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फतेहाबाद इनेलो सम्‍मान दिवस रैली के तुरंत बाद सोनिया से मिलेंगे नीतीश कुमार, विपक्षी एकजुटता के लिए मनाएंगे

राष्ट्रीय गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने के लिए नीतीश कुमार ने हरियाणा में इनेलो को इसके लिए मना लिया है। अभय चौटाला ने स्पष्ट कहा है कि अगर गठबंधन के राष्ट्रीय नेता कांग्रेस को शामिल करना चाहें तो उन्हें इससे आपत्ति नहीं है।

By Amit KumarEdited By: Manoj KumarPublished: Sun, 25 Sep 2022 08:02 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 08:02 AM (IST)
फतेहाबाद रैली के तुरंत बाद सोनिया से मिलेंगे नीतीश, विपक्षी एकजुटता के लिए मनाएंगे

अमित रूखाया, फतेहाबाद : फतेहाबाद में देवीलाल सम्मान समारोह में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल को श्रद्धांजलि देने के साथ साथ अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने और उसपर सरप्राइज अटैक की प्लानिंग भी शुरू हो जाएगी। इसकी कमान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली है।

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मिली जानकारी के अनुसार फतेहाबाद रैली के तुरंत बाद उसी दिन शाम को दिल्ली में नीतीश कुमार और लालू यादव कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के लिए मनाएंगे। तीसरे मोर्चे का पीएम चेहरा किसे बनाया जाएगा, उसे लेकर भी शुक्रवार को फतेहाबाद में अभय चौटाला ने स्पष्ट कहा है कि रैली के बाद दो-तीन बैठकों में संयोजक आदि को लेकर आमराय बना ली जाएगी।

हरियाणा में इनेलो को मनाया, पंजाब में बादल को मनाने की जिम्मेदारी चौटाला परिवार को

राष्ट्रीय गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने के लिए नीतीश कुमार ने हरियाणा में इनेलो को इसके लिए मना लिया है। शुक्रवार को फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत में अभय चौटाला ने स्पष्ट कहा है कि अगर गठबंधन के राष्ट्रीय नेता कांग्रेस को शामिल करना चाहें तो उन्हें इससे आपत्ति नहीं है। इतना ही नहीं, इसी तर्ज पर पंजाब में अकाली दल को भी मनाने के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। इस बार पंजाब में आप की आंधी में अकाली दल के भी सभी दिग्गज हार गए हैं। चौटाला और बादल परिवार की दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है। ऐसे में संभव है कि पंजाब में भी इसे लेकर नए राजनीतिक गठजोड़ के संकेत मिल जाएं। इसके अलावा महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार चलाई है।

एनडीए के कई घटक दल साथ छोड़ चुके, उन्हें भी साथ लाने में जुटेंगे नीतीश-चौटाला

नीतीश कुमार की जदयू कुछ समय पहले तक एनडीए के पुराने घटक दलों में शामिल रही है। इसी तरह शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल सरीखे कई अन्य दल भी बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को छोड़ चुके हैं। एनडीए छोडक़र अलग हुए घटक दलों पर ही नीतीश कुमार और ओमप्रकाश चौटाला की निगाहें हैं। ममता बनर्जी इस रैली में अपने प्रतिनिधि को भेज रही हैं। अगर वो रैली के बाद वाली बैठकों में भी शामिल होती हैं तो निश्चित तौर पर इस फ्रंट की राजनीतिक ताकत काफी बढ़ सकती है। इसी के चलते फतेहाबाद रैली में तीसरे मोर्चे का खाका खिंचने की स्थिति आ गई है।


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