दौरान आरोपित ने कोविड-19 की रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर खुद को पॉजिटिव दर्शा दिया। जिससे उसे लाभ मिल सके।
रोहतक, जेएनएन। कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट के मामले में आरोपित को बिना कोर्ट की अनुमति के जांच में शामिल करने पर कोर्ट ने अर्बन एस्टेट थाना पुलिस को फटकार लगाई है। साथ ही इस केस से जांच अधिकारी को हटाकर एसएचओ को जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि कोर्ट के इस आदेश को लेकर पुलिस की तरफ से रिवीजन फाइल की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
मामले के अनुसार, राजस्थान की चुरू स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के पूर्व संचालक जोगेंद्र दलाल पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति घोटाले समेत कई अन्य मामले दर्ज है। जुलाई माह में पुलिस ने आरोपित को दिल्ली हवाई अड्डे से पकड़ा था। जहां से तिलियार लेक स्थित सेंटर और फिर ब्राह्मणवास सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया था। आरोप है कि इस दौरान आरोपित ने कोविड-19 की रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर खुद को पॉजिटिव दर्शा दिया। जिससे उसे लाभ मिल सके। मामले का पता चलने पर आरोपित के खिलाफ अर्बन एस्टेट थाने में केस दर्ज करा दिया गया था।
आरोपित पक्ष के अधिवक्ता पीयूष गक्खड़ ने बताया कि अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने प्रोडक्शन के लिए कोर्ट से अपील की थी। लेकिन कोर्ट की अनुमति मिलने से पहले ही पुलिस उसे जेल से सीधे थाने लेकर चली गई थी अैर जांच में शामिल भी कर लिया था। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। साथ ही जांच अधिकारी को भी फटकार लगाई है। इस आदेश के बाद पुलिस की तरफ से रिवीजन डाली गई है, जिसमें उन्होंने कहा कि आरोपित का रिमांड दिया जाए। पुलिस की तरफ से डाली गई रिवीजन पर बुधवार को सुनवाई होगी। जो अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट में होगी।