करोड़ों रुपये लेकर चिटफंड कंपनी एम-जोन फरार
जागरण संवाददाता हिसार शहर में छह माह पहले शुरू हुई एक और चिटफंड कंपनी सैकड़
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में छह माह पहले शुरू हुई एक और चिटफंड कंपनी सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाकर फरार हो गई। पैसा लेने के लिए लोगों ने संपर्क किया तो कंपनी का कार्यालय बंद मिला। लोगों ने अब आइजी को लिखित शिकायत दी है। आइजी ने भी उनको मामले में कार्रवाई का आह्वान दिया है। कंपनी के जो लोग डायरेक्टर बताए गए है उनमें से एक उसमें काम करता है। कंपनी ने लोगों से पैसा जमा करवाने के नाम पर हर हफ्ते कैश वापस करने और प्रोडक्ट देने की बात कहीं थी। इसमें वह लोग दोबारा से ठगे गए हैं जिन्होंने फ्यूचरमेकर में भी अपना पैसा गंवाया था।
जानकारी के अनुसार पातन गांव निवासी सोमबीर और भिवानी के हनुमान गेट निवासी रवि ने जनवरी में एम-जोन नाम से चिटफंड कंपनी खोली थी। उसमें शुरूआत में लोगों को जोड़ना शुरु किया गया। उनके साथ शुरूआत में आजाद नगर के भूप सिंह जुड़े और वह मिलकर काम करने लगे। बाद में हिसार के अलावा सिरसा और फतेहाबाद में भी लोगों से संपर्क किया जाना लगा। इसमें सैकड़ों लोगों ने पैसा लगाना शुरू किया और वह फंस गए। तीन माह में ही कंपनी ने करोड़ों रुपये एकत्रित किए और कार्यालय बंद कर फरार हो गई। लोगों ने कंपनी के डायरेक्टर के घर पर संपर्क किया लेकिन वहां कोई नहीं मिला। अब लोगों ने आइजी को शिकायत की है।
ऐसे चलता था खेल
शिकायतकर्ता फतेहाबाद के भट्टू रोड की अग्रवाल कालोनी निवासी सुरजीत सिंह मेडल, सिरसा की बरनाला रोड के हाउसिग बोर्ड कालोनी निवासी फकीरचंद, बरवाला के रामफल, जेवरा गांव का राजबीर सिंह, जीवनराम, रामनिवास, बलवंत सिंह आदि ने बताया कि उनसे ढाणी गारण गांव निवासी कंपनी का एजेंट सुरेंद्र कुमार मिला था। उसने कंपनी का प्लान बताते हुए कहा कि एक लाख रुपये उनको जमा करवाने होंगे। उसमें 15 दिन में बेचने के लिए प्रोडक्ट देगी। उसके अलावा हर सप्ताह 21250 रुपये भी मिलेंगे। यदि चैन सिस्टम ही तरफ वह अन्य लोगों को जोड़ेंगे तो 20 फीसद राशि उसकी भी मिलेगी। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि वह उसकी बातों में आ गए। उनकी तरफ से लाखों रुपये लगा दिया गया। पूरा ग्रुप ही पैसा लगाने के लिए तैयार हुआ। लेकिन उनको प्रोडक्ट के नाम पर कुछ नहीं आया। करीब एक माह जब वह उनसे प्रोडक्ट और पैसा मांगने लगे तो वह टरकाते रहे। बाद में वह कंपनी का कार्यालय बंद कर भाग गए। घर भी गए लेकिन अब उनको धमकी मिल रही है।
एजेंट पहले करता था लैब टेक्नीशियन का काम
जेवरा गांव निवासी रामफल, बधावड़ के बलराज ने बताया कि सुरेंद्र पहले बरवाला के एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन काम करता था। करीब एक साल पहले काम छोड़ दिया और फरवरी में इससे जुड़ गए। वह कहता था कि कंपनी के डायरेक्टर उसके मामा है। कंपनी में पैसा लगाए कुछ नहीं होगा। यदि कंपनी डूबने भी लगेगी तो उनको दो माह पहले पता चल जाएगा। वह पैसा निकाल सकेंगे। लोगों ने कहा कि वह उनकी बातों में आ गए थे।
फ्यूचरमेकर में भी गंवा चुके है पैसा
फ्चूयरमेकर कंपनी में पहले पैसा लगाकर गंवा चुके है लोग फिर से इस कंपनी में फंस गए। इस बार एजेंट सुरेंद्र ने उनको फिर से फंसाया। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि सुरेंद्र ने विश्वास दिलवाया कि फ्यूचरमेकर का पैसा भी वह पूरा करवा देगा। लाखों रुपये इस बार उन्होंने लगाए। रामफल ने बताया कि उनके ग्रुप में करीब 85 लोग है। उनका ही एक करोड़ रुपये के आसपास पैसा लगा है। वह तो इसमें फंस कर बर्बाद हो गए। रामफल ने कहा कि वह सुरेंद्र को जानता था और उसने फिर फंसा दिया।
यह बोला आरोपित भूप
शिकायकर्ताओं ने मूल रूप से सीसवाल और अभी आजाद नगर में रहने वाले भूप सिंह का मोबाइल ऑन है। भूप ने कहा कि वह खुद कंपनी में काम करता था। उसके व परिवार के लाखों रुपये कंपनी में फंसे हुए है। उसको भी नहीं पता था कि यह कंपनी भाग जाएगी। जनवरी में ही कंपनी शुरू हुई थी। यदि वह पार्टनर होता तो वह भाग जाता, लेकिन वह हिसार में ही है।