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NRCE में घोडिय़ों के खून के सैंपलों की ग्‍लैंडर्स वायरस संबंधी जांच जारी, आज आ सकती है रिपोर्ट

घोड़ों से मनुष्‍यों में फैल सकता है ग्‍लैंडर्स बीमारी का वायरस। हिसार में घोड़ों के पॉजिटिव केस आ सकते हैं सामने। हिसार में ही होती है खून के सैंपल की जांच।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 02:28 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 02:28 PM (IST)
NRCE में घोडिय़ों के खून के सैंपलों की ग्‍लैंडर्स वायरस संबंधी जांच जारी, आज आ सकती है रिपोर्ट

हिसार, जेएनएन। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीई) में सोमवार को हिसार में घोड़ों के खून के सैंपलों में संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की जांच की गई। सेक्टर एक-चार व सैनियान मुहल्ला से लिए गए घोड़ों व घोडिय़ों के खून के सैंपलों को एलाइजा टेस्ट व कॉम्पलीमेंट फिक्सेशन टेस्ट (सीएफटी) से होकर गुजरना है। इसमें पहले ही एक घोड़ी के खून की जांच में एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव मिला था। ऐसे में संदेह के आधार पर दूसरे घोड़ों के खून के सैंपल भी लिए गए। सोमवार को पूरे दिन एनआरसीई के विज्ञानी सैंपलों की जांच में जुटे रहे।

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इसकी रिपोर्ट मंगलवार को आने की संभावना है। इसके बाद ही सभी कागजी कार्रवाई को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि सैनियान मुहल्ला में शादी में प्रयोग होने वाली घोड़ी के खून में ग्लैंडर्स बीमारी मिली थी। वहीं एक अन्य घोड़ी की बिना टेस्ट हुए मृत्यु हो गई, जिसमें इस बीमारी के होने का संदेह है। ऐसे में एक बार फिर से हिसार में शहर के बीचों बीच ग्लैंडर्स बीमारी का खतरा बढ़ गया है।

पशु पालक के खून के टेस्ट ठीक

पशु पालक के स्वास्थ्य विभाग ने खून के सैंपल लिये थे, जिसमें एक सैंपल एनआरसीई में ग्लैंडर्स की जांच के लिये भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी लंबित है। तो दूसरा सैंपल पशुपालक व उनके परिजनों के लिये गए, जिससे शरीर में दूसरी समस्याओं का पता लगाया जा सके। वह रिपोर्ट ठीक आई है। सीएमओ डा संजय दहिया ने बताया कि पशुपालक व उनके परिजन के ब्लड टेस्ट ठीक आए हैं। मगर एक रिपोर्ट एनआरसीई की तरफ से भी आनी है। जिसमें ग्लैंडर्स का पता चलेगा। ग्लैंडर्स घोड़ों से मनुष्यों में यह बीमारी आसानी से पहुंच जाती है। जो लोग घोड़ों की देखभाल करते हैं या फिर उपचार करते हैं, उनको खाल, नाक, मुंह और सांस के द्वारा संक्रमण हो जाता है। मनुष्यों में इस बीमारी से मांस पेशियों में दर्द, छाती में दर्द, मांसपेशियों की अकडऩ, सिरदर्द और नाक से पानी निकलने लगता है। 

क्या होता है एलाइजा व सीएफटी टेस्ट में

ग्लैंडर्स बीमारी का पता लगाने के लिए खून के सैंपलों को एलाइजा और सीएफटी (कंप्लीमेंट फिक्सेशन टेस्ट) टेस्ट से होकर गुजारा जाता है। इस टेस्ट में जानवर के शरीर से खून लेकर उसके ब्लड सेल्स में एंटीबॉडी या ग्लैंडर्स के एजेंटों को देखते हैं। यह एक जटिल प्रक्रिया है। देश में कुछ ही स्थानों पर यह टेस्ट होता है। जिसमें से एनआरसीई में यह सुविधा मौजूद है। इन्ही जांचों को कराने के लिए देश और विदेशों से भी एनआरसीई के पास जानवरों के खून के सैंपल आता है। ग्लैंडर्स घोड़ों की प्रजातियों में एक जानलेवा संक्रामक रोग है। इसमें घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गाठें आदि लक्षण हैं। यह बीमारी दूसरे पालतू पशु में भी पहुंच सकती है।


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