उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा और बेटे दीपेंद्र हुड्डा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, जानें क्यों
प्रियंका गांधी ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी टीम को भी उतरप्रदेश में चुनाव प्रचार में उतार रखा है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ-साथ अब उनके पिता पूर्व सीएम एवं हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी उत्तरप्रदेश में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है।
ओपी वशिष्ठ, रोहतक : राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सक्रियता और राजनीतिक समझ के दम पर कांग्रेस पार्टी में लगातार अपना विश्वास मजबूत कर रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा की राजनीति सूझबूझ को देखते हुए उत्तरप्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने विधानसभा चुनाव में जहां बड़ी जनसभाओं में साथ रखा। वहीं, प्रत्याशियों को टिकट वितरण की अहम जिम्मेदारी भी उनको सौंपी गई। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी टीम को भी उतरप्रदेश में चुनाव प्रचार में उतार रखा है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ-साथ अब उनके पिता पूर्व सीएम एवं हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी उत्तरप्रदेश में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। हुड्डा पिता-पुत्र को उत्तरप्रदेश में स्टार प्रचारकों में शामिल करने के बाद प्रदेश के उन नेताओं की बोलती बंद हो गई है, जो कहते थे गांधी परिवार में हुड्डा की पकड़ नहीं रही। अब प्रदेश के अन्य नेताओं के समर्थक इस मामले के लेकर शांत हैं।
बापू ने लगाया था पौधा, भ्रष्टाचार होगा उजागर
वैश्य शिक्षण संस्था का पौधा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने लगाया था। बापू ने जो पौधा लगाया था, समाज के लोगों ने इस पौधे को वट वृक्ष बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वैश्य स्कूल की स्थापना करीब सौ साल पहले की गई थी, जो अब शिक्षा के क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय से कम नहीं है। वैश्य शिक्षण संस्था की शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की मिसाल दी जाती थी। लेकिन कुछ वर्षों से संस्था की गरिमा कम हुई है। जिसके कई कारण हो सकते हैं। संस्था में पदाधिकारियों के बीच मारपीट, भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप-प्रत्यारोप भी लगे। जिसके कारण समाज के कुछ अग्रणी लोगों ने संस्था से अपने हाथ भी पीछे खींचने पड़े। विवाद के चलते संस्था के चुनाव भी नहीं हो रहे है। सरकार ने प्रशासक लगाया तो उनका विरोध शुरू कर दिया। प्रशासक डा. विरेंद्र सिंधु कहते हैं, बापू का लगाया पौधा है, भ्रष्टाचार उजागर होगा।
कप्तान की सक्रियता से खाकीधारी अलर्ट
जिले की पुलिस नए कप्तान की सक्रियता से अलर्ट हो गई है। तत्कालीन पुलिस कप्तान राहुल शर्मा लंबे समय तक रोहतक में तैनात रहें, लेकिन उनकी फील्ड में सक्रियता कम थी। मीडिया को भी मुश्किल से तीन से चार बार फेस किया होगा। पुलिस उपाधीक्षक ही मीडिया से रुबरू होते थे। लेकिन नए कप्तान उदय सिंह मीणा जब से जिले में आए हैं, तब से उनकी हर छोटे- बड़े मामले में सक्रियता चर्चा का विषय बन गई है। पुलिस कप्तान के घटना-दुर्घटना के दौरान मौके पर पहुंचने से जहां आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ता है, वहीं पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी अलर्ट रहते हैं। पुलिस अधिकारी भी लापरवाही बरतने से पहले कई बार सोचने लगे हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली को जांचने के लिए कभी भी किसी भी वक्त थाने में बिना सूचना के पहुंच जाते हैं। इंटरनेट मीडिया में पुलिस से संबंधित पोस्ट पर प्रतिक्रिया भी देते हैं।
रोहतक में सिर-आंखों पर परियां
शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीति में अग्रणी रोहतक अब बेटियों को लेकर भी अग्रणी हो गया है। जिले के लोगों की बेटियों के प्रति मानसिकता में बदलाव आया है। लिंगानुपात में कभी अन्य जिलों से पीछे रहने वाले रोहतक इस बार स्टेट में नंबर-वन पर रहा है। 2021 के आंकड़ों की बात करते हैं चाइल्ड रेशो में लड़कियों का अनुपात एक हजार लड़कों पर 945 है, जो अन्य जिलों से आगे हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ बेटी बचाओ की मुहिम को जिले के लोगों ने सार्थक कर दिया है। इसके लिए जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास रंग लाने में सहायक सिद्ध हुए हैं। लेकिन रोहतक के दो पड़ोसी जिले सोनीपत और झज्जर लिंगानुपात में फिसड्डी रहें। सोनीपत का लिंगानुपात 888 तथा झज्जर का 895 रहा है। स्टेट का लिंगानुपात 914 हैं, जिसमें रोहतक पहले पायदान पर है।