सोनाली फौगाट ने शिक्षामंत्री के सामने ठेठ हरियाणवी अंदाज में रख दी मांगें, बोलीं- मंत्री जी थाम सुण ल्यो
हिसार के थप्पड़-चप्पल प्रकरण मामले में चर्चा में रहीं भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट ने शिक्षामंत्री के सामने ठेठ हरियाणवी अंदाज में अपनी मांग रखी।
हिसार, जेएनएन। थप्पड़-चप्पल प्रकरण में लंबे समय तक चर्चा में रही भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट ने गांव कोहली में हुए शिलान्यास कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर के सामने ठेठ हरियाणवी लहजे में मांगे रखी। सोनाली ने कहा मंत्री जी थाम सुण आदमपुर हलके की मांगे तो पूरी करनी पड़ेगी।
हलके की मांगे रखते हुए सोनाली ने कहा कि 4-5 दिनों से करीब 25 गांवों का दौरा किया है। प्रत्येक गांवों में किसानों फसलें खराब हो गई है। सरकार से मांग है कि किसानों को मुआवजा राशि प्रदान कर राहत दी जाए। सोनाली ने कहा कि हलके के विधायक कुलदीप बिश्नोई कहते है कि सोनाली फौगाट को आदमपुर के गांवों का नाम तक पता नही है लेकिन यहां के विधायक को हलके के लोगों की समस्याओं तक का पता नही है।
सोनाली ने कहा कि आदमपुर में पेयजल व सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 111 करोड़ रुपये का अस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। जिसे मंजूर करवा कर लोगों को समस्याओं से निजात दिलाई जाए। बालसमंद राजकीय कालेज की विवादित 6 एकड़ जमीन पर विपक्षी नेता सरकार व उन पर लांछन लगाते है। गांव के किसान अभिजीत ने महाविद्यालय निर्माण के लिए 35 एकड़ जमीन देने के लिए तैयार है जितनी जमीन देंगे उतनी जमीन ग्राम पंचायत वापस देगी। इसके अलावा आदमपुर में वन्य जीवों के लिए रैसक्यू सैंटर, महिला कालेज व जाट धर्मशाला का निर्माण किया जाए।
गांव ठसका में जर्जर हुई सरकारी स्कूल की बिल्डिंग को तोड़कर नया भवन बनाया जाए। चूली बागडिय़ान में खेल परिसर के बीच में उगे पेड़ों को कटवाया जाए। अनेक ग्राम पंचायतों व संगठनों ने मांग पत्र दिए। गांव कोहली व चूली खुर्द को 25-25 लाख रुपये की ग्रांट मांगी।
मांगे सुनकर शिक्षा मंत्री ने इन दोनों गांवों को 5-5 लाख रुपये की ग्रांट देने की बात कही और बाकी मांगों को प्राथमिक के आधार पर पूरा करने का आश्वासन दिया। सर्व कर्मचारी संघ ब्लॉक प्रधान सुरेंद मान ने कहा कि महिला पीटीआई के साथ प्रशासन का व्यवहार गलत है। इसकी निंदा करते है।
केंद्र के निर्देशों के बिना नहीं खुलेंगे स्कूल
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र के निर्देश के बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे। केंद्र सरकार और विशेषज्ञों के निर्देशों का इंतजार किया जाएगा। जिस दिन निर्देश आएगा हम एक सप्ताह में स्कूल खोल देंगे। नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करेंगे। प्रदेश में 96 नए कॉलेज खोलने के लक्ष्य में से ज्यादातर शुरू हो चुके हैं। 112 मॉडल संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे। 1 हजार प्ले स्कूल खोलेंगे। इस साल प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में 60 हजार विद्यार्थी बढ़े हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्कूलों का खुलना केंद्र के निर्देशों पर निर्भर है। विशेषज्ञों के निर्देशानुसार निर्णय किया जाएगा। अगर केंद्र सरकार कहेगी कि प्रदेश स्कूल खोलने पर खुद निर्णय ले सकते हैं तो हम स्कूल खोलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि गांव में राजकीय विद्यालयों में सामाजिक दूरी की किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। ज्यादातर सरकारी स्कूलों में उसी गांव के बच्चे हैं। ऐसे में ट्रेवलिंग, सेनिटाइजेशन, हेंड वॉश आदि की समस्या नहीं आएगी। फिलहाल अभिभावकों से उनकी सहमति ली जा रही है। 21 सितम्बर से स्कूल नहीं खुलेंगे। इसके लिए हमें केंद्र सरकार की गाइड लाइन का इंतजार रहेगा।