भिवानी में खिसका पहाड़, टी ब्रेक न होता, तो और भयावह हो सकता था हादसा
भिवानी के डडाम में पहाड़ खिसकने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि करीब 20-25 लोगों के मलबे में अब भी दबे होने की आशंका है। सुबह करीब 9 बजे ये घटना घटी और उस समय वहां पर कुछ ही मजदूर मौजूद थे और ज्यादातर टी-ब्रेक पर गए थे।
जागरण संवाददाता, भिवानी। भिवानी में नए साल की सुबह हादसे की शक्ल लेकर आई। भिवानी के तोशाम में भयानक हादसा सामने आया। डाडम के खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसकने से 4 लोगों की मौत हो गई। जबकि 20 से 25 लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना है। इसके अलावा कई माइनिंग की मशीनें, ट्रक और अन्य वाहन समेत करीब 8 से 10 वाहन भी मलबे में दब गए। घटनास्थल पर पुलिस बल मौजूद है, रेस्कयू आपरेशन जारी है। घटनास्थल पर बड़े-बड़े पत्थर मौजूद है जिनके कारण रेस्कयू आपरेशन करने में दिक्कत आ रही है।
टी ब्रेक न होता तो और भी भयानक हो सकता था हादसा
घटनास्थल पर मौजूद लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस समय ये हादसा हुआ उस समय टी ब्रेक था। जिसके कारण बहुत से मजदूर चाय पीने गए हुए थे। ऐसे में कई मजदूर वहां नहीं थे। अगर टी ब्रेक नहीं होता तो हादसा और बड़ा हो सकता था। माइनिंग के दौरान वहां डंपर चालक, मशीन आपरेटर और अन्य कुछ मजदूर ही मौजूद थे।
लापरवाही का जख्म, सियासत का मरहम
हादसे की सूचना मिलते ही डाडम में राजनेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले लोहारू से भाजपा विधायक और कृषि मंत्री जेपी दलाल यहां पहुंचे और हादसे की जानकारी लेते हुए बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। भाजपा की ओर से उनके अलावा सांसद धर्मबीर सिंह और वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेश गौड़ भी पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस के हलकाध्यक्ष हरिसिंह सांगवान, परमजीत मड्डू, जजपा नेता ऋषिपाल फौगाट, इनेलो नेता मा.नरेंद्र वर्मा सहित स्थानीय स्तर के कई राजनेताओं ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। साथ ही राहत कार्यो में प्रशासन की ओर से सुस्ती बरतने तथा खनन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए आर्थिक सहायता मुहैया करवाने की मांग उठाई।