केजरीवाल बोले- सीएम का नाम, बच्चे बोले- मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री कौन तो हो गए सब चुप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों का किया था दौरा
जेएनएन, हिसार : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चानौत के सरकारी स्कूल में पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले दसवीं कक्षा के कमरे में प्रवेश किया, जहां दूधिया रोशनी में करीब 29 विद्यार्थियों को हिंदी पढ़ाई जा रही थी। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने विद्यार्थियों से बातचीत की और हरियाणा के मुख्यमंत्री का नाम पूछा। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री का नाम बता दिया, लेकिन जब शिक्षा मंत्री का नाम पूछा गया तो विद्यार्थी कुछ नहीं बता पाए।
अरविंद केजरीवाल ने चार कक्षाओं का दौरा किया। इस दौरान विद्यार्थियों से उन्होंने, वे क्या बनना चाहते हैं, क्या समस्याएं हैं, कौन सा स्कूल अच्छा है आदि सवाल पूछे। बच्चों ने बेझिझक उनके सवालों के जवाब दिए। चानौत और गढ़ी के स्कूलों के दौरे के बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने बच्चों के साथ शिक्षकों और प्रिंसिपल की तारीफ की, लेकिन सरकारी सुविधाओं, प्रशिक्षण आदि को लेकर कठघरे में भी खड़ा किया। स्कूल से बाहर निकलते ही ग्रामीण महिलाओं ने केजरीवाल के सिर पर हाथ रख उन्हें आशीर्वाद दिया और समस्याएं गिनवाईं।
दूधिया रोशनी में पढ़ रहे थे बच्चे, प्रिंसिपल के कमरे में था अंधेरा
चानौत के स्कूल के सभी कमरों में अपर्याप्त रोशनी थी। दूधिया रोशनी में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। 8 बाई 12 फीट के कमरे में छठी क्लास में 7 बच्चों को शिक्षक पढ़ा रहे थे। यहां रोशनी नाममात्र थी। हालात ङ्क्षप्रसिपल के कमरे के भी अच्छे नहीं थे। लाइट तो थी, लेकिन करीब 15 बाई 15 के कमरे में जल रही 15 वाट की सीएफएल की रोशनी पर्याप्त नहीं थी। दौरे के बाद ङ्क्षप्रसिपल के कमरे में बैठकर ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने चाय पी और स्कूल के हालात जाने।
दो दिन की सफाई के बाद भी जाले लगे हैं, तो क्या हालात रहे होंगे
दोनों स्कूलों का दौरा करने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दौरे का पता चलने के बाद दो दिन से स्कूलों में साफ-सफाई की जा रही थी। इसके बावजूद कई जगहों पर जाले लगे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों के हालात क्या हैं। स्कूलों की बिङ्क्षल्डग कमजोर हैं। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
प्रिंसिपल की तारीफ, दिल्ली में स्कूलों के दौरे का दिया निमंत्रण
मनीष सिसोदिया ने गांव चानौत के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजकुमार से शिक्षकों को दी जाने वाली विभिन्न ट्रेनिंग और बजट के बारे में भी पूछा। प्रिंसिपल ने बताया कि पिछले दिनों 32 हजार रुपये का बजट आया था, जो मेंटीनेंस और सेनीटेशन के लिए था। सिसोदिया ने बिजली के बारे में पूछा तो कहा गया कि जनरेटर था जो खराब पड़ा है, इसे ठीक करवाने के लिए हमने रिपोर्ट बनाकर भेजी हुई है।
सिसोदिया बोले, संस्कृत पर इतना जोर कैसे...
केजरीवाल ने चानौत के स्कूल में चार कक्षाओं का दौरा किया। नौवीं कक्षा में पहुंचे तो विद्यार्थियों से पूछा, क्या पढ़ रहे हो। इस पर विद्यार्थियों ने जवाब दिया संस्कृत। मनीष सिसोदिया ने वहां खड़े शिक्षक और विद्यार्थियों से कहा कि हर कक्षा में संस्कृत। क्या बात है संस्कृत पर बहुत जोर दे रखा है। इस पर स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि हमारे पास संस्कृत के दो अध्यापक हैं। संयोग से दोनों ही अपनी क्लास ले रहे हैं। इस स्कूल में कुल पद 12 हैं। इनमें से वर्तमान में 8 अध्यापक ही कार्यरत हैं।
जिन स्कूलों का किया दौरा वहां 50 फीसद शिक्षक कम
केजरीवाल ने जिन सरकारी स्कूलों का दौरा किया, वहां अध्यापकों की भारी कमी थी। गढ़ी गांव के सरकारी स्कूल में अध्यापकों के 20 पद मंजूर हैं, जिनमें से 9 खाली पड़े हैं। इस स्कूल में 4 पीजीटी, 2 हिंदी, 1 एसएस सहित एक मिडिल और क्लर्क का पद खाली पड़ा है। वहीं चानौत स्कूल में 14 पद मंजूर हैं। इनमें से साइंस, फिजिक्स, मैथ और ड्राइंग टीचरों के पद रिक्त पड़े हैं। केजरीवाल के सामने बच्चे बार-बार कहते रहे कि स्कूल में अध्यापकों की कमी है। गढ़ी और चानौत गांव के स्कूलों के अधिकतर कमरे कंडम घोषित किए जा चुके हैं, जिनमें कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
केजरीवाल को देखने को उत्सुक दिखे बच्चे
अरविंद केजरीवाल ने चानौत और गढ़ी गांव के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चे केजरीवाल को देखने के लिए उत्सुक नजर आए। अरविंद केजरीवाल आगे की पंक्ति के बच्चों से प्रश्न पूछ रहे थे तो इसके पीछे पंक्ति में बैठे बच्चों में केजरीवाल को देखने के लिए होड़ लगी रही।