Coronavirus : टमाटर के भाव में बिक रहा मुर्गा, 90 फीसद घटा थोक का कारोबार
कोरोना के डर से मुर्गे के मीट के दामों में गिरावट आ गई। वहीं मछली-बकरे के दाम बढ़ गए हैं। जबकि एडवाइजरी भी जारी हो चुकी है कि अंडे और चिकन खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता
रोहतक/हिसार [अरुण शर्मा] कोरोना वायरस को लेकर फैली भ्रांति को लेकर मार्केट में जिस भाव से टमाटर जैसी सब्जियां बिक रही है उस भाव में मुर्गा मिल रहा है। कोरोना के कारण मुर्गे की डिमांड भी घट गई है। वर्तमान में मात्र दस फीसद ही मुर्गा की बिक्री रह गई है। वहीं होटल में मीट मांस की बिक्री बिल्कुल घट गई है। 20 दिन पहले मुर्गे का थोक भाव 70 से 75 रुपये प्रति किलोग्राम था।
अब घटकर 30 रुपये तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ मछली के रेट में 30 रुपये प्रति किलो तेजी आई है। हालांकि आम ग्राहक तक चिकन अभी भी महंगे भाव में ही पहुंच रहा है। मगर थोक के भाव बहुत गिर चुके हैं। ऐसे में कुछ लोग इसकी कालाबाजारी करने में भी जुटे हैं। थोक विक्रेता से सस्ते में खरीद कुछ दुकानदार महंगे में भी बेच रहे हैं। मगर व्यापारियों का काम बुरी तरह प्रभावित है।
दूसरी ओर मछली पहले 150 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रही थी अब भाव बढ़कर 180 रुपये प्रति किलो पहुंच गये हैं। बकरे के मीट के दाम 480 से बढ़कर 580 रुपये प्रति किग्रा तक हो चुके हैं। सूअर के मीट के रेट में कोई बदलाव नहीं आया है। दूसरी चिंता यह भी है कि चूजों का वजन लगातार बढ़ रहा है। चूजों की खुराक बढऩे से खर्च भी बढ़ रहा है। इसलिए कारोबारियों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। मुर्गा के थोक विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि पहले मुर्गा के भाव ज्यादा थे अब रेट घटकर 30 रुपये तक पहुंच गये हैं।
अंडे के रेट भी घटे
मुर्गा के रेट में जहां तेजी से गिरावट आई है वहीं अंडे के रेट भी एकाएक गिरे हैं। अंडे की प्रति करेट पहले 140 से 150 रुपये में बिक रही थी, जबसे कोराना वायरस फैला है।तभी से रेट में गिरावट आनी शुरू हो गई। मौजूदा समय में अंडे की करेट 70 रुपये तक पहुंच गई है।
90 फीसद तक मुर्गे के मीट का कारोबार ठप
मुर्गे के मीट का कारोबार 90 फीसद तक ठप हो चुका है। रोहतक शहर में अशोक सीकरी का दावा है कि कच्चाबेरी रोड स्थित मीट मार्केट में मुर्गे का मीट रोजाना 40 क्विंटल तक बिक जाता था। अब यही बिक्री घटकर 10 फीसद रह गई है। यही कारण है कि जींद और रोहतक के सुखपुरा चौक व अन्य स्थानों से चूजों व मुर्गे के मीट के आर्डर तक रद कराए गए हैं। बकरे का मीट पांच से 11 क्विंटल और सूअर का मीट रोजाना चार से 10 क्विंटल तक रोजाना बिक जाता था। वहीं, मछली के मीट की बिक्री रोजाना दो से तीन क्विंटल तक थी।
चूजों की खुराक बढ़ी, डिमांड घटी
जींद निवासी पॉल्ट्री फॉर्म संचालक गुलशन ने बताया है कि हमारे यहां से हरियाणा के तमाम जिलों में चूजे भेजे जाते हैं। इनका दावा है कि 1500 से 1800 ग्राम तक के चूजे की मार्केट में भारी डिमांड होती है। सीधे तौर से कहें तो 50 दिन से अधिक वाले चूजे की डिमांड मार्केट में घट जाती है। खुराक भी ज्यादा खिलानी होती है। इनका कहना है कि इस समय मुर्गे के मीट से संबंधित कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।
अवैध मीट कारोबार ने तोड़ी कारोबारियों की रीढ़
मीट कारोबार से जुड़े तमाम कारोबारियों का कहना है कि अवैध मीट कारोबार पर रोक नहीं लगाई गई है। पाड़ा मुहल्ला, पुरानी सब्जी मंडी, आउटर बाइपास, हिसार बाइपास के निकट, जींद रोड, गांधी कैंप तक में अवैध मीट चल रहा है। इनके अलावा सरकुलर रोड, शीलाबाइपास के निकट भी अवैध मीट का कारोबार हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अवैध मीट कारोबार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए। स्लाटर हाउस का संचालन भी जल्द शुरू कराने की मांग उठने लगी है।
मीट के दामों की मौजूदा स्थिति
श्रेणी : पहले : अब
1. मुर्गे का मीट : 118 से 120 : 25 से 30
2. सूअर का मीट : 140 : 140
3. बकरे का मीट : 480 : 580
4. मछली : 80-90 : 120-130