हरियाणा के विधानसभा चुनावों में चार बार हाशिए पर पहुंची कांग्रेस, जानें क्यों और कब-कब हुआ ऐसा
1977 में कांग्रेस को मिली थी सिर्फ तीन सीटों पर जीत। 1987 में ताऊ की आंधी में उड़ी कांग्रेस को मिलीं पांच सीटें। 1996 में बंसीलाल की बगावत से सिर्फ नौ सीटों पर सिमटी कांग्रेस।
हिसार [गौरव त्रिपाठी] पंजाब से अलग होने के बाद से हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस कई बार सत्ता से बेदखल भी हुई, लेकिन चार विधानसभा चुनावों में तो जनता की नाराजगी ने पार्टी को हाशिए पर पहुंचा दिया। हालांकि अगले ही चुनाव में पार्टी ने सत्ता में वापसी भी की।
इमरजेंसी हटने के बाद वर्ष 1977 में राज्य में पहली बार 90 सीटों पर चुनाव हुआ। केंद्र की कांग्रेस सरकार से नाराज हरियाणा की जनता ने सिर्फ तीन सीटें कांग्रेस की झोली में डालीं। हालात ये रहे कि कांग्रेस के 38 प्रत्याशियों की तो जमानत ही जब्त हो गई। दूसरे दलों से समझौता कर सत्ता की सीढ़ी चढऩे की नींव भी इसी चुनाव से पड़ी। चौधरी देवीलाल के नेतृत्व में बनी कई पार्टियों के गठबंधन यानी जनता पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल की। 90 में से 75 सीटें हासिल कर जनता पार्टी सत्ता में आई। हालांकि साल 1980 में चौधरी भजनलाल कई विधायकों के साथ दलबदल कर कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस फिर सत्ता पर काबिज हो गई।
सन 1987 में सूबे में फिर ताऊ की आंधी चली और कांग्रेस हाशिए पर पहुंच गई। इस बार कांग्रेस को 90 में से पांच सीटों पर जीत मिलीं। हालांकि इस बार कांग्रेस के मत फीसद में ज्यादा गिरावट नहीं आई। इस चुनाव में लोकदल ने 60 सीटों पर जीत हासिल की और चौधरी देवीलाल ने अपने बेटे ओमप्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया।
वर्ष 1996 में कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा और 33 सीटों पर जीत हासिल की। बंसीलाल ने भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई। इस चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 9 सीटें ही बचा पाई। हालांकि बंसीलाल की यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और तीन साल बाद ही भाजपा ने समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी।
साल 2014 में देश में चली नरेंद्र मोदी की लहर का असर हरियाणा पर भी पड़ा। लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत हासिल की। दस साल से प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को इस बार 15 सीटें मिलीं। कांग्रेस के 37 प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई थी। यही नहीं इनेलो विधायकों की संख्या ज्यादा होने से विपक्ष के नेता का पद भी उसे गंवाना पड़ा।
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन
वर्ष जीती सीटें मत फीसद
1967 48 41.33
1968 48 43.83
1972 52 46.91
1977 03 18.69
1982 36 37.58
1987 05 29.18
1991 51 33.73
1996 09 20.82
2000 21 31.22
2005 67 42.46
2009 40 35.12
2014 15 20.16