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केएमपी टोल फ्री कराने के मामले में 300 किसानों पर केस दर्ज, राकेश टिकैत व गुरनाम चढूनी पर उकसाने का आरोप

केएमपी पर आंदोलनकारियों और प्रशासन में लगातार खींचतान जारी है। वीरवार को आंदोलनकारियों ने टोल को फिर से फ्री करवा दिया। पुलिस ने 300 किसानों पर केस दर्ज किया है। राकेश टिकैत व गुरनाम चढूनी पर आंदोलनकारियों को उकसाने का आरोप है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 08:04 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 08:04 PM (IST)
10 दिन के अंतराल पर इस टोल को फ्री कराने पर दूसरी एफआइआर दर्ज हुई है।

बहादुरगढ़, जेएनएन। केएमपी एक्सप्रेस-वे के मांडौठी टोल को बार-बार फ्री कराने का मामला गंभीर होता जा रहा है। वीरवार को आंदोलनकारियों द्वारा इस टोल को फ्री कराने के बाद आसौदा थाना पुलिस ने 300 किसानों पर विभिन्न 10 धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। राकेश टिकैत व गुरनाम चढूनी पर आंदोलनकारियों को उकसाने का आरोप है।

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 10 दिन पहले भी इसी टोल को फ्री कराने के आरोप में चढूनी समेत 125 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दूसरी ओर आंदोलनरियों द्वारा इस टोल को फ्री रखने के लिए यहां पर धरना शुरू कर दिया है। पुलिस ने केएमपी पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट रहे सिंचाई विभाग के एसडीओ की शिकायत पर यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा इस टोल को फ्री कराने के आह्वान के मद्देनजर यहां पर धारा 144 लागू की गई थी। मौके पर एसडीएम हितेंद्र कुमार, डीएसपी पवन कुमार, डीएसपी नरेश कुमार मौजूद थे। 

समझाने पर भी नहीं माने आंदोलनकारी

साढ़े 12 बजे लगभग 300 आंदोलनकारी किसान नारेबाजी करते हुए ट्रैक्टरों में सवार होकर आए। इन सभी को समझाया गया। मगर आंदोलनकारियों ने केएमपी पर जाम लगा दिया और कुछ ने बूथों पर पहुंचकर टोल कलेक्शन कार्य बाधित कर दिया। वहां पर तैनात कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया और मशीनरी के तार निकालकर फेंक दिए। साथ ही कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी भी दी। 

टिकैत ने किसानों को उकसाया

शिकायतकर्ता ने कहा है कि कुछ ही देर में किसान यूनियन से राकेश टिकैत भी वहां पर आ गए। उन्होंने किसानों को उकसाया और कहा कि टोल को फ्री करवाकर और रोड जाम करके सही किया है। बाकी सभी टोल भी इसी तरह फ्री करवाने हैं। इसके बाद वह चला गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट रहे अधिकारी का कहना है कि बार-बार टोल को फ्री करवाने का काम गुरनाम चढूनी के उकसाने पर किया जा रहा है।

इनको भी किया गया नामजद

शिकायतकर्ता ने बताया कि जाम लगाने व टोल फ्री करवाने वाले आंदोलनकारियों में से भूप सिंह दलाल मांडौठी, बल्लू मांडौठी, सतपाल मांडौठी, अमित उर्फ चिंटू छारा, कैप्टन जीत सिंह छारा, साहब सिंह छारा, जाट आरक्षण संघर्ष समिति से जिला अध्यक्ष जितेंद्र उर्फ बबला, सुमन हुड्डा गुरुग्राम, जगबीर सिरसा, महेंद्र बांडा आसौदा, रूप सिंह गुलिया बादली, संजय खरमाण, समुंद्र रिवाड़ी खेड़ा, बिजेंद्र मटरू छारा, शमशेर मलिक रोहतक, भाकियू एकता उगराहा से मंजीत सिंह, जयकरण दलाल मांडौठी, सुखबीर मातन की पहचान हुई है। आरोपितों में शामिल सुमन हुड्डा पर पहले भी एफआइआर दर्ज हुई है। सुमन हुड्डा भाकियू (चढूनी) की महिला प्रदेश अध्यक्ष है। इन सभी पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकार को नुकसान पहुंचाने, टोल कर्मियों को जान से मारने की धमकी देने, महामारी को बढ़ावा देने समेत कई आरोप हैं।

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