Christmas 2020 celebration: क्रिसमस पर सिरसा में भी दिखा कोविड का असर, मास्क वालों को मिली एंट्री
सिरसा शहर के पुराने बस स्टैंड के समीप बनी ऐतिहासिक सेंट मेथॉडिस्ट चर्च आज भी आस्था का केंद्र है। इस ऐतिहासिक चर्च में दूर दूर से मेथॉडिस्ट चर्च में आते हैं। यहां इस बार कोविड की वजह से रौनक देखने को नहीं मिली।
सिरसा, जेएनएन। क्रिसमिस पर्व के अवसर पर शुक्रवार को सुबह सवेरे से ही पुराने बस स्टैंड के समीप ऐतिहासिक सेंट मेथॉडिस्ट चर्च में ईसाई समुदाय के लोग आने शुरू हो गए। वहां प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। पादरी कमलपाल ने प्रभू इसा मसीह का संदेश पढ़ा, जिसे उपस्थित लोगों ने श्रद्धापूर्वक सुना। कोविड 19 का असर क्रिसमिस पर्व पर भी देखने को मिला। श्रद्धालुओं को हाथों को सैनिटाइज करके तथा मुंह पर मास्क लगाने के बाद ही चर्च परिसर में एंट्री दी गई। इस बार चर्च परिसर के इर्द गिर्द मेले का आयोजन नहीं किया गया और न ही वहां किसी तरह का लंगर भंडारा आयोजित किया गया। इस बार की क्रिसमस बेहद फीकी रही। जबकि अन्य धर्मों के लाेग भी चर्च में पहुंचते थे, मगर इस बार ऐसा देखने को नहीं मिला।
160 साल पुरानी है चर्च
सिरसा के पुराने बस स्टैंड के समीप बनी ऐतिहासिक सेंट मेथॉडिस्ट चर्च आज भी आस्था का केंद्र है। इस ऐतिहासिक चर्च में दूर दूर से मेथॉडिस्ट चर्च में आते है। ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा प्रभु यीशू की अराधना कर मन की शांति प्राप्त करने तथा समुदाय के किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके शरीर को रीति रिवाजों के अनुसार जमीन में दफनाने के लिए 14 नवंबर 1805 ई. में ग्रेवयार्ड तथा 1864 ई. में सेंट मेथॉडिस्ट चर्च एवं ग्रेवयार्ड बनाया गया। खास बात यह है कि यह चर्च शहर की कुछ गिनी चुनी प्राचीन में से बची एक इमारत है।
शहर के बीच में बनी है चर्च
चर्च से पहले यहां पर पहले खुले में प्रार्थना होती है। उसमें तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी भी शिरकत करते थे। इस चर्च के परिसर में स्थित कब्रिस्तान में तीन दर्जन से अधिक कब्र है। जिनमें सिरसा डीएसपी रहे एक अंग्रेज अधिकारी व एक सिविल अधिकारी की पत्नी सहित अनेक लोगों के पार्थिक शरीर दफन है। इसी के साथ चर्च में विवाह समारोह भी आयोजित किए जाते हैं।