तिरुपति धाम में धूमधाम से मनाया गोपाष्टमी का पर्व
गाय में हमारी श्रद्धा और आस्था है। गाय का दूध ही नहीं गोबर-मूत्र आदि का प्रयोग अनेक प्रकार की औषधियों में किया जाता है। हिदू धर्म में गोसेवा करने का विशेष महत्व है। हर साल की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है।
संवाद सहयोगी, अग्रोहा : चिकनवास स्थित तिरुपति धाम में गोपाष्टमी का पर्व दिव्यांग पुनर्वास एवं स्वास्थ्य केंद्र के सहयोग से आयोजित किया गया। वृंदावन से आए स्वामी श्री देव नारायणाचार्य ने धाम में आए श्रद्धालुओं को गोपाष्टमी के महत्व के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि गाय में हमारी श्रद्धा और आस्था है। गाय का दूध ही नहीं, गोबर-मूत्र आदि का प्रयोग अनेक प्रकार की औषधियों में किया जाता है। हिदू धर्म में गोसेवा करने का विशेष महत्व है। हर साल की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। गोपाष्टमी के दिन गाय, बछड़ों आदि की उपासना कर पुण्य का भागी बना जाता है। इस अवसर पर ईश्वरदास गोयल,राजबीर बंसल,अनिल जिदल, एसएन गुप्ता,मांगेराम,गोपाल आचार वाला,अशोक गंगवा, केसर कुलेरी, गजानंद, नरेंद्र आदि मौजूद रहे।
इधर बरवाला के टोहाना रोड पर गोशाला में रविवार को जयनारायण राजलीवाला की अध्यक्षता में गोपाष्टमी का पर्व आयोजित किया गया। इस दौरान गोशाला में गो पूजन और हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
यह जानकारी देते हुए गोशाला कमेटी के वरिष्ठ सदस्य भीमसेन मक्कड़ ने बताया कि इस अवसर पर पंडित ओम प्रकाश शास्त्री ने पूरे विधि विधान से हवन यज्ञ और गो पूजन करवाया। इस मौके पर गोशाला के कैशियर जोगीराम खेड़ी वाला के आकस्मिक निधन पर गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधान सतीश बंसल, प्रेमचंद राजलीवाला, तरसेम चंद राजलीवाला, जयनारायण राजलीवाला, रोहताश शर्मा, बैजनाथ, भीमसेन मक्कड़, प्रेम नारंग, महान सिगला, सुरजीत सिंह, गोविद, रिकू, सतपाल सिगला और संजय कुमार मक्कड़ मौजूद रहे।