सिविल अस्पताल में बिफरे अनुबंधित कर्मचारी, हटाए गए तीन कर्मियों की बहाली को लेकर प्रदर्शन
सिविल अस्पताल में अनुबंध पर काम कर रहे करीब 150 कर्मचारियों का विषय लंबे समय से विवादों में बना हुआ है। करीब बीस दीन पहले ठेका खत्म होने पर कर्मचारियों ने उन्हें हटाए जाने पर प्रदर्शन किया तो वहीं शनिवार को एक अलग ही मुद्दा खड़ा हो गया।
जेएनएन, हिसार
सिविल अस्पताल में अनुबंध पर काम कर रहे करीब 150 कर्मचारियों का विषय लंबे समय से विवादों में बना हुआ है। करीब बीस दीन पहले ठेका खत्म होने पर कर्मचारियों ने उन्हें हटाए जाने पर प्रदर्शन किया तो वहीं शनिवार को एक अलग ही मुद्दा खड़ा हो गया। कार्यरत कर्मचारियों में से तीन कर्मचारियों को हटाए जाने पर अन्य कर्मचारी बिफर गए। इसके बाद सभी ने काम छोड़ एकत्रित हो प्रदर्शन किया। सभी ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और ठेकेदार के काम को तानाशाही बताया। अनुबंधित कर्मचारी एसोसिएशन प्रधान सोना देवी ने कहा कि अगर उनके तीन साथियों को बहाल नहीं किया गया तो वो सभी कार्य का बहिष्कार कर देंगे। इसके बाद अस्पताल प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने कर्मचारियों से मुलाकात की और आश्वासन दिया।
करीब बीस दिन पहले भी जब ठेका खत्म होने पर जब सिविल अस्पताल में आउट सोर्सिग के तहत लिए हुए 150 कर्मचारियों को घर जाने के लिए कह दिया गया था। तब इसके विरोध में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभी कर्मचारी एकत्रित हो अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने में जुट गए। इसके बाद कर्मचारी चाय की कैंटीन की बाहर बैठकर रोष जताने लगे। कर्मचारियों ने कहा जब तक उन्हें वापस काम पर नहीं रखा जाता तब तक वो काम नहीं करेंगे और ना ही किसी और को करने देंगे। एसोसिएशन प्रधान सोना देवी ने कहा कि हर साल उनके साथ इसी तरह ही किया जाता है। वो अस्पताल में काम करते हैं और उन्हें नया ठेकेदार बाहर बाहर का रास्ता दिखा देता है। इसके बाद कर्मचारियों को नए ठेकेदार ने काम पर फिर से रख लिया था। अब यह नया विवाद सामने आया है। सूत्रों की मानें तो हटाए गए तीनों कर्मचारियों पर अधिकारियों से अभद्र व्यवहार से बात करने का आरोप है।
गौरतलब है कि कच्चे कर्मचारियों को काम पर न रखे जाने से सिविल अस्पताल का काम बुरी तरह बिखर जाता है। रोजाना सिविल अस्पताल में करीबन 1500 की संख्या में मरीज जांच करवाने के लिए आते हैं। कच्चे कर्मचारी न होने से रजिस्ट्रेशन से लेकर सफाई और अन्य काम रूक जाते हैं। इन कर्मचारियों को वेतन न मिलने के चलते पहले भी कई प्रदर्शन किए जा चुके हैं।