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भव्‍य बिश्‍नाेई बोले- हरियाणा को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बेरोजगारी की गर्त में धकेला

भव्य ने कहा कि जून महीने में ही एमआईई की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा ने देश के राज्यों में बेरोजगारी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर 33.6 फीसद की दर से पहला स्‍थान पाया

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 03:22 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 03:22 PM (IST)
भव्‍य बिश्‍नाेई बोले- हरियाणा को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बेरोजगारी की गर्त में धकेला

हिसार, जेएनएन। कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्‍नोई के बेटे और पूर्व सीएम भजनलाल के पोते एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य भव्य बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हरियाणा को बेरोजगारी के गर्त में धकेलने के लिए जिम्मेवार है। इस सरकार की युवा विरोधी नीतियों का परिणाम आज पढ़े-लिखे नौजवानों को भुगतना पड़ रहा है। भव्य ने कहा कि जून महीने में ही एमआईई की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा ने देश के राज्यों में बेरोजगारी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 33.6 फीसद की दर से देश में पहला स्थान हासिल किया है।

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उन्होंने कहा कि राज्य की सत्ता में बैठे अपरिपक्व नेताओं की सोच का ही परिणाम है कि आज हरियाणा प्रदेश विकास के मामले में पिछड़ कर अपराध और दयनीय कानून व्यवस्था के मामले में देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबा दिया गया है। सरकार कोविड के प्रकोप से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है। आज पंजाब की अपेक्षा हरियाणा में चार गुणा अधिक कोविड के मामले हैं। जबकि पंजाब में लगभग 1 लाख से अधिक लोग विदेशों से आए थे, उसके बावजूद जिस बेहतरीन तरीके से वहां काबू पाया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब देश में बेरोजगारी के मामले में भी 16.8 फीसद की दर से आठवें स्थान पर है।

बिश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को प्रदेश के हितों की ङ्क्षचता नहीं है। इसीलिए हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा जो क्लास वन और श्रेणी दो, की भर्तियां की जा रही हैं। उनमें अधिकांश उम्मीदवार अन्य राज्यों से भर्ती किए जा रहे हैं। युवाओं को भ्रमित करने के लिए अब प्रदेशवासियों को 75 फीसद नौकरियां देने का जुमला छोड़ा है।

वहीं इन्‍हीं आंकड़ों के आधार पर रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा भी बीजेपी सरकार को घेरने में जुटे हैं। वहीं इस पर सीएम मनोहर लाल ने गुरुवार को दिए बयान में कहा था कि इन आंकड़ों को कोई आधार नहीं है। इनमें कोई सत्‍यता नहीं है। ये जारी कौन करता है किस हिसाब से करता है, इसका भी पता नहीं। कोई नहीं बता सकता कि किस राज्‍य में कितना काम है और कितनी बेरोजगारी है।


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